लगातार चौथे हफ्ते बाजार में रही तेजी; FPI, Crude Oil और डॉलर इंडेक्स से तय होगी मार्केट की दिशा
इस हफ्ते सेंसेक्स 65970 और निफ्टी 19795 अंकों पर बंद हुआ. घरेलू बाजार में कोई बड़ी घटनाक्रम के अभाव में FPI, Crude Oil, डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगे.
लगातार चौथे हफ्ते शेयर बाजार में तेजी रही. सेंसेक्स 65970 और निफ्टी 19795 अंकों पर बंद हुआ. विश्लेषकों का कहना है कि इस सप्ताह घरेलू स्तर पर किसी बड़े घटनाक्रम की गैर मौजूदगी में शेयर बाजार काफी हद तक वैश्विक रुझानों से ही तय होंगे. विश्लेषकों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियों, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए की स्थिति भी घरेलू शेयर बाजारों की चाल को प्रभावित करेगी.
बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स अहम
स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘स्पष्ट वैश्विक संकेतों के अभाव में बाजार का रुख मजबूती की उम्मीद में संभवतः अमेरिकी बॉन्ड के यील्ड, डॉलर सूचकांक और कच्चे तेल की कीमतों के साथ-साथ संस्थागत निवेश पर निर्भर करेगा.’ उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म होने तक बाजार की स्थिरता प्रभावित हो सकती है और उस समय तक बाजार का एक स्पष्ट रुझान सामने आ सकता है.
FPI ने 83422 करोड़ की निकासी की
अगस्त से ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) बड़े पैमाने पर भारतीय बाजारों से पूंजी की निकासी कर रहे हैं. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि अगस्त से लेकर 15 नवंबर तक एफपीआई ने कुल मिलाकर 83,422 करोड़ रुपए के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की है.
DII ने 77995 करोड़ की खरीदारी की
हालांकि इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 77,995 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की. डीआईआई के साथ व्यक्तिगत निवेशकों की खरीदारी ने एफपीआई की बिक्री को पूरी तरह से बेअसर कर दिया. विजयकुमार ने कहा कि डीआईआई और व्यक्तिगत निवेशकों की लिवाली का ही असर है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी एक बार फिर 19,700 के आसपास मौजूद है जहां वह अगस्त की शुरुआत में था.
रुपए के मूवमेंट पर भी रखें फोकस
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, ‘बाजार वैश्विक और घरेलू व्यापक-आर्थिक आंकड़ों, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड, कच्चे तेल के भंडारण, एफआईआई एवं डीआईआई के निवेश रुझान और डॉलर के मुकाबले रुपए की चाल पर ध्यान केंद्रित करेगा.’