Editor's Take: घरेलू शेयर बाजार इस वक्त बहुत ही निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं. बाजार अक्टूबर की लगातार गिरावट के बाद अब थोड़ी रिकवरी के संकेत दे सकते हैं. इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे बाजार अब चार्ट्स पर ओवरसोल्ड दिख रहे हैं. दूसरी तिमाही के जो कमजोर नतीजे बाजार को डरा सकते थे, वो आ चुके हैं. बैंक निफ्टी और आईटी इंडेक्स बाजार को सपोर्ट कर सकते हैं. ऐसे में बाजार में रिकवरी देखने को मिल सकती है. अब अच्छी खरीदारी दिख सकती है, क्योंकि अच्छे शेयर सस्ते में मिल रहे हैं. अनिल सिंघवी से बाजार का विश्लेषण समझिए संक्षेप में

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क्यों आ चुका है खरीदारी का वक्त?

इजरायल-ईरान का तनाव कम हुआ है. इजरायल का आक्रमण बाकी था, अब हो गया. अच्छी बात है कि तेल और न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला नहीं हुआ. संभावना है कि मामला यहीं खत्म हो जाए. कच्चे तेल के दाम लुढ़कना अच्छा संकेत है. कच्चा तेल 4 पर्सेंट गिरकर 73 डॉलर के नीचे आ गया है.

नतीजों का बुरा दौर खत्म?

ICICI Bank के अच्छे नतीजों से बैंक निफ्टी को सपोर्ट मिलेगा. IT और बैंक्स निफ्टी को सहारा दे सकते हैं.  SBI के अलावा ज्यादातर दिग्गजों के नतीजे आ चुके हैं. कुछ मिडकैप नतीजे कमजोर आ सकते हैं. लेकिन दिग्गजों में अब एक्सीडेंट की संभावना कम लगती है.

FIIs की बिकवाली कम होने के संकेत?

इस महीने अब तक एक लाख करोड़ की बिकवाली आई है. घरेलू फंड्स ने इसका पूरा मुकाबला किया है. Stocks और Index फ्यूचर्स में हल्की खरीदारी के संकेत आ रहे हैं. कैश में भी बिकवाली की रफ्तार धीमी हुई है. Index फ्यूचर्स घटकर सिर्फ 37% हो गया है. 

सब तरफ पैनिक का माहौल 

अब रिटेल और HNI निवेशस पैनिक में बेच रहे हैं. ‘क्या खरीदना है’ से मूड बदलकर ‘क्या सब कुछ बेच दूं’ वाला दिख राह है. सेंटिमेंट वाइज करेक्शन अच्छा खासा आ चुका है. अब सब लोग मंदी के मूड में हैं. 23,000 और नीचे  टारगेट दे रहे हैं. चार्ट्स पर भी मार्केट ओवरसोल्ड ही दिख रहे हैं. पिछले 9 में से 8 दिन निफ्टी निगेटिव बंद हो रहा है. टॉप से लगभग 2200 प्वाइंट गिर भी चुका है. वहीं, बैंक निफ्टी टॉप से लगभग 4000 प्वाइंट यानी करीब 8% गिर चुका है. 

अच्छे शेयर सस्ते में 

अब अच्छी बात है कि अच्छे शेयर सस्ते में मिल रहे हैं. महंगे वैल्यूएशन की बड़ी चिंता थी. कई शेयरों में 30-60% तक की गिरावट आई है. अब सही भाव पर आ चुके हैं. मजबूत फंडामेंटल वाले शेयर खरीदारी का मौका दे रहे हैं. 

क्यों है अब भी गिरावट का खतरा?

इजरायल-ईरान का तनाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. अमेरिकी चुनाव के नतीजे बड़ा असर डाल सकते हैं. FIIs की बिकवाली धीमी लेकिन अभी भी खरीदारी के मूड में नहीं हैं. बड़े IPO और प्रमोटर्स की बिकवाली से लिक्विडिटी कम होने का डर है. मूड अच्छा करने वाले नतीजों की उम्मीद नहीं है. और बाजार अभी टेक्निकली कमजोर दिखाई दे रहे हैं.

कब और कैसे मिलेगा बाजार को डायरेक्शन?

नवंबर के दूसरे हफ्ते तक बाजार की दिशा तय होगी. अमेरिकी चुनाव के नतीजे आ जाएंगे. रिजल्ट सीजन लगभग खत्म हो जाएगा. इजरायल-ईरान के बीच स्थिति साफ होने की संभावना है. बड़े IPO भी लिस्ट हो जाएंगे. उम्मीद करें कि FIIs भी बेचकर थक जाएंगे. घरेलू निवेशकों के अक्टूबर के म्युचुअल फंड आंकड़े भी आ जाएंगे. प्राइस के साथ टाइम वाइज करेक्शन भी हो जाएगा.

क्या करें Traders?

स्टॉक स्पेसिफिक उतार-चढ़ाव बढ़ने की संभावना है. पिछले दिन के हाई के ऊपर बंद होने पर कमजोरी खत्म होने का संकेत मिलेगा. रिकवरी में बैंक और IT  लीडरशिप देंगे. जब भी रिकवरी आएगी तो पिटे हुए PSU शेयर तेज दौड़ेंगे. ओवरनाइट पोजीशन अब भी कम रखें.

क्या करें Investors?

अब से लेकर 15 नवंबर तक निवेश के मौके ढूंढे. अब ‘Short Blast SIP’ का वक्त है. लेकिन इस बार थोड़ा लंबे समय के लिए निवेश करें.  शायद जल्दी और ज्यादा पैसा ना बने. दूसरी किस्त मौजूदा लेवल्स पर डाले. अगर 23000-23200 रेंज आए तो और पैसा डालें.