Budget 2020: DI पाइप्स, वाटर ट्रीटमेंट कंपनियों को मिल सकता है बड़ा बूस्ट, यहां रखें नजर
ज़ी बिज़नेस की एक्जिक्यूटिव एडिटर स्वाती खंडेलवाल के मुताबिक, सरकार के इस मिशन का फायदा DI पाइप्स और वाटर ट्रीटमेंट कंपनियों को मिलेगा. आने वाले 5 सालों में इन कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिल सकता है.
देश में पीने वाले पानी की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार बजट 2020 (Budget 2020) में बड़ा ऐलान कर सकती है. सरकार ने हाल ही में 'जल जीवन है' मिशन को शुरू किया है. इस मिशन के तहत सरकार का फोकस देश के सभी घरों में साफ पानी पहुंचाने का है. ज़ी बिज़नेस की एक्जिक्यूटिव एडिटर स्वाती खंडेलवाल के मुताबिक, सरकार के इस मिशन का फायदा DI पाइप्स और वाटर ट्रीटमेंट कंपनियों को मिलेगा. आने वाले 5 सालों में इन कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिल सकता है.
पानी की समस्या को दूर करेगी सरकार
आपको बता दें कि सरकार इस बार के बजट में पानी को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है. सरकार के 'जल जीवन है' मिशन में हर घर जल की बात की गई है. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य देश के सभी घरों तक साफ जल पहुंचाना है. हमारे देश में अभी भी कई गांव ऐसे हैं जहां पर लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता है तो इस मिशन से सरकार पानी की समस्या को दूर करेगी.
जानिए इस मिशन की खासियत-
- सरकार इस बजट में जल मिशन के लिए 45 हजार करोड़ रुपए का शुरुआती आवंटन कर सकती है.
- इस साल के बजट में सरकार जल जीवन है मिशन को बड़ा बूस्ट देने की तैयारी में है.
- सरकार ने हाल ही में इस मिशन को पूरा करने के लिए एक मिनिस्ट्री बनाई है.
- वॉटर ट्रीटमेंट एंड प्यूरिफिकेशन पर सरकार 5 साल में लगभग 2.7 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी.
- सरकार पीने के पानी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का फोकस है.
81 फीसदी घरों में नहीं है साफ पानी
बता दें कि अभी भी हमारे देश के लगभग 81 फीसदी घरों में पीने के लिए पानी नहीं है तो इसी समस्या को खत्म करने के लिए नया प्लान बनाया है. इस प्लान के तहत आपको पीने के लिए साफ पानी मिलेगा.
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इन कंपनियों पर रहेगा फोकस
बता दें कि इस मिशन के तहत DI पाइप्स (Ductile iron pipes) और इलेक्ट्रोस्टील कंपनियों पर फोकस रहेगा. DI पाइप्स (Ductile iron pipes) में पीने के पानी को ट्रांसपोर्ट किया जाता है. इसके अलावा इलेक्ट्रोस्टील पर भी सरकार के इस मिशन का असर देखने को मिलेगा. इसके साथ ही आगे आने वाले समय में वॉटर ट्रीटमेंट कंपनियां फोकस में रहेंगी.