Tiger Global ने Zomato में बेची अपनी पूरी हिस्सेदारी, क्या ONDC छीन रहा है इसका बिजनेस?
एक खबर ये आ रही है कि ओएनडीसी पर रेस्टोरेंट्स के रजिस्ट्रेशन की संख्या 50 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है. यह बहुत तेजी से बढ़ रही है. वहीं दूसरी ओर जोमैटो से टाइगर ग्लोबल में पूरी हिस्सेदारी बेच दी है.
Zomato के टॉप निवेशकों में से एक Tiger Global Management ने कंपनी से अपनी सारी हिस्सेदारी बेच दी है. कंपनी ने करीब 12.34 करोड़ शेयर 1123.85 करोड़ रुपये में बेचे हैं. यह शेयर बल्क डील के तहत बेचे गए हैं, जिसके लिए प्रति शेयर भाव 91.01 रुपये तय किया गया था. यह शेयर कंपनी के Internet Fund III PTE Ltd ने बेचे हैं. इसी बीच एक खबर ये आ रही है कि ओएनडीसी पर रेस्टोरेंट्स के रजिस्ट्रेशन की संख्या 50 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है और अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2023 खत्म होते-होते यह नंबर दोगुना हो सकता है. ऐसे में एक सवाल उठता है कि क्या जोमैटो के बिजनेस में अब वो बात नहीं रही, जिसके चलते निवेशक कंपनी से दूर हो रहे हैं?
पहले भी निवेशक बेच चुके हैं हिस्सेदारी
पिछले साल अगस्त में उबर ने जोमैटो में अपना 7.8 फीसदी स्टेक 3087.93 करोड़ रुपये में बेच दिया था. हालांकि, बीएसई के आंकड़ों के अनुसार उसी दिन इन्वेस्टमेंट फर्म Fidelity Investments और ICICI Prudential Life Insurance Company ने इसमें हिस्सेदारी खरीद ली थी. इस बार भी टाइगर ग्लोबल की तरफ से शेयर्स बेचे जाने के बाद घरेलू म्यूचुअल फंड्स की तरफ से कंपनी के शेयर्स में खरीदारी की खबरें सुनने को मिल रही हैं.
पिछले कुछ दिनों से ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि सॉफ्टबैंक अब जोमैटो में अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहा है. ऐसा अनुमान इसलिए लगाया जा रहा है कि 25 अगस्त को ब्लिंकिट डील का 12 महीनों का लॉक-इन पीरियड खत्म हो गया है. विदेशी निवेशक जोमैटो से बाहर क्यों जा रहे हैं? क्यों उन्हें लग रहा है कि अब जोमैटो स्पीड से ग्रो नहीं कर पाएगा?
मुनाफे में आ चुकी है कंपनी
जोमैटो ने हाल ही में वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 2 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया है. यह पहली बार है कि यह स्टार्टअप मुनाफे में आया है. यानी देखकर तो यही लग रहा है कि अब कंपनी प्रॉफिटेबिलिटी की ओर बढ़ रही है, फिर निवेशक जोमैटो का साथ क्यों छोड़ रहे हैं? क्या ओएनडीसी की वजह से निवेशक घबराए हुए हैं?
तो क्या ONDC बन रहा है खतरा, इसलिए भाग रहे निवेशक?
सरकार के ONDC पर अब रेस्टोरेंट्स की संख्या 50 हजार से अधिक हो चुकी है. फरवरी महीने में इस प्लेटफॉर्म पर सिर्फ 500 रेस्टोरेंट थे. यानी करीब 6 महीनों में ही ओएनडीसी पर रेस्टोरेंट्स की संख्या में 100 गुना की तेजी देखने को मिली है. यह रेस्टोरेंट 172 शहरों से हैं. 2023 खत्म होने तक रेस्टोरेंट की संख्या दोगुनी करनी की योजना है. ऐसे में अब जोमैटो और स्विगी को ओएनडीसी से तगड़ी टक्कर मिलना तय है. अभी तक फूड डिलीवरी स्पेस में सिर्फ यही दो दिग्गज थे, लेकिन अब उसमें ओएनडीसी ने भी एंट्री मार ली है और ये जोमैटो-स्विगी के बिजनेस के लिए बहुत बड़ा खतरा बनकर सामने आ रहा है.
उदाहरण से समझिए ओएनडीसी क्यों है जोमैटो के लिए खतरा
एक उदाहरण से समझते हैं ओएनडीसी को जोमैटो से ज्यादा तरजीह क्यों मिल रही है. हमने दोनों प्लेटफॉर्म से नोएडा सेक्टर-92 से बिरयानी ब्लूज़ का चिकन दम बिरयानी बोनलेस ऑर्डर किया. जोमैटो पर कुल चार्ज लग रहा है करीब 452 रुपये, जबकि ओएनडीसी पर यही चार्ज है महज 344 रुपये. जोमैटो पर प्रोडक्ट की प्राइस तो ज्यादा है ही, साथ ही डिलीवरी फीस भी बहुत ज्यादा है. ओएनडीसी पर डिलीवरी चार्ज सिर्फ 14 रुपये है, जबकि जोमैटो पर ये 42 रुपये है. इस तरह जोमैटो की तुलना में ओएनडीसी काफी सस्ता है, जो लोगों के पैसे बचा रहा है. ऐसे में अधिकतर लोग ओएनडीसी पर ही जाएंगे, ना कि जोमैटो पर. बेशक आने वाले दिनों में जोमैटो का रेवेन्यू फिर से गिर सकता है और शायद यही सब देखकर तमाम निवेशक जोमैटो से दूरी बना रहे हैं.