2000 Notes Exchange Impact on Market: बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2000 रुपए के नोट को बंद करने का फैसला किया था. हालांकि ये 2016 में हुई नोटबंदी से एकदम अलग था क्योंकि बीते 4 साल से बैंक ने 2000 के नोट छापने बंद कर दिए थे और 2000 रुपए के गुलाबी नोट चलन में भी बहुत कम रह गए थे. रिजर्व बैंक का आदेश आया कि 23 मई से 30 सितंबर तक आम लोग बैंकों में जाकर अपने पास रखे 2000 के नोट को एक्सचेंज कर सकते हैं. हालांकि नोट बदलने की कोई लिमिट नहीं है और ना ही बैंक इसके लिए चार्ज करने वाले हैं. अब इस कदम का मार्केट पर क्या असर पड़ेगा, इस पर ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने अपनी राय दी है. अनिल सिंघवी (anil singhvi) ने बताया है कि ये 2016 में हुई नोटबंदी के एकदम अलग है.

नोटबंदी और नोट बदलाव में क्या फर्क?

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अनिल सिंघवी ने बताया कि ये नोटबंदी से एकदम अलग है. उस दौरान सभी नोट तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए गए थे. 8 नवंबर 2016 रात 8 बजे के बाद आपके हाथ में जो नोट था वो सिर्फ कागज का एक टुकड़ा था, उसकी वैल्यू खत्म हो चुकी था. अनिल सिंघवी ने आगे कहा कि इस बार नोट बंद नहीं हुए, हालांकि बदलाव के लिए पूरा समय दिया गया है. 

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सेक्टर्स की बात करें तो रियल एस्टेट और गोल्ड में होगी हल्की खरीदारी देखने को मिल सकती है. वहीं बैंक डिपॉजिट में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है और ब्लैक इकोनॉमी को झटका लगा है और इस कदम से टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा. 

किसे फायदा, किसे नुकसान?

फायदा और नुकसान की बात करें तो अनिल सिंघवी ने ये भी बताया है कि इस कदम से किन सेक्टर्स को फायदा मिलेगा और किन सेक्टर्स को नुकसान हो सकता है. फायदा की बात करें तो बैंक और खासकर सरकारी बैंक को इससे फायदा मिलेगा. वहीं ज्वेलरी और रियल एस्टेट कंपनियां को भी फायदा हो सकता है. वहीं ऑफलाइन रिटेल कंपनियां और कैश ऑन डिलीवरी लेने वाली ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनियों को भी फायदा हो सकता है. इसके अलावा नुकसान की बात करें तो आरबीआई के इस कदम से कसीनो जैसे सेक्टर को शॉर्ट टर्म फायदा और लॉन्ग टर्म नुकसान हो सकता है.