शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में इस बार दो नए जज आ रहे हैं. पहले हैं कुणाल बहल (Kuanl Bahl), जो अभी तक के एक एपिसोड में आ भी चुके हैं. वहीं दूसरे जज हैं विराज बहल (Viraj Bahl), जो आने वाले दिनों में शो में दिख सकते हैं. वीबा फूड्स (Veeba Foods) के फाउंडर विराज बहल की सफलता की कहानी (Viraj Bahl Success Story) बहुत ही दिलचस्प है. उन्होंने अपनी कंपनी का नाम मां 'विभा बहल' के नाम पर रखा है. एक वक्त ऐसा भी था, जब उन्होंने अपना सपना पूरा करने के लिए अपना घर तक बेच दिया. आज वह 1000 करोड़ के बिजनेस (Business) के मालिक हैं.

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भारत के एफएमसीजी सेक्टर में खासतौर पर सॉस बनाने वाली कंपनी वीबा फूड्स (Veeba Foods) की कहानी बपहुत ही दिलचस्प है. विराज बहल ने साल 2013 में इसकी शुरुआत की थी, लेकिन बिजनेस में उनकी रुचि बचपन से ही थी. वह अक्सर अपने पिता की फैक्ट्री में जाया करते थे. उन्होंने पहली नौकरी आहार दिल्ली ट्रेड फेयर में फन फूड्स के स्टॉल पर की. बहुत ही कम उम्र में विराज की फूड प्रोसेसिंग में रुचि हो गई थी. 

अच्छी नौकरी लगी, लेकिन मन बिजनेस का था

विराज के पिता राजीव बहल चाहते थे कि पहले विराज खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएं फिर बिजनेस करें. ऐसे में विराज ने मरीन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और एक अच्छी नौकरी हासिल की. नौकरी में उनका करियर काफी अच्छा चल रहा था, लेकिन विराज का मन नौकरी में नहीं बिजनेस में लगा हुआ था. 

पिता को बेचनी पड़ी अपनी कंपनी

वक्त बीतता गया. 2002 में विराज ने अपने पिता से फन फूड्स में शामिल होने की इजाजत मांगी और उसमें शामिल हो गए. उनके पिता की लीडरशिप में फन फूड्स तेजी से आगे बढ़ रही थी, लेकिन 2008 में एक ऐसा वक्त आया जब राजीव बहल ने अपनी कंपनी फन फूड्स को एक जर्मन डॉक्टर ओटकर को बेचनी पड़ी. उनकी कंपनी 110 करोड़ रुपये में बिकी, जबकि विराज बहल कंपनी को बेचने के खिलाफ थे. 

रेस्टोरेंट बिजनेस हुआ बुरी तरह फेल

इसके बाद विराज ने 2009 में 'पॉकेट फुल' नाम से एक रेस्टोरेंट बिजनेस शुरू किया. इस बिजनेस में उन्हें कुछ साल बाद ही घाटा होने लगा. चार साल में रेस्टोरेंट के करीब 6 आउटलेट खुल चुके थे, लेकिन 2013 तक सभी बंद हो गए. विराज इस नुकसान के चलते आर्थिक रूप से कमजोर हो गए, लेकिन वह हारे नहीं. इसके बाद पत्नी की मदद से विराज ने एक नया बिजनेस शुरू किया.

पैसों के लिए बेच दिया अपना घर

इस बिजनेस को शुरू करने के लिए विराज के पास पैसे नहीं थे. ऐसे में पैसों का इंतजाम करने के लिए विराज बहल ने अपना घर बेच दिया. विराज ने 2013 में राजस्थान के नीमराना में वीबा फूड्स नाम से एक कंपनी की शुरुआत की. बेहतर क्वालिटी के साथ सॉस मुहैया कराते-कराते यह कंपनी फेमस होती चली गई और आज पूरे देश में इसने अपनी एक अलग पहचान बना ली है.

2023-24 में 1000 करोड़ के रेवेन्यू का अनुमान

पिछले कुछ सालों में वीबा फूड्स ने तगड़ी ग्रोथ दर्ज की है. 2023-24 में कंपनी को करीब 1000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू होने का अनुमान है. अभी वीबा फूड्स शेयर बाजार में लिस्ट नहीं है. इस कंपनी में विराज की बड़ी हिस्सेदारी है और उन्हें कई दिग्गज निवेशकों का साथ भी मिला हुआ है, जिसके चलते उनका बिजनेस तेजी से आगे बढ़ रहा है.