देशभर में लॉकडाउन और 21 दिन तक सब घर में रहेंगे. देश ने कोरोना से लड़ने के लिए यह बड़ा फैसला लिया. साथ ही देश की जनता को कई तरह की छूट भी दी गई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कई बड़े ऐलान किए. बैंकिंग और आयकर रिटर्न से जुड़े इन ऐलानों से निश्चित तौर पर टैक्सपेयर को फायदा होगा. लेकिन, 21 दिन के लॉकडाउन में और कई कदम उठाने की जरूरत है. ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने फिर जनता के लिए आवाज उठाई है. दरअसल, वित्त मंत्री ने पहले भी ज़ी बिज़नेस की मांग को सुना है. ये ही वजह है कि आईटीआर भरने की तारीख को 30 जून तक बढ़ाया गया.

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और क्या होना चाहिए?

अनिल सिंघवी के मुताबिक, 21 दिन का लॉकडाउन पीरियड काफी लंबा है. कोरोना से लड़ने के लिए यह जरूरी है. लेकिन, इसके आफ्टर इफेक्ट कितने होंगे ये अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. इसलिए सरकार को कुछ और जरूरी कदम उठाने होंगे. अनिल सिंघवी के मुताबिक, 3 महीने तक EMI में छूट दे देनी चाहिए. जो भी EMI है, 30 जून तक उन्हें छूट दे देनी चाहिए. लॉकडाउन में कई तरह के बिजनेस कम होंगे. लोगों की नौकरियां भी जा सकती है. इसलिए जरूरी है कि EMI मांगिए मत.

क्यों नहीं मांगना चाहिए EMI?

अनिल सिंघवी के मुताबिक, सरकार को लोन से जुड़े मामले, फ्लैट की रजिस्ट्री, किसी भी तरह की पेमेंट की आखिरी डेट 30 जून कर देनी चाहिए. 31 मार्च के नाम पर कोई भी लीगल एक्शन पर न आएं. जो भी इस तरह का कदम उठाए उसे कोर्ट से फटकार लगनी चाहिए. सरकार का फैसला है कि बाजार खुले रखेंगे. लेकिन, एक्सपायरी बीतने दीजिए तो बाजार में सिर्फ इंस्टीट्यूशनल बिजनेस होगा. रिटेल ब्रोकर आगे काम नहीं कर पाएंगे. रिटेल के लिए बहुत ज्यादा काम नहीं होगा. FIIs और घरेलू फंड्स के लिए बाजार खोलकर रखें ठीक है रख लीजिए. लेकिन, क्लाइंट बुक में काम बंद हो जाएगा.

ट्रेडर्स को क्या करना चाहिए?

अनिल सिंघवी के मुताबिक, शुक्रवार से बाजार का वॉल्यूम और नीचे की ओर जाएगा. पहले ट्रेडर्स के लिए समझिए, बाजार का वॉल्यूम लो है, वॉलैटिलिटी हाई है. ट्रेडर्स के लिए दोनों ही खतरनाक है. ऐसे में ट्रेड नहीं करना है. अगर ट्रेड करना है तो बहुत कम क्वॉन्टिटी में करें. अगर 100 शेयर खरीद सकते हैं तो 25 ही खरीदिए या बेचें. स्टॉप लॉस स्ट्रिक्ट फोलो होना चाहिए. सिर्फ इंट्राडे ट्रेड करना चाहिए. क्योंकि, गैप से ऊपर या नीचे खुलने के आसार है. क्योंकि आप पता नहीं लगा पाएंगे कि आपको कोरोना पर ट्रेड करना है या डाओ की तेजी-मंदी पर ट्रेड करना है या डाओ फ्यूचर्स पर ट्रेड करना है. क्योंकि, कल डाओ फ्यूचर्स ने रिकॉर्ड हाई बनाया है. लेकिन, क्या आपका बाजार हरे निशान में है. देश में लॉकडाउन हो गया. एशियाई बाजारों में तेजी है. ट्रेडर्स के लिए 50 ऐसे सेक्टर हैं, जहां ध्यान रखना होगा. 

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इन्वेस्टर्स क्या करें?

अनिल सिंघवी के मुताबिक, परसों की गिरावट के बाद सबसे बड़ा इंस्टॉलमेंट अब लगाना है. अभी आपके पास 35 फीसदी फंड बचा होगा. जो पहले बात की थी कि अगर 100 रुपए लगाने हैं तो कैसे लगाएं. अब अगली गिरावट पर निफ्टी के 7200 के आसपास आने पर 10-15 फीसदी पैसा और डाल दीजिए. बाकी का 20-25 फीसदी पैसा मत लगाएं. आगे कोई पैनिक आता है तो उसके लिए बचाकर रखें. अनिल सिंघवी के मुताबिक, अब बाजार पर वो उतना निगेटिव नहीं हैं. क्योंकि, पिछले 2 दिन में बाजार में एक्स्ट्रिम वॉलैटिलिटी हो गई है. 90 फीसदी पर इंडिया VIX ट्रेड कर रहा है. लेकिन, कोरोना के नंबर पर अभी भी कॉन्फिडेंस नहीं है कि आगे बढ़ेंगे या नहीं. लेकिन, एक रिस्क जरूर रखना चाहिए. अगर नहीं भी पैसा लगाने का मौका मिला तब भी पैसा बनेगा.