धनतेरस पर हीरे-जवाहरात खरीदते समय नहीं कटेगी आपकी जेब... अगर अपनाएंगे यह तरीका
धनतेरस पर ग्राहक थोड़ा सस्ते के चक्कर में ठग जाते हैं और बिना हालमार्क या अप्रमाणित हीरा खरीद लेते हैं.
धनतेरस पर स्वर्ण आभूषण, हीरा-जवाहरात की सबसे ज्यादा खरीदारी होती है. कई ग्राहक थोड़ा सस्ते के चक्कर में ठग जाते हैं और बिना हालमार्क या अप्रमाणित हीरा खरीद लेते हैं. हमारे सहयोगी जी बिजनेस चैनल की खबर के मुताबिक नकली या सिंथेटिक हीरे के कारोबार के कारण भारत का डायमंड एक्सपोर्ट 20% गिर गया है. इस बीच देश में रत्न सत्यापन व मूल्यांकन की अग्रणी व स्वतंत्र वैश्विक संस्था इंटरनेशनल जेमोलोजिकल इंस्टीट्यूट (आईजीआई) ने इस त्योहारी सीजन में रत्नाभूषण खरीदने की योजना बना रहे लोगों से सिर्फ प्रमाणित हीरा ही खरीदने की अपील की है.
5 नवंबर को है धनतेरस
प्रमाणिक रत्नाभूषण की खरीदारी को लेकर आईजीआई ने धनतेरस से पहले एक महीने का जागरूकता अभियान 'ऑन ए बिलियन ईयर ओल्ड डायमंड' चलाया है. इस अभियान में आईजीआई के साथ देश के 24 शहरों के प्रमुख आभूषण विक्रेता शामिल हुए हैं. रत्नाभूषण खरीदारी का शुभ त्योहार धनतेरस पांच नवंबर को है.
आधी कीमत पर मिल रही नकली हीरा
लैब में तैयार होने वाला सिथेंटिक हीरा असली हीरे के मुकाबले आधी कीमत पर बिक रहा है. विवेकानंद डायमंड एसोसिएशन के जितुभाई मोरडिया ने बताया कि चीन में सबसे ज्यादा सिंथेटिक हीरे का उत्पादन हो रहा है. इसकी सीधा असर सूरत के हीरा कारोबार पर पड़ा है. सूरत में कई हीरा कारोबारियों ने अपना कारोबार बंद कर दिया है.
हीरे के सत्यापन कारोबार में 25% की ग्रोथ
आईजीआई के अनुसार, मूल्य के प्रति जागरूक भारतीय ग्राहकों और संगठित रत्नाभूषण विक्रेताओं के कारण हीरे के सत्यापन कारोबार में 25 फीसदी की वृद्धि हुई है. आईजीआई-इंडिया के प्रबंध निदेशक तेहमास्प प्रिंटर ने कहा, "भारत में रत्न विज्ञान संबंधी जानकारी व विशेषज्ञता का प्रसार में हमारी लैब अव्वल है. हीरा, रत्न और आभूषण प्रमाणन में हम बाजार में अग्रणी हैं. हीरा और हीरे के आभूषण की खरीदारी में हम ग्राहकों के हितों की रक्षा करते हैं. हम यह सुनिश्चित करते हैं कि आईजीआई से जो हीरा प्रमाणित है वह प्राकृतिक हीरा है और अरब वर्ष पुराना है."