कोरोना (Coronavirus) के चलते भारतीय बाजार की हालत काफी खराब है. सोमवार को इंडियन शेयर मार्केट (Indian share market) में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है. बाजार में इस समय पैनिक का माहौल बना हुआ है, जिसके कारण सभी निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं. इसके अलावा बाजार में बढ़ाए गए मार्जिन के कारण भी बिकवाली देखने को मिली है. इसी बीच ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी (Anil singhvi) ने आनंद राठी ग्रुप के चेयरमैन आनंद राठी से खास बातचीत की इस बातचीत में उन्होंने निवेशकों को सलाह देते हुए कहा कि इस समय बिल्कुल भी पैनिक होने की जरूरत नहीं है. 

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मार्जिन का करें रिव्यू

आपको बता दें पूरी दुनिया में इस समय सबसे ज्यादा गिरावट भारतीय बाजारों में आज देखने को मिली है. मार्जिन के नियमों में जो बदलाव हुआ है, उसके चलते बाजार में गिरावट देखने को मिली है. इस खास बातचीत में आनंद राठी ने कहा कि बाजार के नियमों में जो भी बदलाव होते हैं उससे मार्केट में इफेक्ट तो आता है. तो हमें मार्जिन में बदलाव करने से पहले उसका रिव्यू करना सबसे ज्यादा जरूरी है. 

बाजार में पैनिक होकर कोई भी सलाह न लें

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले जब मार्केट बढ़ता था तो मार्जिन बढ़ाए जाते थे और घटता था तो उसको घटाया जाता था. इस समय मार्केट पैनिक के कारण काफी गिर रहा है और मेरी सलाह यह है कि इस समय में किसी को भी पैनिक होना नहीं चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने इंवेस्टर को सलाह दी है कि पैनिक में कुछ भी करने की जरूरत नहीं है. इस समय आपको शांति से बैठना है कई बार देखने में आता है कि पैनिक में निवेशक सबसे नीचे में आदमी निकल जाता है और बाद में लोगों को इस बाद गिल्ट होता है.

रेग्युलेटर और एक्सचेंज को पैनिक कम करने के लिए क्या करना चाहिए इस वक्त-

  • पैनिक कम करने के लिए एक्सचेंज को बयान जारी करना चाहिए.
  • स्टेटमेंट देकर निवेशकों को कॉन्फिडेंस दिलाना चाहिए.
  • इसके अलावा मार्केट में जो सर्किट फिल्टर है उस पर भी नजर बनाकर रखनी चाहिए.
  • इंडेक्स में भी सर्किट फिल्टर देखना चाहिए. इसके अलावा इंडेक्स में पूरे दिन का सर्किट होना चाहिए.
  • एक्सचेंज स्टॉक में सर्किट फिल्टर बदलते रहते हैं. एक्सचेंज इसको कभी 5 करते हैं कभी 2.5 और कभी 10 फीसदी तक कर देते हैं
  • तो मार्केट में शांति बनाए रखने के लिए हमें सबसे पहले ये देखना चाहिए कि इन फिल्टर्स में बदला करना चाहिए या नहीं.
  • इसके अलावा जिसमें फिल्टर नहीं है उसमें भी लगाने के बारे में विचार किया जाना चाहिए.
  • बाजार में इस तरह के माहौल में छोटे इंवेस्टर सबसे ज्यादा मार खाते हैं.

क्या बाजार बंद करना एक सॉल्य़ुशन हो सकता है या फिर ट्रेडिंग के घंटे कम करना-

बाजार बंद करना सॉल्युशन लगता है, लेकिन ये एक मुश्किल काम है, लेकिन अगर ज़ी7 और अमेरिका ये निर्णय लें कि बाजार बंद करना है तो उनको फॉलो करना काफी आसान काम है, लेकिन ट्रेडिंग के घंटे कम करने से बाजार की गिरवट में कोई खास असर देखने को नहीं मिलेगा. घंटे कम करने के बाद भी बाजार में पैनिक कम नहीं होगा. पैनिक कम करने का उपाय यह है कि मार्जिन्स को कुछ ठीक किया जाए. 

साल 2000 में हुआ था ये

हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि जब मार्जिन 12 हजार पर थे तब ज्यादा रिस्क था या फिर 8 हजार पर जब बाजार है तब ज्यादा रिस्क है. साल 2000 में जब बाजार में पॉपअप ज्यादा था तो जैसे-जैसे बाजार बढ़ते थे तो हम मार्जिन को भी बढ़ाते थे और बाजार जब गिरते थे तो मार्जिन रिलीज करते थे. तो इससे बाजार को टेक्निकल रिलीफ मिलता है

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इन बातों का रखें ध्यान-

  • मार्जिन सिस्टम में बदलाव किए जाएं
  • फिल्टर सिस्टम की ओर ध्यान दिया जाए
  • आरबीआई फंड कैसे उपलब्ध कराए इस पर ध्यान दिया जाए