9 years of Modi govt: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26  मई, 2023 को अपने कार्यकाल का 9वां साल पूरा किया. इस दौरान नोटबंदी, GST समेत कई अहम इवेंट्स हुए. साथ ही साथ  कोरोना महामारी का भी दौर रहा, जिसने देश ही नहीं दुनियाभर की आर्थिक स्थिति को झकझोर दिया था. लेकिन मोदी काल में शेयर बाजार ने नई ऊंचाई को छुआ. निफ्टी ढाई गुना बढ़ा, तो लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट करीब 28 लाख करोड़ रुपए बढ़ा.

9 साल में बदल गई बाजार की तस्वीर

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शेयर बाजार में 9 साल की अवधि में बाजार की रिकॉर्ड तेजी में कई ट्रिगर्स रहे, जिसमें विदेशी निवेशकों की अहम भूमिका भी शामिल रही. बाजार में 2014 से 2023 तक की अवधि में FIIs यानी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 49 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है. खास बात यह है कि 9 में से 2 साल ही ऐसे रहे जब फॉरेन इनवेस्टर्स नेट सेलर रहे. जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों यानी DIIs ने 9 में से 8 सालों में खरीदारी की.

घरेलू निवेशकों ने जमकर की खरीदारी

डिपॉजिटरी आंकड़ों के मुताबिक घरेलू निवेशकों ने 9 साल में बाजार में 7 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है. केवल 2020 में नेट सेलर रहे, जोकि कोरोना महामारी का साल रहा था. मोदी कार्यकाल में देश की इकोनॉमी में भी जबरदस्त ग्रोथ देखने को मिली. भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गई है. आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार कोरोना महामारी के दौरान भी नहीं थमी. महामारी काल के समय भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी था.

इकोनॉमिक ग्रोथ पटरी पर लौटी

महामारी के बाद RBI पॉलिसी और सरकारी ऐलानों से इकोनॉमी को सपोर्ट मिला, जिससे यह रिकवरी की पटरी पर वापस लौटी. आलम यह रहा कि निफ्टी की वैल्यू पहले लॉकडाउन से दिसंबर, 2022 तक डबल हो गई. इस दौरान फाइनेंशियल और IT सेक्टर में जबरदस्त ग्रोथ देखने को मिला. 

इन सेक्टर्स ने मारी बाजी

9 साल में निफ्टी IT इंडेक्स और फाइनेंशियल इंडेक्स 200-200% से ज्यादा चढ़े. इसी तरह बैंकिंग और FMCG सेक्टर में भी तूफानी तेजी देखने को मिली. बाजार आगे 2024 में होने वाले आम चुनाव पर नजरे टिकाए हुए है, जिसमें केवल 10 महीने ही बचे हुए हैं. ऐसे में बाजार को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना तीसरा भी पूरा करें.

 

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