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शेयर बाजार में निवेशकों को शेयरों की खरीद-बिक्री के बाद  अपने डीमैट खाते में शेयर आने के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा. दरअसल शेयर, क्लियरिंग से सीधे क्लाइंट खाते में आने की टाइमलाइन बढ़ा दी गई है. बाजार नियामक सिक्युरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने  शेयरों के निपटान और भुगतान से जुड़े नए नियमों को लागू करने की तारीख  14 अक्टूबर से बढ़ाकर 11 नवंबर 2024 कर दी है. 

क्लाइंट खाते में शेयर आने का वक्त बदलेगा

सेबी के नए दिशा निदर्शों के मुताबिक T+1 के तहत क्लाइंट खाते में शेयर आने का वक्त भी बदलेगा. सेटलमेंट के अगले दिन के 1:30 PM के बदले जिस दिन सेटलमेंट उसी दिन 03:30 PM पर शेयर खाते में आएंगे.  पे आउट के नियम बदलने का ये असर है. सेबी ने यह फैसला बाजार के स्टेक होल्डर्स  (स्टॉक एक्सचेंज,डिपॉजिटरी,ब्रोकर) को नए सिस्टम के साथ  अपने  तकनीकी  ढांचे  को  पूरी  तरह  से  इंटीग्रेड  करने  के  लिए  अधिक  समय  देने  के  लिए  लिया  है. 

क्या कहते हैं नए नियम?

सेबी के नियमों के तहत T+1 सेटलमेंट के तहत, शेयरों की खरीद-बिक्री के अगले दिन (T+1) शाम 1:30 बजे तक निवेशकों के डीमैट खाते में शेयर जमा हो जाते थे. अब यह समय बदलकर उसी दिन शाम 3:30 बजे कर दिया गया है. इसके अलावा पहले शेयरों का निपटान क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन के जरिए होता था, जिसके बाद ब्रोकर के खाते में और फिर निवेशकों के खाते में शेयर ट्रांसफर होते थे.पहले शेयरों का निपटान क्लियरिंग कॉर्पोरेशन के माध्यम से होता था, जिसके बाद ब्रोकर के खाते में और फिर निवेशक के खाते में शेयर ट्रांसफर होते थेय नए नियमों के तहत, शेयर सीधे क्लियरिंग कॉर्पोरेशन से निवेशक के डीमैट खाते में ट्रांसफर होंगे.

2003 से शुरू हुई थी T+1 सेटलमेंट साइकिल

27 जनवरी 2023 में शेयर बाजारों के सभी स्‍टॉक्‍स में T+1 सेटलमेंट साइकिल शुरू हुई थी. फरवरी 2022 से T+1 सेटलमेंट की चरणबद्ध तरीके से शुरुआत हो गई थी. साल 1996 में डी मैट अकाउंट से ट्रेडिंग की शुरुआत हुई थी. इसके बाद 15 जनवरी 1998 T+5 सेटलमेंट से Demat में ट्रेडिंग हुई. 2002 में अप्रैल महीने से T+3 सेटलमेंट साइकिल शुरू हुई थी.  2003 केअप्रैल महीने से T+2 सेटलमेंट साइकिल शुरू हुई थी. फरवरी 2022 से T+1 चरणबद्ध तरीके से शुरुआत हुई थी.