शेयर बाजार में मई सीरीज का अंत दमदार रहा. शॉर्ट कवरिंग की रैली से बाजार अपने हाई नोट पर बंद हुए. अब नई सीरीज की शुरुआत हो चुकी है. इस हफ्ते देश में लगा लॉकडाउन का चौथा चरण भी खत्म हो रहा है. आगे के लिए नई तरह की गाइडलाइन आएंगी. गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्यों के मुख्यमंत्री से बात की. अब इन सारी खबरों का मार्केट पर क्या असर होगा? ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने मार्केट से जुड़े इन सवालों को आसान भाषा में समझाया है. 

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अनिल सिंघवी के मुताबिक, कल बाजार में जो रैली देखने को मिली उससे आज क्या मतलब निकालें. कल या परसों क्या हुआ वो छोड़ दें. पहले ये देखें कि पिछले शुक्रवार और लॉन्ग वीकएंड के बाद मंगलवार को किसने अंदाजा लगाया था कि बाजार 9500 के पास क्लोज हो पाएगा. किसको अंदाजा था कि बैंक निफ्टी 19000 के ऊपर एक्सपायरी दे पाएगा. शायद ही किसी को हो. बाजार में फिर शॉर्ट कवरिंग आई और सही लेवल से आई. 

अनिल सिंघवी के मुताबिक, जून सीरीज की शुरुआत में निफ्टी 62 प्वाइंट के डिस्काउंट पर रोलओवर हुआ है. 140 प्वाइंट नीचे बैंक निफ्टी रोलओवर हुआ है. इसका मतलब यह है कि कल पूरी तरह से शॉर्ट स्क्विज किया गया है. आमतौर पर जो ट्रेडर्स तेजी करते हैं उन्हें प्रीमियम देनी होती है. वो प्रीमियम देकर पोजिशन रोलओवर करते हैं. लेकिन, कल उल्टा हुआ. ये प्रीमियम शॉर्ट सेलर को देनी पड़ी. मतलब यह है कि आपने मई सीरीज में कोई शॉर्ट किया है और उसे आपको जून सीरीज में ले जाना है तो उसके लिए बैंक निफ्टी आपको 140 प्वाइंट नीचे बेचना पड़ रहा है. तो अगर 150 प्वाइंट बैंक निफ्टी नीचे गिर भी जाए तो आपको तो नुकसान हो गया. कोई फायदा होगा नहीं. 

अब फ्रेश खरीदारी करनी होगी

अनिल सिंघवी के मुताबिक, अब नई सीरीज की शुरुआत करने के लिए आपके पास शॉर्ट कवरिंग का सहारा नहीं है. जिसको शॉर्ट करना था कर चुका. रोलओवर करना था कर चुका. ऑप्शंस में और फ्यूचर्स में भी पोजिशन काटनी थी, काट दी. अब आपको चाहिए फ्रेश खरीदारी. आज और सोमवार से क्या बाजार में नई खरीदारी आती है. अगर आएगी तो बाजार थमेंगे. ठीक ऐसा ही अप्रैल के महीने में हुआ था. हालांकि, अप्रैल का पूरा महीने अच्छी तेजी वाला था. 

बाजार के लिए दो ट्रिगर

अनिल सिंघवी के मुताबिक, अब बाजार दो चीजों पर निर्भर करेगा. पहला अमेरिकी फ्यूचर्स बाजार और दूसरा हमारा फंड फ्लो, ये दोनों मिलकर बाजार की चाल तय करेंगे. मई सीरीज में अगर बाजार 350 नीचे बंद हुए हैं तो इसके पीछे FIIs की बिकवाली का आंकड़ा है. बाकी मई सीरीज में कुछ खराब नहीं था. ग्लोबल मार्केट्स भी अच्छे थे. जून सीरीज में अब दो ही ट्रिगर हैं. ग्लोबल मार्केट्स कितने मजबूत रहते हैं और FIIs की बिकवाली या खरीदारी का रुझान क्या रहता है. 

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कैसे हैं लोकल ट्रिगर्स

लॉकडाउन खोलने या नई गाइडलाइंस का मार्केट पर क्या असर होगा. अनिल सिंघवी के मुताबिक, अगर आप पूरे देश से लॉकडाउन हटा दें. लेकिन, मुंबई और दिल्ली नहीं खुलेंगे, तब तक इकोनॉमिक एक्टिविटी 100 फीसदी ट्रैक पर नहीं लौटेगी. ये दोनों शहर 50 फीसदी एक्टिविटी को चलाते हैं. ऐसे में दिल्ली-मुंबई, हैदराबाद, बंगलुरु जैसे बड़े शहरों में रेड जोन से कब बाहर निकलते हैं, कब तक यहां लॉकडाउन खुलता है इस पर नजर रखनी होगी. क्योंकि, इनके बिना आपकी इकोनॉमिक एक्टिविटी नहीं चलेगी. 10-12 शहरों में किस तरह से सरकार रिलेक्शन का मन बना रही है इन पर भी नजर रखनी होगी.