चीन की इस कंपनी ने खुद को दिवालिया क्या घोषित किया, मार्केट की हालत हो गई पतली; चीनी शेयर बाजार हुए धड़ाम
एशिया पैसेफिक में चीनी स्टॉक मार्केट के साथ हॉन्ग कॉन्ग मार्केट में भी गिरावट आई. हांग सेंग इंडेक्ट बाजार के आखिरी घंटे में 2 पर्सेंट तक नीचे गिर गया. हेल्थकेयर स्टॉक्स में सबसे ज्यादा गिरावट आई. इसके अलावा मेनलैंड चीन के CSI 300 में 1.29% की गिरावट दर्ज हुई.
चीनी शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट दर्ज हुई है. पिछले कुछ वक्त से चीन में रियल एस्टेट सेक्टर में कई बड़ी कंपनियों ने दिवालिया घोषित किया है. दरअसल, चीन की शैडो बैंकिंग फर्म Zhongzhi Enterprise Group ने शुक्रवार को Bankruptcy के लिए फाइल किया है, जिसके बाद सोमवार को चीनी शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है.
एशिया पैसेफिक में चीनी स्टॉक मार्केट के साथ हॉन्ग कॉन्ग मार्केट में भी गिरावट आई. हांग सेंग इंडेक्ट बाजार के आखिरी घंटे में 2 पर्सेंट तक नीचे गिर गया. हेल्थकेयर स्टॉक्स में सबसे ज्यादा गिरावट आई. इसके अलावा मेनलैंड चीन के CSI 300 में 1.29% की गिरावट दर्ज हुई.
Zhongzhi Enterprise Group ने बिगाड़ा मूड
शैडो बैंकिंग कॉन्गलोमरेट Zhongzhi Enterprise Group की ओर से बैंकरप्सी के लिए फाइल करने के बाद ब्रॉडर चीनी इक्विटी में बड़ी बिकवाली शुरू हो गई. ग्रुप ने इस आधार पर दिवालिया घोषित कनरे की अपील की है कि वो उसके पास इतनी संपत्ति ही नहीं रह गई है, जिससे कि वो अपने बकाये चुका सके. ग्रुप ने पिछले साल नवंबर में अपने निवेशकों से माफी मांगते हुए कहा था कि वो अपना बकया नहीं चुका पाएगी, क्योंकि वो बुरी तरह दिवालिया होने की स्थिति में है.
चीन के प्रॉपर्टी सेक्टर की हालत बुरी
Zhongzhi Enterprise Group जैसी जो कंपनियां हैं, वो चीन में बड़े प्रॉपर्टी डेवलपर्स को फाइनेंस करती हैं, इसके लिए वो आम निवेशक और कॉरपोरेट निवेशकों के डिपॉजिट पर रियल एस्टेट, स्टॉक्स, बॉन्ड्स और कमोडिटीज़ में निवेश करने के लिए पैसे देती हैं. Zhongzhi Enterprise Group का भी चीन के रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा मार्केट शेयर है, ऐसे में बैंकरप्सी फाइल किए जाने से वहां चीन में प्रॉपर्टी क्राइसिस और गहरी हो गई है.
Reuters के मुताबिक, चीन का प्रॉपर्टी सेक्टर बुरी तरह कर्ज से दबा हुआ है और 2020 से ही कम लिक्विडिटी का दबाव झेल रहा है. 2021 के बाद से कई डेवलपर्स ने डिफॉल्ट कर दिया है, जिसके चलते चीन के आर्थिक वृद्धि पर असर पड़ा है और इससे ग्लोबल शेयर बाजारों में भी दबाव दिखाई दे रहा है.