सूखे की मार से 15% कम चीनी उत्पादन के आसार, उत्तम और मवाना शुगर के स्टॉक में गिरावट
राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना संघ लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) ने अक्तूबर में खत्म होने वाले चीनी वित्त वर्ष में कुल उत्पादन घटकर 2.8 से 2.9 करोड़ टन रहने का अनुमान जारी किया है.
इस साल सुस्त मॉनसून का असर कृषि उत्पादन पर जरूर पड़ेगा. इस साल एक तो मॉनसून अपने तय समय से 8-10 दिन की देरी पर आया है, उस पर इसकी रफ्तार काफी कम है. मौसम विभाग पहले ही कम बारिश का अनुमान जारी कर चुका है. मॉनसून की इस कमजोरी का खामियाजा देश के किसानों को भुगतना पड़ेगा. कम बारिश से एक तो उत्पादन कम होगा, दूसरा फसल की लागत कीमत बढ़ जाएगी. देश में चीनी का उत्पादन कम होने की आशंका जाहिर की गई है. गन्ने की कम पैदावार से चीनी के दामों में इजाफा हो सकता है.
राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना संघ लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) ने अक्तूबर में खत्म होने वाले चीनी वित्त वर्ष में कुल उत्पादन घटकर 2.8 से 2.9 करोड़ टन रहने का अनुमान जारी किया है. NFCSF के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने बताया कि ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश भारत 2019-20 में सूखे की मार झेल रहा है, जिसका सीधा असर चीनी उत्पदान पर होगा. इससे पहले के वित्त वर्ष में यह 3.3 करोड़ टन रहा था, जबकि उसके पहले 3.2 करोड़ टन चीनी उत्पादन हुआ था. इस तरह चालू वित्त वर्ष में यह तीन वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच जाएगा.
महाराष्ट्र और कर्नाटक पर सबसे ज्यादा असर
देश में सबसे ज्यादा गन्ने का उत्पादन महाराष्ट्र में होता है और इस बार सूखे का सबसे ज्यादा असर भी यहीं देखा जा रहा है. महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड का कहना है कि कम बारिश की वजह से इस साल प्रदेश में गन्ने का रकबा करीब 28 फीसदी कम हो गया है. चीनी उत्पादन भी पिछले साल के 65 लाख टन के मुकाबले 39 फीसदी कम रहने का अनुमान है. कुछ ऐसी ही हालात कर्नाटक के हैं.
शेखर गायकवाड़ ने बताया कि वर्ष 2018-19 में गन्ने का रकबा 11.62 लाख हेक्टेयर था, जो 2019-20 पेराई सीजन में घटकर 8.43 लाख हेक्टेयर रह गया. राज्य की सोलापुर डिविजन में गन्ने के रकबे में सबसे अधिक गिरावट हुई. यहां रकबा 2.47 लाख हेक्टेयर से 48.49 पर्सेंट गिरकर 1.27 लाख हेक्टेयर रह गया.
गन्ना आयुक्त ने बताया कि सूखे के कारण पशुओं के लिए चारे की समस्या खड़ी हो गई है. इसलिए किसान गन्ने की फसल को पशुओं के चारे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
चीनी के दामों पर होगा असर
जानकार बताते हैं कि चीनी के कम उत्पादन से इसके दामों में इजाफा हो सकता है. हालांकि इन दिनों स्टॉक मार्केट में चीनी उत्पादक कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है. उत्तर शुगर मिल्स के स्टॉक में 5.15 फीसदी, मगध शुगर में 4.98 केसर एंटरप्राइजेज के दामों में 4.95 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.