रियल एस्टेट (Real Estate) को सुस्ती के दौर से उभारने के लिए बुधवार की रात वित्त मंत्री (Finance Minister) ने 25,000 करोड़ रुपये का कोष बनाए जाने की घोषणा की थी. वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman) ने अधूरे पड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए कोष बनाकर रियल एस्टेट कंपनियों की मदद का ऐलान किया है.

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सरकार के इस ऐलान के बाद से हाउसिंग सेक्टर (Housing Sector) में हलचल देखी जा रही है. शेयर मार्केट (Share Market) में हाउसिंग कंपनियों के स्टॉक में भी तेजी देखने को मिल रही है. रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ (DLF) के स्टॉक में 3.70 फीसदी का उछाल आया हुआ है.

डीएलएफ (DLF) एक ऐसी कंपनी है, जो मंदी के दौर में भी लगातार अपना कारोबार कर रही है. डीएलएफ ने एक ही दिन में 13 अक्टूबर को करीब 700 करोड़ के फ्लैट्स की बिक्री की थी. 

वित्त वर्ष 2020 के लिए कंपनी ने 2700 करोड़ के फ्लैट्स की बिक्री की गाइडलाइन जारी की हुई है. जेवी में 8700 करोड़ रुपये का भुगतान कर सेटलमेंट किया है. इस तरह कंपनी की बैलेंसशीट काफी मजबूत हो गई है. 

 

मुनाफे की रफ्तार

मुनाफे का ट्रेंड देखे तो डीएलएफ का पिछले 5 सालों से लगातार मुनाफा बढ़ रहा है. साल 2015 में कंपनी को करीब 940 करोड़ रुपये का मुनाफा था. साल 2017 में यह बढ़कर 974 करोड़ पर पहुंच गया. मंदी के दौर में भी डीएलएफ ने पिछले साल 2018 में 365 करोड़ का मुनाफा कमाया था, जोकि इस साल बढ़कर 688 करोड़ पर पहुंच गया है.

आने वाले समय में डीएलएफ के मुनाफे में 20 फीसदी का इजाफा देखने को मिल सकता है. 

 

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खरीदने की सलाह

मार्केट एक्सपर्ट डीएलएफ के शेयर को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने की सलाह दे रहे हैं. जेपी मॉर्गेन 280 के टारगेट और एचडीएफसी सिक्योरिटीज 258 के टारगेट पर इस स्टॉक को खरीदने की सलाह दे रहे हैं.

ये हैं रिस्क

डीएलएफ के स्टॉक में कुछ रिस्क फैक्टर भी हैं. जैसे- इस समय घरों की खरीद में मंदी का दौर चल रहा है, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर लगातार ध्यान दे रही है. लीज रेंटल स्पेस में सुस्ती की वजह से कंपनी के मुनाफे पर थोड़ा सा असर देखने को मिल सकता है.