Reflecc नाम के एआई प्लेटफॉर्म के को-फाउंडर और CTO शक्ति मणि त्रिपाठी ने अपनी कहानी लोगों से साझा की है. यह स्टार्टअप (Startup) बिजनेस के कामों को ऑटोमेट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस स्टार्टअप को शुरू करने से पहले अमेजन (Amazon) में काम किया करते थे. उन्होंने अपनी स्टार्टअप जर्नी के बारे में लोगों के बताया है. शक्ति मणि त्रिपाठी ने बताया है कि कैसे उन्होंने अमेजन की अपनी 1 करोड़ रुपये सैलरी (Salary) वाली नौकरी (Job) छोड़कर स्टार्टअप शुरू किया और कितनी परेशानियां झेलीं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर उन्होंने एक पोस्ट डाली, जिसमें त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने अमेजन में ₹1 करोड़ की सैलरी वाली अपनी नौकरी क्यों छोड़ी. त्रिपाठी ने लिखा, “2024 मेरे लिए एक मुश्किल साल रहा. मैंने बिना किसी बैकअप के ₹1 करोड़ की नौकरी छोड़ दी थी, सिर्फ इस वजह से कि मुझे आखिरकार अपना स्टार्टअप शुरू करना था.”

अमेज़न छोड़ने के बाद, त्रिपाठी ने 2024 में अपनी पहली कंपनी Hoobahoo AI की शुरुआत की. हालांकि, शुरुआत में ही उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. Y Combinator से ठुकराया जाना, 30 से ज्यादा वेंचर कैपिटलिस्ट्स को पिचिंग के बावजूद निवेश की कमी और ग्राहक अधिग्रहण की उच्च लागत की वजह से यह स्टार्टअप जल्द ही बंद हो गया.

इस हार से निराश हुए बिना, त्रिपाठी और उनके को-फाउंडर कुणाल रंजन ने B2B SaaS प्रोडक्ट पर काम करना शुरू किया, जिसका उद्देश्य इंजीनियरिंग उत्पादकता मीट्रिक्स को मॉनिटर करना था. इसमें भी कई दिक्कतें आ रही थीं, जिसके चलते उन्होंने इसे भी छोड़ दिया. इसके बाद, उन्होंने Codermon AI बनाने की कोशिश की, लेकिन बाजार में पहले से ही इसकी जैसी कई प्रतिस्पर्धी कंपनियां होने के कारण वह आइडिया भी फेल हो गया. 

इसके बाद उन्होंने सप्लाई चेन क्षेत्र में एआई एजेंट बनाने की कोशिश की, लेकिन अनुभव की कमी के कारण इस दिशा को भी बदलना पड़ा. फिर, उन्होंने Reflecc AI की शुरुआत की, जहां अपनी टीम के साथ मिलकर उन्होंने केवल 7 दिनों में एक Minimum Viable Product (MVP) तैयार किया. उन्होंने 50 से अधिक संभावित ग्राहकों और उद्योग विशेषज्ञों से अपने आइडिया को वैलिडेट किया और तीन LOIs हासिल किए. वहीं Y Combinator की तरफ से इस बार भी अस्वीकृति का ही सामना करना पड़ा.

अपनी यात्रा पर विचार करते हुए, त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें अपनी रणनीति को और अधिक केंद्रित करने की आवश्यकता है. अब उनकी टीम एआई डिजिटल मार्केटर विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. त्रिपाठी को उम्मीद है कि 2025 में उन्हें अपने उद्यमिता के सपने को छोड़कर कॉर्पोरेट दुनिया में वापस नहीं लौटना पड़ेगा.

सोशल मीडिया पर पोस्ट हुई वायरल

उनकी पोस्ट सोशल मीडिया पर 1 लाख से भी ज्यादा लोगों तक पहुंच चुकी है और कई यूज़र्स ने अपनी असफलताओं के अनुभव साझा किए और उन्हें प्रेरित किया. एक यूज़र ने लिखा, "एक साल में इतना कुछ! यह एक सामान्य फाउंडर जर्नी है, मेरा 2023 भी ऐसा ही था. मैंने हार मानकर एक अन्य स्टार्टअप जॉइन कर लिया, लेकिन उम्मीद है आप हार नहीं मानेंगे!"

एक अन्य यूज़र ने उन्हें शुभकामनाएं दी और कहा, "बिजनेस में ऐसे जोखिम सिर्फ करियर के शुरुआती सालों में ही उठाए जा सकते हैं... तो बस चलते रहिए... और आपको ढेर सारी शुभकामनाएं!"