अक्ट्रबर में भारतीय बाजार से FPI ले गए पांच अरब डॉलर, ये थी इसकी वजह
विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर महीने में भारतीय पूंजी बाजार से 35,600 करोड़ रुपये (करीब 5 अरब डॉलर) निकाले हैं. रुपये में गिरावट, वैश्विक स्तर पर व्यापार मोर्चे पर बढ़ता तनाव और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी इसकी प्रमुख वजह रही.
विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर महीने में भारतीय पूंजी बाजार से 35,600 करोड़ रुपये (करीब 5 अरब डॉलर) निकाले हैं. रुपये में गिरावट, वैश्विक स्तर पर व्यापार मोर्चे पर बढ़ता तनाव और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी इसकी प्रमुख वजह रही. यह आंकडा़ सितंबर महीने में सिक्योरिटी मार्केट से हुई कुल निकासी से भी अधिक है. सितंबर में विदेशी निवेशकों ने 21,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी. इससे पहले जुलाई-अगस्त में निवेशकों ने प्रतिभूति बाजार (शेयर और ऋण) में शुद्ध रूप से 7,400 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 1-26 अक्टूबर के दौरान 24,186 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और ऋण बाजार से 11,407 करोड़ रुपये की निकासी की. इस तरह एफपीआई ने कुल 35,593 करोड़ रुपये (4.8 अरब डॉलर) निकाले हैं. विदेशी निवेशक इस साल कुछ महीने (जनवरी, मार्च, जुलाई और अगस्त) को छोड़कर बाकी समय शुद्ध बिकवाल रहे. इन चार महीनों में विदेशी निवेशकों ने कुल 32,000 करोड़ रुपये का निवेश किया. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अक्टूबर में हुयी निकासी से प्रतिभूति बाजार पर असर पड़ा है.
विदेशी निवेशकों ने इस साल अभी तक सिक्योरिटी मार्केट से कुल 97,000 करोड़ रुपये की निकासी की है. इसमें शेयर की हिस्सेदारी 37,000 करोड़ से अधिक और ऋण बाजार की हिस्सेदारी 60,000 करोड़ के आस-पास है.
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के एवीपी (डेरिवेटिव्स) राहुल मिश्रा के अनुसार, आईएलएंडएफएस के ऋण चूक के कारण खड़ा हुआ नकदी संकट, रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव जैसे वृहत आर्थिक मुद्दों के चलते विदेशी निवेशक निकासी कर रहे हैं.