देश के प्रमुख अरंडी उत्पादक राज्य गुजरात में सूखे की वजह से इस साल अरंडी का रकबा पिछले साल के मुकाबले तकरीबन सात फीसदी कम है, जिससे उत्पादन 20 फीसदी से ज्यादा घटने का अनुमान है. वनस्पति तेल उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में अरंडी का रकबा 2018-19 में 7,69,570 लाख हेक्टेयर जोकि पिछले साल के 8,21,600 हेक्टेयर से 6.64 फीसदी कम है. उद्योग संगठन का अनुमान है कि अरंडी उत्पादन 2018-19 में 11.26 लाख टन हो सकता है जोकि 2017-18 के अनुमान 14.16 लाख टन से 20.48 फीसदी कम है. 

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गुजरात में इस साल अरंडी का रकबा 5.34 लाख हेक्टेयर है जोकि पिछले साल 2017-18 के रकबे 5.91 लाख हेक्टेयर से 9.68 फीसदी कम है. एसईए ने गुजरात में अरंडी की उत्पादकता इस साल 17.51 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान लगाया है जो पिछले साल के मुकाबले 13.7 फीसदी कम है. इस प्रकार प्रदेश में अरंडी का उत्पादन करीब 9.35 लाख टन हो सकता है. 

उद्योग संगठन ने राजस्थान में अरंडी की उत्पादकता में 22.1 फीसदी की कमी आने का अनुमान लगाया है, जिसके चलते प्रदेश में इस साल उत्पादन करीब 1.45 लाख टन रह सकता है. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अरंडी की उत्पादकता में 13.4 फीसदी की कमी के साथ उत्पादन तकरीबन 25,000 टन रहने का अनुमान है. इसके अलावा अन्य राज्यों में अरंडी का कुल उत्पादन करीब 22,500 टन रहने का अनुमान है. 

उद्योग संगठन ने देशभर में अरंडी की उत्पादकता 15.20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान लगाया है जोकि पिछले साल के मुकाबले 12.6 फीसदी कम है. एसईए ने एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर पिछले सप्ताह अहमदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में ये आंकड़े जारी किए.