सऊदी अरब की सरकारी पेट्रोलियम कंपनी सऊदी अरामको ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लांच किया और अपने प्राइस रेंज के ऊपरी स्तर पर 2,560 करोड़ डॉलर (करीब 1.80 लाख करोड़ रुपये) जुटाए हैं. इस IPO के जरिए मिली रकम के आधार पर अरामको IPO से सबसे ज्यादा पैसे जुटानी वाली कंपनी बन गई है. इससे पहले यह रिकॉर्ड चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के नाम था, जिसने 2014 में आइपीओ के जरिए 2,500 करोड़ डॉलर जुटाए थे.

शुरूआत में ही जबरदस्त सब्सक्रिप्शन
आमतौर पर, सऊदी अरब (Saudi Arabia) में IPO को कई बार ओवरसब्सक्राइब किया जाता है. इसके बावजूद कंपनी को जबरदस्त रिसपांस मिला है. सऊदी अरामको पहले ही कह चुका है कि इस आईपीओ का 0.5 फीसदी हिस्सा रिटले खरीदारों के लिए और 1 फीसदी या 2 अरब शेयर संस्थागत निवेशकों के लिए रिजर्व रहेंगे. अरामको से पहले सऊदी अरब में सबसे बड़ा आईपीओ साल 2013 में नेशनल कमर्शियल बैंक (NCB) का आया था. इस बैंक ने 6 अरब डॉलर जुटाने का टारगेट बनाया था और यह कई बार ओवरसब्सक्राइब हुआ था.
 
अभी तक अलीबाबा टॉप पर
अभी तक सबसे बड़े आईपीओ होने का खिताब चीन अलीबाबा (Alibaba) ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड के नाम है. इस आईपीओ के जरिए 2014 में अलीबाबा ने 25 अरब डॉलर जुटाए थे. सऊदी अरामको ने 25.6 अरब डॉलर जुटाने का टारगेट तय किया है. इसलिए अब यह अलीबाबा को पछाड़ कर दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ बन जाएगा.
 
 

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रिलायंस इंडस्ट्रीज से हुई है ये डील

मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की सऊदी अरामको के साथ हिस्सेदारी बिक्री को लेकर बातचीत चल रही है. रिलायंस की 42वीं एजीएम में यह साफ किया गया था कि अरामको रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऑयल-टु-केमिकल बिजनेस का 20 फीसदी हिस्सा खरीदेगी. इसके लिए सऊदी अरामको 15 अरब डॉलर का निवेश करेगी, जो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के मामले में अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा. हिस्सेदारी खरीदने के बाद रिलायंस रिफाइनरी को अरामको रोजाना पांच लाख बैरल कच्चे तेल की सप्लाई करेगी.