वायदा कारोबार में चमकीली धातुओं में गिरावट बुधवार को भी जारी रही. सौदे घटने से सोने के दाम में 80 रुपये की कमी दर्ज की गई. चांदी भी 0.02 फीसदी टूटकर 37,358 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गई. उधर, बेस मेटल जस्ता की कीमत 0.89 प्रतिशत की तेजी के साथ 222.25 रुपये प्रति किग्रा हो गई.

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सोना का वायदा भाव गिरा

अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी के बावजूद सटोरियों के सौदे घटाने से बुधवार को वायदा कारोबार में सोना भाव 80 रुपये तक टूटकर 31,676 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. एमसीएक्स में जून डिलिवरी के लिए सोना वायदा भाव 80 रुपये यानी 0.25 प्रतिशत टूटकर 31,676 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. इसके लिए 13,127 लॉट का कारोबार हुआ.

इसी तरह अगस्त डिलिवरी का भाव 78 रुपये यानी 0.24 प्रतिशत गिरकर 31,779 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. इसमें 1,992 लॉट का कारोबार हुआ. वैश्विक स्तर पर सिंगापुर में सोना 0.08 प्रतिशत मजबूत होकर 1,291.08 डॉलर प्रति औंस रहा.

चांदी टूटी

विदेशों में चांदी में आई मजबूती के बावजूद व्यापारियों की मुनाफावसूली के बीच वायदा कारोबार में बुधवार को चांदी की कीमत 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 37,358 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई. एमसीएक्स में मई डिलीवरी वाले चांदी का वायदा भाव नौ रुपये यानी 0.02 प्रतिशत टूटकर 37,358 रुपये प्रति किलोग्राम रह गये. इसमें 22,600 लॉट का कारोबार हुआ.

इसी तरह चांदी के जुलाई डिलीवरी अनुबंध की कीमत 17 रुपये अथवा 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 37,904 रुपये प्रति किलो रह गयी जिसमें 83 लॉट के लिए कारोबार हुआ.

मुनाफावसूली के लिए कारोबारियों द्वारा अपने सौदों की कटान करने से यहां चांदी वायदा कीमतों में गिरावट आई. हालांकि वैश्विक बाजार में मजबूती के रुख ने गिरावट को कुछ सीमित कर दिया. अंतरराष्ट्रीय बाजार सिंगापुर में बुधवार को चांदी का भाव 0.95 प्रतिशत की तेजी के साथ 15.16 डॉलर प्रति औंस हो गया.

जस्ता की कीमतों में तेजी

मांग में आई तेजी के बीच हाजिर बाजार में मजबूती के रुख को देखते हुए वायदा कारोबार में बुधवार को जस्ता की कीमत 0.89 प्रतिशत की तेजी के साथ 222.25 रुपये प्रति किग्रा हो गई. एमसीएक्स में जस्ता के मई महीने में डिलिवरी वाले अनुबंध की कीमत 1.95 रुपये अथवा 0.89 प्रतिशत की तेजी के साथ 222.25 रुपये प्रति किग्रा हो गई. इसमें 129 लॉट के लिए कारोबार हुआ.

हाजिर बाजार में उपभोक्ता उद्योगों की मांग में तेजी के कारण कारोबारियों ने ताजा सौदों की लिवाली की जिससे मुख्यत: यहां वायदा कारोबार में जस्ता कीमतों में तेजी आई.

क्रूड ऑयल में तेजी

विदेशों में मजबूती के रुख को देखते हुए कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे बुधवार को वायदा कारोबार में कच्चा तेल की कीमत 0.02 प्रतिशत की तेजी के साथ 4,323 रुपये प्रति बैरल हो गई. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अप्रैल महीने में डिलिवरी वाले कच्चा तेल अनुबंध के भाव दो रुपये यानी 0.02 प्रतिशत की तेजी के साथ 4,323 रुपये प्रति बैरल हो गये जिसमें 1,687 लॉट का कारोबार हुआ.

बाजार विश्लेषकों ने कहा कि विदेशों में मजबूती के रुख के साथ कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने से यहां वायदा कारोबार में कच्चातेल कीमतों में तेजी आई.

इस बीच, वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) कच्चे तेल का भाव 0.37 प्रतिशत बढ़कर 61.81 डॉलर प्रति बैरल तथा बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल का भाव 0.62 प्रतिशत की तेजी के साथ 69.80 डॉलर प्रति बैरल हो गया.

चना वायदा फिसला 

चना वायदे में पिछले सत्रों में आई जोरदार तेजी के बाद मुनाफावसूली के कारण बुधवार को कीमतों में नरमी का रुख देखने को मिला. नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीएक्स) पर चने का अप्रैल डिलिवरी अनुबंध बुधवार को पूर्वाह्न् 11.23 बजे पिछले सत्र के मुकाबले 11 रुपये यानी 0.24 फीसदी की गिरावट के साथ 4,502 रुपये प्रति क्विंटल पर बना हुआ था. इससे पहले मुनाफावसूली के चलते भाव 4,481 रुपये तक फिसला. पिछले सत्र में चने का भाव एनसीडीएक्स तीन महीने के ऊंचे स्तर 4,529 रुपये प्रति क्विंटल पर चला गया था. 

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि पिछले सत्रों में चने में आई तेजी सरकार द्वारा मटर आयात का सालाना कोटा तय किए जाने से प्रेरित थी और अब ऊपरी भाव पर मांग कमजोर है इसलिए कीमतों में नरमी आ सकती है, हालांकि अभी हाजिर भाव में स्थिरता देखी जा रही है. दिल्ली की लॉरेंस रोड मंडी में राजस्थान लाइन चने का भाव पिछले सत्र के मुकाबले स्थिरता के साथ 4,500 रुपये प्रति क्विंटल और मध्यप्रदेश लाइन चना 4,450 रुपये प्रति क्विंटल पर बना हुआ था. बाजार सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में बुधवार को चने की आवक 35 ट्रक के करीब रही.

केंद्र सरकार ने मटर आयात की सीमा वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 1.5 लाख टन तय कर दी है. विश्लेषक बताते हैं कि मटर की आपूर्ति कम होने से इसकी कीमतों में तेजी रहने की संभावनाओं से पिछले सत्रों में चने में तेजी आई क्योंकि अब मटर की जगह चने की खपत बढ़ जाएगी. हालांकि आगे चने की घरेलू आवक बढ़ने से कीमतों पर दबाव आ सकता है.