Editor's Take: घरेलू शेयर बाजारों में लगातार कमजोरी के बीच बुधवार (23 अक्टूबर) को ग्लोबल बाजारों से सुस्त संकेत आ रहे हैं. बाजार के लिए FIIs की बिकवाली तो बड़ा दबाव बनाए हुए ही हैं, ग्लोबल बाजारों के ट्रिगर्स भी बहुत जोर नहीं लगा पा रहे हैं. लेकिन एक आशा की किरण यहां देखी जा सकती है कि कैश मार्केट में FIIs की ओर से बिकवाली थोड़ी घटी है. वहीं, घरेलू फंड्स की खरीदारी भी बढ़ी है. अब ये सवाल है कि निफ्टी-बैंक निफ्टी पर सपोर्ट लेवल क्या होगा और बाजार में मजबूती कब तक लौटेगी. साथ ही कमोडिटी बाजार का एक्शन भी फोकस में है.

सोना-चांदी रिकॉर्ड हाई पर क्यों?

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मंगलवार को बुलियंस के दाम में ताबड़तोड़ तेजी आई है. चांदी पहली बार 1 लाख के पार पहुंच गई है तो MCX पर भी इसमें 2600 रुपए का तगड़ा उछाल देखा गया. गोल्ड में भी लाइफ हाई का सिलसिला जारी है. कल घरेलू बाजार में 78,700 रुपए के पास तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2760 डॉलर के ऊपर नया रिकॉर्ड बनाया. अनिल सिंघवी ने कहा कि सोने-चांदी में तेजी आने के पीछे कई कारण हैं. अमेरिकी चुनाव के पहले तगड़ी खरीदारी हो रही है. बॉन्ड यील्ड में बढ़त से सोने में भी खरीदारी आई है. सेंट्रल बैंक भी सोना जमा कर रहे हैं.

किसने बेचा कल?

FIIs की कैश में सिर्फ 4,000 करोड़ की बिकवाली रही है. दरअसल, FIIs की बिकवाली का दबाव कम हुआ. लोकल फंड्स ने 5,900 करोड़ की तगड़ी खरीदारी की. कल रिटेल और HNI निवेशकों ने जमकर बेचा. डिलीवरी में प्रॉफिट बुक किया, मार्जिन फंडिंग वाली पोजीशन घटी.

और कितना खतरा?

आज निफ्टी 24400, बैंक निफ्टी 50900 के ऊपर बंद होना जरूरी है. निफ्टी पर अगला बड़ा सपोर्ट 23900-24150 रहेगा. 24800 के ऊपर बंद होने पर ही बाजार में मजबूती लौटेगी.

ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स क्या करें?

अनिल सिंघवी ने कहा कि ट्रेडर्स ट्रेडिंग पोजीशन कम करें. इंट्राडे ट्रेड करना ही बेहतर रहेगा. साथ ही भारी उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहें. निवेशक 24,000 के नजदीक दूसरी किस्त में पैसा लगाएं.