Adani-Hindenburg Case Latest News: साल की शुरुआत से चल रहे अदानी-हिंडनबर्ग मामले में अब सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से अपना फैसला सुना दिया है. मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अब अदानी-हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Case) की सुनवाई के लिए और समय की जरूरत नहीं हैं. सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 24 में से 22 मामलों में जांच पूरी हो चुकी है और अब जांच के लिए और ज्यादा समय की जरूरत नहीं है. सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को इस बात की जानकारी दी है. सेबी ने कहा कि अब जांच के लिए और समय की जरूरत नहीं है और 22 मामलों की जांच पूरी हो चुकी है. 

2 मामलों क्यों अटके?

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सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने सर्वोत्तम न्यायालय को अदानी-डिंहनबर्ग मामले में अपना सहयोग देते हुए बताया कि इस मामले में शामिल 24 मामलों में से 22 मामलों की जांच पूरी हो चुकी है. 2 मामलों की जांच इसलिए नहीं हुई है क्योंकि विदेशी रेगुलेटर्स ने इसकी जानकारी नहीं दी है. 

SEBI ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जांच रिपोर्ट

SEBI ने 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट को जारी कर दिया था. हालांकि इस स्टेटस रिपोर्ट पर 29 अगस्त को सुनवाई होनी थी, जो टल गई लेकिन अब 13 अक्टूबर को हुई. बता दें कि सेबी ने जो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की है, उसे अभी तक पब्लिक में नहीं जारी किया गया है. बता दें कि अदानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग ने जो आरोप लगाए थे, उसकी जांच सेबी की एक्सपर्ट कमिटी कर रही है. 

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि 24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग ने अदानी ग्रुप (Adani Group-Hindenburg) के खिलाफ एक निगेटिव रिपोर्ट छापी थी. इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अदानी ग्रुप के शेयरों में बड़े स्तर पर छेड़छाड़ हो रही है और गौतम अदानी विदेशी रूट्स के जरिए अपनी कंपनी में पैसा लगा रहे हैं. हालांकि अदानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का खंडन किया था और सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था. 

Hindenburg Research ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल उठाए थे. इस रिपोर्ट में अदानी ग्रुप से पूछा गया है कि गौतम अडानी के छोटे भाई राजेश अडानी को ग्रुप का एमडी क्यों बनाया गया है? उनके ऊपर कस्टम टैक्स चोरी, फर्जी इंपोर्ट डॉक्यूमेंटेशन और अवैध कोयले का इंपोर्ट करने का आरोप है.