यूपी के ‘कांच के शहर’ को इस Election से हैं बड़ी उम्मीदें, जानिए यहां के छोटे व्यापारी क्या चाहते हैं सरकार से
उत्तर प्रदेश (UP) के प्रसिद्ध ‘कांच के शहर’ फिरोजाबाद (Firozabad) में लाखों लोग उम्मीद कर रहे हैं कि यह चुनाव (Election) बदलाव लाएगा और उनके उद्योग को एक बहुत जरूरी पुनरुद्धार मिलेगा.
उत्तर प्रदेश (UP) के प्रसिद्ध ‘कांच के शहर’ फिरोजाबाद (Firozabad) में लाखों लोग उम्मीद कर रहे हैं कि यह चुनाव (Election) बदलाव लाएगा और उनके उद्योग को एक बहुत जरूरी पुनरुद्धार मिलेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी आजीविका अब उनके द्वारा बनाई जाने वाली कांच की चूड़ियों जितनी नाजुक है. एक समय हर तरफ ठेलों पर चूड़ियां (Glass Bangle Industry) बेचने वाले विक्रेता पिछले कुछ साल में धीरे-धीरे लुप्त हो गए हैं और आज आप केवल कुछ को ही देख सकते हैं, जो एक समय जीवंत रहे उद्योग के पतन का स्पष्ट संकेत है.
कारीगरों, कारखाने के मालिकों और दुकानदारों का कहना है कि यह लंबे समय से स्थानीय शिल्प का प्रतीक रहा है, लेकिन अब आधुनिक चुनौतियों से जूझ रहा है. प्लास्टिक और धातु की चूड़ियों की भारी प्रतिस्पर्धा ने उनकी बाजार हिस्सेदारी को खत्म कर दिया है, जिससे पारंपरिक कांच के उत्पादों की बिक्री में उल्लेखनीय गिरावट आई है.
नटराज लक्ष्मी बैंगल्स के एक कारीगर रामलाल ने कहा, “हमारी हाथ से बनी कांच की चूड़ियों की मांग कम हो रही है. युवा पीढ़ी को हमारी पारंपरिक कला सीखने में कोई दिलचस्पी नहीं है और बाजार में सस्ती प्लास्टिक की चूड़ियों की भरमार है. इसके अलावा, अब बहुत सी महिलाएं भी कांच की चूड़ियां नहीं पहनती हैं.” उन्होंने कहा, “इसके अलावा, उद्योग मशीनीकरण के अतिक्रमण से जूझ रहा है. कारीगरों की जगह मशीनों ने ले ली है, जिससे कुशल श्रमिकों की आजीविका खतरे में पड़ गई है.”
आगामी लोकसभा चुनावों ने 1,000 करोड़ रुपये के कांच और चूड़ी उद्योग में संबंधित लोगों के बीच उम्मीद पैदा की है. यह उद्योग कारीगरों सहित 5 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है. प्रबल आशा यह है कि राजनीतिक प्रतिनिधि उनकी दुर्दशा पर ध्यान देंगे और इस क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए सार्थक हस्तक्षेप करेंगे.
भाजपा ने फिरोजाबाद सीट से निवर्तमान सांसद चंद्रसेन जादौन की जगह ठाकुर विश्वदीप सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. विश्वदीप पूर्व सांसद ठाकुर ब्रजराज सिंह के बेटे हैं. उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी के अक्षय यादव हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई हैं. अखिलेश भी यहां से सांसद रह चुके हैं.