बाजार और ब्याज दरों का क्या है कनेक्शन? अनिल सिंघवी ने बताया मार्केट में कब डालें पैसा, कहां बनता है मुनाफा
Wealth Creation Research: अनिल सिंघवी ने कहा कि ब्याज दरें बढ़ना शुरू होकर टॉप तक पहुंचती हैं. उसके बाद स्थिर रहती हैं. फिर घटना शुरू होकर बॉटम तक पहुंचती हैं. फिर बढ़ने से पहले स्थिर रहती हैं.
Wealth Creation Research: दुनियाभर के बाजारों में फेड पॉलिसी के पॉजिटिव गाइडेंस से रौनक देखने को मिल रही. भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूते नहीं. बाजार में जबरदस्त तेजी है. मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने ब्याज दरों और शेयर बाजार के कनेक्शन पर बेहद रोचक एनलिसिस किया है. इसमें ब्याज दरों के घटने और बढ़ने का बाजार पर असर की रिसर्च और निवेश की टाइमिंग पर सटीक स्ट्रैटेजी दी है.
स्टॉक मार्केट और ब्याज दरों का कनेक्शन?
मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि हमने की ब्याज दरों के बढ़ने-घटने पर रिसर्च की. इसमें पिछले 4 बार के ब्याज दरों के साइकल की हमने की रिसर्च की गई. फिर पता चला कि ब्याज दरें बताती हैं बाजार में कब पैसा लगाएं.
क्या होता है ब्याज दरों का साइकल?
अनिल सिंघवी ने कहा कि ब्याज दरें बढ़ना शुरू होकर टॉप तक पहुंचती हैं. उसके बाद स्थिर रहती हैं. फिर घटना शुरू होकर बॉटम तक पहुंचती हैं. फिर बढ़ने से पहले स्थिर रहती हैं.
ब्याज दरों के हिसाब से कब पैसा लगाएं?
मार्केट गुरु ने कहा कि ब्याज दरों का टॉप बनने के बाद से स्थिर रहने के समय में निवेश करना चाहिए. ब्याज दरों में कमी के साथ मुनाफा होगा. बॉटम बनने के बाद ब्याज दरें स्थिर रहने तक होल्ड करें. फिर से ब्याज दरें बढ़ने लगे तो मुनाफावसूली करें. इस दौरान बैंक निफ्टी और मिडकैप में सबसे ज्यादा पैसा बनता है. खासकर ऑटो और रियल एस्टेट सेक्टर अच्छा रिटर्न देते हैं.