कुछ समय पहले ही यूनिकॉर्न (Unicorn) क्लब में एंट्री मारने वाले स्टार्टअप Zepto के वित्त वर्ष 2023 के नतीजे आ गए हैं. हमेशा से नुकसान झेल रहे इस स्टार्टअप (Startup) का नुकसान इस बार 3 गुना से भी अधिक बढ़ गया है. 31 मार्च 2023 को खत्म हुए वित्त वर्ष के नतीजों (Zepto Financial Results) के मुताबिक कंपनी के नुकसान में पिछले साल के मुकाबले 3.35 गुना की बढ़ोतरी देखने को मिली है. इस साल के दौरान क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो का नेट लॉस 1272.4 करोड़ रुपये रहा है. अगर पिछले साल यानी वित्त वर्ष 2022 की बात करें तो उस दौरान कंपनी को 390.3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. इस तरह इस बार कंपनी का नुकसान 226 फीसदी बढ़ गया है.

रेवेन्यू में आई 14.3 गुना की तेजी

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अगर बात की जाए कंपनी के रेवेन्यू की तो इसमें तगड़ी तेजी देखने को मिली है. वित्त वर्ष 2023 में कंपनी को 2024.3 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हुआ है. साल 2022 के 140.7 करोड़ रुपये के रेवेन्यू की तुलना में यह आंकड़ा करीब 14.3 गुना अधिक है. अन्य सोर्स से कमाई के आंकड़े को जोड़कर देखें तो कंपनी की कुल आय साल 2023 में 2077.6 करोड़ रुपये रही है, जो पिछले साल 2022 में 142.3 करोड़ रुपये थी.

कंपनी का खर्चा रहा 3350 करोड़ रुपये

अगर बात कंपनी के खर्चों की करें तो साल 2023 में यह करीब 529 फीसदी बढ़ गया है यानी 6 गुना से भी अधिक. मुंबई के इस स्टार्टअप ने वित्त वर्ष 2023 में 3350 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. साल 2022 में यह आंकड़ा महज 532.7 करोड़ रुपये रहा था, जो इस साल 6.3 गुना बढ़ गया है.

वित्त वर्ष 2023 में ग्रॉसरी प्रोक्योरमेंट पर जेप्टो का खर्च 1804.6 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल महज 147.2 करोड़ रुपये था. यानी इस आंकड़े में 1125.9 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. इससे एक बात तो साथ है कि कंपनी ने पूरे देश में अपनी मौजूदगी को एक साल पहले की तुलना में अधिक मजबूत किया है.

जेप्टो की कर्मचारी कॉस्ट में भी 419 फीसदी की तेजी देखने को मिली. साल 2022 में यह खर्च 50.7 करोड़ रुपये था, जो इस साल 419 फीसदी बढ़कर 263.4 करोड़ रुपये हो गया है. लिंक्डइन के आंकड़ों के अनुसार कंपनी में करीब 3833 कर्मचारी काम करते हैं.

हर 1 रुपया कमाने के लिए खर्च किए 1.65 रुपये

कंपनी का कुल रेवेन्यू रहा 2024.3 करोड़ रुपये, वहीं कंपनी का खर्चा हुआ 3350 करोड़ रुपये. यानी अगर देखा जाए तो कंपनी ने हर एक रुपया कमाने के लिए 1.65 रुपये खर्च किए. अगर कोई बिजनेस हर रुपया कमाने के लिए डेढ़ रुपये से भी अधिक खर्च करेगा तो नुकसान होना तो लाजमी है. हालांकि, कंपनी के बढ़े खर्चों में एक बड़ा हिस्सा ग्रॉसरी प्रोक्योरमेंट का भी है.

इसी साल जेप्टो हुआ है यूनिकॉर्न क्लब में शामिल

अगस्त अंत में Zepto इस साल यानी 2023 का पहला यूनिकॉर्न स्टार्टअप (Unicorn Startup) बना है. इस क्विक-कॉमर्स स्टार्टअप ने 1.4 अरब डॉलर की वैल्युएशन (Valuation) पर 200 मिलियन डॉलर की फंडिंग (Funding) जुटाई. इस तरह अब कंपनी की वैल्युएशन 1 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया, जिसके चलते भारत में 11 महीनों से यूनिकॉर्न का जो सूखा पड़ा था, अब खत्म हो गया. ऐसे में ये भी कहा जा सकता है कि फंडिंग विंटर (Funding Winter) के इस दौर में करीब साल भर बाद कोई स्टार्टअप यूनिकॉर्न बना.

जेप्टो ने हाल ही में Series E राउंड की फंडिंग जुटाई है, जिसका नेतृत्व अमेरिका के एक असेट मैनेजमेंट फर्म StepStone Group ने किया है. इस राउंड में Goodwater Capital ने भी हिस्सा लिया है. स्टार्टअप के कुछ पुराने निवेशकों ने भी इसमें पैसे लगाए हैं. मई 2022 में जेप्टो का वैल्युएशन करीब 900 मिलियन डॉलर था. जेप्टो बहुत ज्यादा अहम इसलिए भी है, क्योंकि यह इस साल का पहला स्टार्टअप है, जो यूनीकॉर्न बना है. इससे पहले सितंबर 2022 में Molbio Diagnostics ने यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री मारी थी.

जेप्टो ने जो 200 मिलियन डॉलर की फंडिंग उठाई है, उसमें से 75 मिलियन डॉलर StepStone Group से आए, जबकि 30 मिलियन डॉलर Goodwater Capital से आए. बता दें कि ये दोनों ही जेप्टो में नए निवेशक हैं. यह निवेश StepStone का भारत में पहला निवेश भी है. वहीं Goodwater Capital ने इससे पहले ऑडियो स्ट्रीमिंग स्टार्टअप पॉकेट एफएम में भी पैसे लगाए हुए हैं. इसके अलावा Goodwater Capital ने Teachmint और Yellowclass जैसे एडटेक स्टार्टअप्स में भी पैसे लगाए हुए हैं. बाकी के 95 मिलियन डॉलर जेप्टो को मौजूदा निवेशकों से हासिल हुए हैं. इनमें Nexus Venture Partners, Glade Brook Capital और Lachy Groom जैसे निवेशक शामिल हैं.