Budget 2024: आज सुबह 11 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी. बजट से ठीक पहले शेयर बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिली. 31 जनवरी को सेंसेक्स 612 अंकों की तेजी के साथ 71752 और निफ्टी 203 अंकों की तेजी के साथ 21725 अंकों पर बंद हुआ. अभी तक वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री की तरफ से जो संकेत मिले हैं उसके मुताबिक, कोई बड़े ऐलान की उम्मीद नहीं है. ऐसे में मार्केट गुरु अनिल सिंघवी से जानिए कि बजट के बाद शेयर बाजार पर किस तरह का असर देखने को मिल सकता है.

निवेशकों के लिए किसी बैड न्यूज की आशंका कम

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अनिल सिंघवी ने कहा कि अगर Budget 2024 में कुछ बड़े ऐलान नहीं होते हैं तो भी बाजार पर कोई निगेटिव असर नहीं होगा. बड़े ऐलान का ना होना निगेटिव नहीं है. बुरी खबर का ना होना ही बाजार के लिए गुड न्यूज माना जाता है. शायद यही वजह है कि बजट से ठीक पहले बाजार में कल तेजी देखने को मिली.

पॉप्युलिस्ट बजट का क्या फायदा होगा?

मार्केट गुरु ने कहा कि अगर वित्त मंत्री चुनाव के मद्देनजर चुनावी बजट (Populist Budget) पेश करती हैं तो इसका मतलब महिला, युवा और मिडिल क्लास को बढ़ावा मिलेगा. चुनावी बजट में सरकार जनता के हाथ में ज्यादा पैसे देने की कोशिश करेगी जिससे कंजप्शन बढ़ेगा. इससे रूरल इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा.

कैपेक्स पर फोकस रखना जरूरी

राजकोषीय स्थिति को लेकर अनिल सिंघवी ने कहा कि GDP का आंकड़ा 330 लाख करोड़ रुपए का हो सकता है. वित्त वर्ष 2025-26 तक वित्तीय घाटे यानी फिस्कल डेफिसिट का टारगेट 4.5% तक रखा जा सकता है. कैपेक्स पर फोकस होगा और यह 11.5 लाख करोड़ रुपए का हो सकता है.

रेलवे और डिफेंस पर खर्च बढ़ाया जा सकता है

 

सेक्टर्स की बात करें तो रेलवे और डिफेंस पर खर्च बढ़ाया जा सकता है. इन्फ्रा और सीमेंट पर फोकस रहेगा. इसके अलावा PLI और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की कोशिश होगी. न्यूक्लियर, सोलर, रिन्यूएबल और ग्रीन एनर्जी पर फोकस रहेगा.  इलेक्ट्रिक व्हीकल और फ्लेक्सी बायो फ्यूल को रियायतें संभव है. मिडिल क्लास को छोटे होम लोन के ब्याज पर राहत मिल सकती है.

किस तरह का बजट अच्छा बजट माना जाएगा?

मार्केट गुरु ने कहा कि अगर आज के दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोई छेड़छाड़ नहीं करें और  जो चल रहा है वो चलने दें तो Budget 2024 को अच्छा माना जाएगा. वित्तीय घाटे को काबू में करे सरकार, क्योंकि इकोनॉमिक ग्रोथ आउटलुक को यह सपोर्ट करेगा.  कैपेक्स पर सरकार का फोकस बना रहना चाहिए. मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में अगर रियायत मिल जाती है और निवेशकों पर कोई टैक्स ना बढ़ाएं तो इसे हर लिहाज से अच्छा बजट माना जाएगा.