Success Story: 10 साल की उम्र में शुरू किया था पहला बिजनेस! 1 करोड़ का पैकेज छोड़ ली 10 हजार रुपये सैलरी, आज चलाती हैं ₹4000 करोड़ की कंपनी
विनीता सिंह स्टार्टअप की दुनिया में वह बहुत बड़ा नाम हैं. शार्क टैंक इंडिया के मंच पर उन्हें जगह यूं ही नहीं मिली है. उनकी सफलता तो सबको दिखती है, उनका हजारों करोड़ रुपयों का बिजनेस भी सबको दिखता है, लेकिन जो नहीं दिखता वह है इस मुकाम तक पहुंचने में किया गया स्ट्रगल.
आज के वक्त में विनीता सिंह (Vineeta Singh) को कौन नहीं जानता. जी वहां, शुगर कॉस्मेटिक्स (Sugar Cosmetics) की को-फाउंडर और शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) की जज. हाल ही में इनकी गिरफ्तारी और मौत को लेकर कई अफवाहें सोशल मीडिया (Social Media) पर फैल रही थीं. इनमें कई तो ऐसे लिंक थे, जो सोशल मीडिया पर विज्ञापन के रूप में चल रहे थे. इसे लेकर हाल ही में विनीता सिंह ने X पर पोस्ट करते हुए साफ किया है कि ये सब झूठ और अफवाह है.
विनीता सिंह ने लिखा है- 'मैं अपनी मौत और गिरफ्तारी को लेकर चल रही अफवाहों से निपटने के लिए काफी दिनों से पेड पीआर कर रही हूं. शुरुआत में तो इन्हें इग्नोर कर दिया था, लेकिन उसके बाद मेटा से लेकर मुंबई पुलिस तक के पास इसकी शिकायत कर चुकी हूं. इतना सब करने के बावजूद यह रुक नहीं रहा है. सबसे ज्यादा दिक्कत तो तब होती है जब मेरे करीबी परेशान होते हैं और मां को फोन करते हैं.'
अभी भले ही विनीता सिंह की चर्चा एक अफवाह फैल जाने की वजह से हो रही है, लेकिन स्टार्टअप की दुनिया में वह बहुत बड़ा नाम हैं. शार्क टैंक इंडिया के मंच पर उन्हें जगह यूं ही नहीं मिली है. उनकी सफलता तो सबको दिखती है, उनका हजारों करोड़ रुपयों का बिजनेस भी सबको दिखता है, लेकिन जो नहीं दिखता वह है इस मुकाम तक पहुंचने में किया गया स्ट्रगल. आइए जानते हैं कैसे विनीता सिंह ने खड़ा किया करीब 4000 करोड़ रुपये के वैल्युएशन वाला बिजनेस.
गुजरात से मुंबई तक पहुंचीं विनीता सिंह
विनीता सिंह का जन्म गुजरात के आनंद में हुआ था, लेकिन वह भावनगर में अपनी नानी के पास अधिक वक्त बिताया करती थीं. इसी बीच उनके पिता को दिल्ली एम्स में काम करने का मौका मिला, जो एक डॉक्टर हैं. ऐसे में वह पूरे परिवार के साथ दिल्ली शिफ्ट हो गए और विनीता सिंह के लिए दिल्ली ही उनका घर बन गया. विनीता अपने मां-बाप की इकलौती बेटी हैं. ऐसे में उन्हें शुरुआत दौर में दोस्त बनाने में थोड़ा दिक्कत भी हुई, लेकिन हर बच्चे की तरह उनके भी दोस्त बन ही गए. विनीता बताती हैं कि जब उन्होंने मुंबई में अपनी कंपनी शुरू की तो उनके बाकी 3 को-फाउंडर मुंबई से थे, ऐसे में उन्होंने मुंबई शिफ्ट होने का फैसला किया था.
महज 10 साल की उम्र में शुरू किया पहला बिजनेस
जिस उम्र में बच्चे गुड्डे-गुड़िया से खेला करते हैं, उस उम्र में विनीता ने बिजनेस के गुर सीखने शुरू कर दिए थे. महज 10 साल की उम्र में ही उन्होंने अपनी एक दोस्त के साथ मिलकर एक मैगजीन बनाई थी. वह अपनी दोस्त के साथ मिलकर इस मैगजीन को लोगों के घर-घर जाकर बेचा करती थीं. उस वक्त विनीता ये मैगजीन महज 3 रुपये की बेचती थीं, जिसके लिए भी लोग कहते थे कि यह बहुत महंगी हैं. ऐसे में उन्हें पहली बार अहसास हुआ कि पैसों की कितनी कीमत होती है, जिसकी उन्हें कुछ ज्यादा कद्र नहीं हुआ करती थी.
आईआईटी-आईआईएम से पढ़ाई, 1 करोड़ का पैकेज छोड़ा
पढ़ाई में तेज विनीता सिंह ने आईआईटी मद्रास और आईआईएम अहमदाबाद से पढ़ाई की है. जब वह आईआईटी में थीं, तो वह उन्हीं स्पोर्ट्स को खेलती थीं, जिनमें फेल होने के चांस कम हों. वह अपने सपने भी उसी आधार पर बनाया करती थीं, जिसमें आसानी से सफलता मिल सके. जब आईआईएम में प्लेसमेंट हो रहा था, उस वक्त उन्होंने इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के लिए अप्लाई किया था. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें यह आसान लगता था. पढ़ाई के दौरान वह कई किताबें पढ़ती थीं और सोचती थीं कि एक दिन वह अपनी कंपनी बनाएंगी. यही वजह है कि जब आईआईएम में उन्हें 1 करोड़ रुपये का पैकेज मिला, तो विनीता ने उसे भी ठुकरा दिया और अपना बिजनेस करने का फैसला किया. बता दें कि उस वक्त विनीता की उम्र महज 23 साल थी.
23 साल की उम्र में पहला बिजनेस, बुरी तरह हुईं फेल
अगर मैगजीन को भी बिजनेस की तरह देखें तो विनीता ने अपना दूसरा बिजनेस महज 23 साल की उम्र में शुरू किया. उनका आइडिया था कि वह महिलाओं के लिए एक लॉन्जरी ब्रांड बनाएंगी, जिसे ई-कॉमर्स के जरिए बढ़ाएंगी. एक बड़ा बिजनेस खड़ा करने के लिए उन्हें जरूरत थी ढेर सारे पैसों की और इसके लिए उन्हें फंडिंग चाहिए थी. इस बिजनेस के लिए फंडिंग मांगने के मकसद से वह एक दो नहीं बल्कि 10-12 निवेशकों के पास गईं और फंडिंग मांगी. हालांकि, हर जगह उन्हें निराशा ही मिली, क्योंकि बिजनेस को कोई भी अनुभव नहीं था. इसके बाद उन्होंने तय किया कि ऐसा बिजनेस करना है, जिसके लिए फंडिंग ना लेनी पड़े और बूटस्ट्रैप्ड तरीके से उसे किया जा सके.
5 साल चलाई सर्विस कंपनी, 10 हजार रुपये थी सैलरी
एक बिजनेस में फेल होने के बाद उन्होंने करीब 5 साल तक एक सर्विस कंपनी चलाई. इस बिजनेस में वह क्लाइंट्स को बैकग्राउंड वेरिफिकेशन की सेवा देती थीं. विनीता उस वक्त महज 10 हजार रुपये की सैलरी लेती थीं, जिन्होंने कभी 1 करोड़ का पैकेज ठुकरा दिया था. खुद पर भरोसा करते हुए विनीता ने इस बिजनेस को करीब 5 साल तक चलाया और रेवेन्यू भी 4-5 करोड़ रुपये तक ले गईं, लेकिन फिर ये समझ आया कि इस तरह बड़ा बिजनेस नहीं बनाया जा सकता. ऐसे में उन्होंने अपना ये बिजनेस भी छोड़ दिया.
पति के साथ मिलकर शुरू की 'शुगर'
अपने पति कौशिक मुखर्जी के साथ मिलकर विनीता सिंह ने 2012 में शुगर कॉस्मेटिक्स की शुरुआत की थी. उन्होंने रिसर्च के दौरान देखा कि जो भी ब्रांड हैं, वह महंगे प्रोडक्ट बना रहे हैं, जिसका टारगेट अमीर लोग थे. विनीता ने ऐसे प्रोडक्ट बनाने की ठानी, जो युवाओं को टारगेट करे. महिलाओं की मेकअप नीड को समझा. यह जाना कि महिलाएं मेकअप इसलिए करती हैं, क्योंकि इससे वह खुद को पावरफुल और कॉन्फिडेंड मानती हैं. जब विनीता सिंह ने बेहतरीन प्रोडक्ट एक किफायदी दाम में बाजार में उतारा, तो देखते ही देखते उसकी हर ओर बात होने लगी. इस तरह मार्केटिंग में कोई पैसा खर्च किए बिना ही विनीता सिंह की कंपनी बड़ी होती चली गई.
किचन से दूर रखते थे पिता, आज भी नहीं बना पाती गोल रोटी
विनीता सिंह को उनके पिता बचपन से किचन में काम करने को लेकर काफी डीमोटिवेट करते थे. दरअसल, वह चाहते थे कि उनकी बेटी के एंबिशन बहुत बड़े हों. वह एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे, लेकिन एजुकेशन अच्छी होने की वजह से वह एम्स तक पहुंचे. ऐसे में वह चाहते थे कि विनीता भी अच्छे से बढ़-लिखकर कुछ बड़ा करें.
जब पहली बार सुना था 'आंत्रप्रेन्योर' शब्द
जब महज 17 साल की उम्र में वह आईआईटी जा रही थीं, उस वक्त विनीता से उनके प्रोफेसर ने पूछा कि जिंदगी में क्या मकसद है? इस पर विनीता ने कहा था कि वह अमीर बनना चाहती हैं. ऐसे में प्रोफेसर ने कहा था कि तुम आंत्रप्रेन्योर बन जाओ. ये शब्द विनीता ने पहली बार सुना था, लेकिन आज वह खुद आंत्रप्रेन्योर बन चुकी हैं.
विनीता सिंह की मुलाकात उनके को-फाउंडर्स से आईआईएम अहमदाबाद में हुई. अपने पति कौशिक मुखर्जी से भी उनकी मुलाकात आईआईएम में ही हुई, जो वहां पर विनीता के जूनियर थे. वहीं से दोनों में बातें-मुलाकातें बढीं और दोनों कई मामलों में एक जैसी दिलचस्पी के चलते साथ आए.
एक हॉल-किचन में रहती थीं, 5000 रुपये था रेंट
आज भले ही विनीता सिंह का मुंबई के पवई में अपार्टमेंट है, जहां रियल एस्टेट की कीमत बहुत ज्यादा है, लेकिन उनका स्ट्रगल भी कई नहीं. विनीता अपने शुरुआती दौर में पवई के ही एक ऐसे घर में किराए पर रहती थीं, जो बहुत ही छोटा था. एक कमरे (हॉल) के घर में रहती थीं, जिसमें हॉल के अलावा उन्हें एक किचन मिला हुआ था. उस घर का किराया 5000 रुपये हुआ करता था, जबकि सर्विस कंपनी चलाते वक्त उनकी सैलरी 10 हजार रुपये थी.