शेयर बाजार में पिछले एक महीने से बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. त्योहारी सीजन में बाजार का बुरा हाल है. निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं. लेकिन, क्या है कारण है कि बाजार में इतनी उथल-पुथल मची है. बाजार में करीब 4000 प्वॉइंट की गिरावट आ चुकी है. लेकिन, क्या अब बाजार में दिवाली मनेगी? क्या बाजार में रौनक लौटेगी? ऐसे ही कुछ सवाल के जवाब हैं. दशहरे के मौके पर रावण के वध से बाजार में रौनक लौटेगी, पुतले नहीं, असली रावण का दहन होगा. जी बिजनेस के खास शो 'बाजार के रावण' में जानिए कौन से वो 10 कारण है, जिन्होंने आपकी जेब भरने नहीं दी और बाजार से दूरी बनाने को मजबूर कर दिया.

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1) रुपया

> इस साल 15% तक लुढ़का, एशिया में सबसे अधिक गिरावट

> रुपये में कमजोरी से इंपोर्ट बिल, वित्तीय घाटा बढ़ने की चिंता

> विदेशी कर्ज महंगा होने से कंपनियों की ब्याज लागत बढ़ी

2) क्रूड ऑयल

> क्रूड में उछाल से भारत का इंपोर्ट बिल बढ़ा

> कुल क्रूड इस्तेमाल का 80% इंपोर्ट होता है

> महंगे पेट्रोल, डीजल से कंपनियों का मैन्युफैक्चरिंग खर्च बढ़ा

3) FPIs 

> 2018 में FPIs की 90,000 करोड़ रुपए की बिकवाली

> रुपये में कमजोरी, US में दरें बढ़ने से FPIs चिंतित

> राज्यों में चुनाव, IL&FS संकट से भी FPIs की चिंता बढ़ी

4) NBFCs

> IL&FS के दिवालिया होने की आशंका से भी सेक्टर की सेहत बिगड़ी

> NBFCs की क्रेडिट कॉस्ट बढ़ने की आशंका

> छोटी अवधि की लिक्वीडिटी को लेकर भी चिंताएं बढ़ीं

> डेट मार्केट में नकदी की समस्या से दिक्कतें

5) ट्रेड वॉर

> US-चीन में ट्रेड वॉर से ग्लोबल ग्रोथ को लेकर चिंताएं

> 2016 के बाद पहली बार IMF ने ग्लोबल ग्रोथ अनुमान घटाया

> ट्रेड वॉर के चलते भारत जैसे उभरते बाज़ारों की करेंसी में कमजरी

 

6) चुनाव

> 2019 के आम चुनाव, राज्यों के चुनावों को लेकर अनिश्चितता

> भारत में 11 दिसंबर तक 5 राज्यों में, मई 2019 में आम चुनाव

> आम चुनाव में मोदी सरकार को बहुमत मिलने को लेकर भरोसा कम

 

7) WPI/CPI/ब्याज दर

> RBI ने इस साल 2 बार दरें बढ़ाई, आगे और बढ़ोतरी संभव

> दरें बढ़ने से ब्याज लागात, बॉन्ड यील्ड में इज़ाफा

> ग्लोबल ट्रेड वॉर, कमज़ोर रुपये के कारण RBI के रुख में सख्ती

8) तिमाही नतीजे

> FY18 के ऊंचे बेस के कारण Q2 नतीजों पर दबाव संभव

> कमजोर रुपये, कमोडिटी कीमतों बढ़ने से Q2 के नतीजों पर होगा असर

> Q1FY19 में ज़्यादातर नतीजे अनुमान के मुताबिक या निराशाजनक 

> Q1 में निफ्टी की केवल 12 कंपनियों के नतीजे अनुमान से बेहतर थे

9) NPAs

> सरकारी बैंको के ग्रॉस NPA 11.7% पहुँचे

> भारत के 90% NPA सरकारी बैंको की बुक्स में

> टेलीकॉम और स्टील सेक्टर मे सबसे ज्यादा दिक्कते

> पिछले साल 30000 करोड़ रुपए के घोटाले सामने आए

10) ग्लोबल संकेत

> बाजार की चाल में ग्लोबल संकेतों का बड़ा योगदान

> US में दरें बढ़ने, ट्रेड वॉर से अमेरिका में बड़ी गिरावट

> $ में मज़बूती में उभरते देशों की करेंसी में भारी कमजोरी