Budget 2024: शेयर बाजार नए साल में एंट्री कर चुका है. नए साल में बजट भी है और लोकसभा चुनाव भी. दो बड़े इवेंट में बाजार की चाल काफी एक्शन वाली रहेगी. इसमें निवेशकों क्या करना चाहिए? बजट को लेकर क्या उम्मीदें हैं? बजट और इलेक्शन का शेयर बाजार पर कितना असर पड़ेगा? इन सभी सवालों के जवाब के लिए ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने Edelweiss AMC की MD & CEO और AMFI की वाइस चेयरपर्सन राधिका गुप्ता से एक्सक्लूसिव बातचीत की है. 

बजट 2024 को लेकर क्या हैं उम्मीदें? 

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राधिका गुप्ता ने कहा कि साल दर साल शेयर बाजार के लिए बजट की अहमियत कम होती जा रही. क्योंकि रिफॉर्म्स को लेकर ऐलान करना बजट ही एकमात्र जरिया नहीं रह गया है. मौजूदा सरकार पहले से तय विजन जैसे आत्मनिर्भर भारत और अमृतकाल को लेकर लगातार सरकार काम कर रही. ऐसे में बजट में इस दिशा में क्या ऐलान होंगे इस पर नजर रहेगी. उन्होंने कहा कि मई में चुनाव से पहले बजट है. इसमें केंद्र सरकार कैपिटल एक्सपेंडिचर पर लगातार फोकस करे. एक बार पुराना ट्रैक रिकॉर्ड पर नजर डालें तो लोकलुभावने बजट की संभावना कम है. 

बजट में क्या बातें हैं जरूरी?

राधिका गुप्ता ने कहा कि कैपेक्स के अलावा दो-तीन चीजें बेहद जरूरी हैं. PLI स्कीम बहुत सफल रही है, जिससे मैन्युफैक्चरिंग इन इंडिया को सफल होते हुए देखा जा रहा. क्योंकि इस स्कीम के जरिए मैन्युफैक्चरिंग के लिए स्केल पर इंसेंटिव मिले हैं. इसकी सफलता के रूप में मोबाइल फोन सेक्टर को देखा जा सकता है. ऐसे में PLI स्कीम को जारी रखना बेहद जरूरी है. 

दूसरी बात देश के युवाओं की संख्या है, जोकि एज है और आगे लाइबिलिटी भी बन सकती है. इसे स्किल करने पर काम करना होगा. क्योंकि आने वाले 10 साल रोजगार के लिहाज से क्रिटिकल होने वाला है. तीसरा, डिफेंस पर सरकार ने अच्छा काम किया है, जिसमें आत्मनिर्भरता बढ़ी है. इसके तहत काफी बजट अब स्वदेशी खरीद के लिए जाता है. इसे लगातार जारी रहते हुए देखने की उम्मीद है. 

फिस्कल डेफिसिट को लेकर क्या है अनुमान?

राधिका गुप्ता ने कहा कि ग्रॉस GST कलेक्शन तो अचीव हो जाएगी. इसमें कोई दिक्कत नहीं होगी. हालांकि, क्रूड को लेकर चिंताएं हैं. विनिवेश को भी देखना होगा. ऐसे में फिस्कल डेफिसिट का टारगेट अचीव कर सकते हैं या फिर थोड़ा सा पीछे रह सकते हैं. 

शेयर बाजार के लिए कितना अहम है बजट?

राधिका गुप्ता ने कहा कि बजट या फिर इलेक्शन का असर शेयर बाजार पर कम अवधि के लिए ही होता है. उन्होंने कहा कि भारत को एक इवेंट या फिर एक साल के लिए ना देखें. बल्कि दशकों वाली स्ट्रैटेजी से देखें तभी निवेशकों का पैसा बनेगा. राधिका गुप्ता कहती हैं कि भारत की इकोनॉमी 10 ट्रिलियन डॉलर की होने वाली है. इसमें निवेशकों को भाग लेना है. ये एक मल्टीसेक्टोरल इकोनॉमी है.