YesMadam ने Layoff की खबरों को बताया गलत, कहा- 'सोशल मीडिया पोस्ट तो स्ट्रेस को हाइलाइट करने के लिए की गई थी'
हाल ही में खबर आई थी कि सलून सर्विस देने वाले स्टार्टअप (Startup) यस मैडम (YesMadam) ने करीब 100 लोगों को नौकरी (Job) से निकाल दिया (Layoff) है.
हाल ही में खबर आई थी कि सलून सर्विस देने वाले स्टार्टअप (Startup) यस मैडम (YesMadam) ने करीब 100 लोगों को नौकरी (Job) से निकाल दिया (Layoff) है. इसमें हैरान करने वाली बात ये थी कि इससे पहले एक सर्वे किया गया और पूछा गया किसे-किसे नौकरी पर स्ट्रेस है. जिस-जिस ने हां कहा, उसे निकाल दिए जाने की खबर थी. हालांकि, अब कंपनी ने इस पर माफी मांगते हुए सफाई जारी की है और बताया है कि कंपनी ने किसी को भी नौकरी से नहीं निकाला है. साथ ही कंपनी ने कहा है कि यह सब वर्कप्लेस पर होने वाले स्ट्रेस को हाइलाइट करने कोशिश थी. वहीं कंपनी की जिस कर्मचारी ने इसके बारे में पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली थी, उन्होंने अपनी पोस्ट को डिलीट कर दिया है.
क्या सफाई दी है कंपनी ने?
यस मैडम ने 3 स्लाइड की एक लिंक्डइन पोस्ट की है, जिसमें सारी बातें लिखी हैं. कंपनी ने लिखा है- हाल ही में स्ट्रेस झेलने वाले कर्मचारियों को कंपनी ने निकाले जाने की सोशल मीडिया पोस्ट से जो भी दिक्कतें हुईं, हम उसके लिए माफी मांगते हैं. हम कभी भी ऐसा अमानवीय कदम नहीं उठाते हैं. हमारी टीम हमारे परिवार जैसी है और उसका डेडिकेशन, हार्ड वर्क और पैशन हमारी सफलता की नींव है.
सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट वर्कप्लेस पर स्ट्रेस जैसे गंभीर मुद्दे को हाइलाइट करने की एक प्लानिंग के तहत की गई कोशिश थी. और जिन लोगों ने भी उस पर गुस्से वाले कमेंट किए हैं और इसके खिलाफ आवाज उठाई है, हम उन्हें धन्यवाद कहते हैं. जब लोग आवाज उठाते हैं तो यह दिखाता है कि वह परवाह करते हैं और परवाह करना हमारे बिजनेस के दिल में है.
अब सवाल ये उठता है कि क्या यसमैडम ने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है? बिल्कुल नहीं. उन्हें निकाला नहीं गया, उन्हें रीसेट होने के लिए ब्रेक दिया गया है. उन्हें स्ट्रेस को रिलीज करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. उन्हें रिलैक्स करने का एक मौका दिया जा रहा है. उन्हें कहा गया है कि वह आराम करें और रीचार्ज हो जाएं.
आज की दुनिया में वर्क और लाइफ के बीच की सीमा धुंधली पड़ती जा रही है, स्ट्रेस बढ़ता जा रहा है और कर्मचारियों की परवाह करने के बजाय कंपनियां सिर्फ प्रोडक्टिविटी पर ध्यान दे रही हैं. कंपनी ने कहा है कि जब बात आती है कर्मचारियों की सेहत की तो हम प्रोडक्टिविटी को पीछे कर देते हैं. खुश कर्मचारी मजबूत बिजनेस बनाते हैं.
Happy 2 Heal
यस मैडम ने माफी मांगने वाली पोस्ट में ही यस मैडम के नए कॉरपोरेट प्रोग्राम की घोषणा कर दी है, जिसका नाम है हैप्पी टू हील. इसके तहत कर्मचारियों को उनके वर्कप्लेस पर ही जाकर हेड मसाज और स्पा सेशन दिए जाते हैं. कुछ ऐसा ही कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए भी कर रही है.
भारत की पहली डी-स्ट्रेस लीव पॉलिसी
हम एक कदम और आगे बढ़कर भारत की पहली डी-स्ट्रेस लीव पॉलिसी की घोषणा भी कर रहे हैं. इस नई पहल के तहत हर यसमैडम के कर्मचारी को हर साल 6 डी-स्ट्रेस लीव यानी छुट्टियां मिलेंगी, ताकि वह अपनी मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए वक्त निकाल सकें. साथ ही कर्मचारियों को कुछ कॉम्प्लिमेंट्री स्पा सेशन भी दिए जाएंगे, वो भी सीधे कर्मचारियों के घर पर. यस मैडम ने आगे कहा है- हम मानते हैं कि किसी भी बड़े ऑर्गेनाइजेशन की बैकबोन बनाने में तनाव से झुके कंधे नहीं, बल्कि खुश दिमाग की जरूरत है.
क्या था मामला?
कंपनी पर आरोप है कि उसने पहले सर्वे कर के तमाम कर्मचारियों से पूछा कि किसे-किसे नौकरी का स्ट्रेस है. जिन भी लोगों ने स्ट्रेस होने की बात कहीं, उन्हें नौकरी से ही निकाल दिया गया. बताया जा रहा है कि करीब 100 लोगों को कंपनी ने नौकरी से निकाला है. इसके बारे में कंपनी की एक पूर्व कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर कंपनी की ईमेल भी शेयर किया है, जिसे देखने के बाद हर कोई यस मैडम को खरी-खोटी सुना रहा है.
क्या लिखा पोस्ट में?
कंपनी की एक पूर्व कर्मचारी अनुष्का दत्ता ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट शेयर की है. अनुष्का कंपनी में UX copywriter का काम कर रही थीं. उस पोस्ट में उन्होंने यह दावा किया है कि कंपनी ने 100 से भी अधिक लोगों की छंटनी कर दी है. साथ ही आरोप लगाया है कि छंटनी उन लोगों की हुई है, जिन्होंने कंपनी के एक सर्वे में कहा था कि उन्हें जॉब का स्ट्रेस है. पोस्ट में अनुष्का ने लिखा है-' यस मैडम में क्या हो रहा है? पहले तो आप एक रैंडम सर्वे कराते हैं और फिर रातोंरात हमें नौकरी से निकाल देते हैं, क्योंकि हम तनाव महसूस कर रहे हैं? और सिर्फ मैं ही नहीं, 100 और लोगों को भी नौकरी से निकाल दिया है.'
एक नजर कंपनी के ईमेल पर
अनुष्का ने कंपनी के ईमेल का भी एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसमें लिखा है कि जिन्हें तनाव है, उन्हें निकाला जा रहा है. ईमेल में लिखा है- हाल ही में अपने एक सर्वे कराया, ताकि हम ये जान सकें कि काम पर आपको कैसे महसूस होता है. आप में से बहुत सारे लोगों ने अपनी दिक्कतें साझा कीं, जिनका हम पूरा सम्मान करते हैं. हमारी कंपनी एक स्वस्थ और सपोर्टिव वर्क एनवायरमेंट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए हमने आपके फीडबैक पर अच्छे से ध्यान दिया.
यहां तक तो ईमेल से ऐसा लग रहा था, जैसे कंपनी सारे कर्मचारियों के स्ट्रेस को दूर करने के लिए कुछ अच्छा कदम उठाएगी, लेकिन बाद में जो लिखा था, वह आपको हैरान कर देगा. कंपनी की एचआर मैनेजर अंशु अरोड़ा झा ने ईमेल में आगे लिखा था- 'काम पर कोई तनाव में ना रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए हमने एक कठिन फैसला किया है कि हम उन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे हैं, जिन्होंने कहा था कि उन्हें जॉब पर स्ट्रेस है. यह तुरंत प्रभाव से लागू है और प्रभावित कर्मचारियों को और जानकारी अलग से भेजी जाएगी.'