Startup Scam: कॉलेज हॉस्टल में आया आइडिया, फेसबुक क्लिक के बदले देने लगा पैसे, जानिए कैसे किया ₹3700 करोड़ का घोटाला
बेहिसाब कमाई कराने वाले ये ऑफर अक्सर ही एक स्कैम (Scam) साबित होते हैं. एक स्कैम सामने आया था साल 2017 की शुरुआत में. इसके तहत फेसबुक लिंक पर क्लिक करने स्कैम किया गया, जिससे करीब 7 लाख लोगों को 3700 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया.
ज्यादा पैसे कमाना किसे अच्छा नहीं लगता. अगर आपको एक ऑफर मिले कि थोड़ी देर काम कर के आप मोटा पैसा कमा सकते हैं, तो एक बार आप उसके बारे में जानना जरूर चाहेंगे. हालांकि, बेहिसाब कमाई कराने वाले ये ऑफर अक्सर ही एक स्कैम (Scam) साबित होते हैं. ऐसा ही एक स्कैम सामने आया था साल 2017 की शुरुआत में. इसके तहत यूपी के किशनगंज पिलखुआ के अनुभव मित्तल नाम के एक शख्स ने अपने 2 दोस्तों (विशाखापट्टनम के श्रीधर प्रसाद और मथुरा के कमई बरसाना के महेश दयाल) के साथ मिलकर एक डिजिटल मार्केटिंग कंपनी की शुरुआत की थी. इसके तहत फेसबुक लिंक पर क्लिक करने स्कैम किया गया, जिससे करीब 7 लाख लोगों को 3700 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया. आइए Startup Scam सीरीज की इस कहानी में जानते हैं, कैसे एक शख्स ने इतना बड़ा स्कैम किया.
क्या था ये स्कैम?
यूपी के पिलखुआ में रहने वाले अनुभव मित्तल ने 3W Digital Private Limited नाम की एक कंपनी शुरू की थी, जिसका ऑफिस नोएडा के सेक्टर-63 में था. इसके तहत लोगों को अमीर बनने के सपने दिखाए जाते थे. कंपनी दावा करती थी कि यह कंपनी दूसरी कंपनियों का प्रचार करती है. वह दूसरी कंपनियों के लिंक को प्रमोट करती थी. कंपनी कहती थी कि उसे एक फेसबुक लिंक पर क्लिक करने के बदले दूसरी कंपनियों से 7 रुपये मिलते हैं. वहीं ग्राहकों को 5 रुपये दिए जाते थे. इसके लिए socialtrade. biz नाम की एक वेबसाइट भी बनाई गई थी.
लोगों को पहली बार कंपनी पर तब शक हुआ, जब वह बार-बार कंपनी का नाम बदल रही थी. कंपनी ऐसा इसलिए कर रही थी ताकि जांच एजेंसियों के बचते हुए अपना खेल खेलती रहे. एब्लेज इंफो सॉल्यूशन, सोशल ट्रेड, थ्री हब, इंटमार्ट, फ्रेंज़अप, थ्रीडब्ल्यू जैसे नाम कंपनी ने रखे. इस मामले में फंसने वाले अधिकतर लोग यूपी के नोएडा और गाजियाबाद के थे, लेकिन यह स्कैम पूरे देश में फैल रहा था. यहां तक कि नाइजीरिया और दुबई से भी इस कंपनी में निवेश आने के कुछ लिंक मिले थे, जिससे शक हुआ कि मामला विदेशों तक फैल चुका है.
4 स्कीम थीं इस कंपनी की
यह कंपनी 4 तरह की स्कीम चला रही थी. आइए जानते हैं इनके बारे में.
1- पहली स्कीम के तहत आपको 5750 रुपये का निवेश करना था और हर रोज 25 क्लिक करने थे. ऐसा कर के आप हर महीने 3750 रुपये कमा सकते थे.
2- दूसरी स्कीम के तहत आपको 11,500 रुपये लगाने थे और हर रोज 50 क्लिक करने थे. इस तरह आप हर महीने 7500 रुपये कमा सकते थे.
3- तीसरी स्कीम के तहत 28,750 रुपये का निवेश करने को कहा गया था. इसमें आपको रोज 75 क्लिक करने थे और आपको हर महीने 11,250 रुपये की कमाई की पेशकश की जा रही थी.
4- चौथी स्कीम के तहत 57,500 रुपये का निवेश करना था और हर रोज 125 क्लिक करने थे. इससे आप हर महीने 18,750 रुपये कमा सकते थे.
क्यों तेजी से वायरल हुआ ये स्कैम?
इस कंपनी की एक बड़ी शर्त ये थी कि आपको 21 दिन के अंदर अपने नीचे 2 सदस्य जोड़ने थे. यानी आप कोई भी स्कीम लें, आपको 21 दिन के अंदर 2 लोगों को जोड़ना था. वहीं अगर आप ये कर लेते हैं तो आपको बूस्टर मिल जाता था. इसका मतलब हुआ कि आपके क्लिक ऑटोमेटिक तरीके से दोगुने हो जाते और आपकी कमाई भी बढ़ जाती. इसी लालच में लोग इसमें निवेश करने के बाद अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को तेजी से इससे जोड़ने लगे. और देखते ही देखते मल्टी लेवल मार्केटिंग यानी पिरामिड स्कीम के आधार पर चल रहा ये स्कैम वायरल हो गया.
विदेश भागने की फिराक में था अनुभव मित्तल
अनुभव मित्तल देश में एक बड़ा लूटकांड कर के देश से भागने की फिराक में था, लेकिन उससे पहले ही कुछ लोगों की तरफ से पुलिस में शिकायत के चलते उसका पर्दाफाश हो गया. अनुभव मित्तल कितना बड़ा शख्स हो गया था, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वह अपनी बर्थडे पार्टी में सनी लियोनी और अमीषा पटेल जैसी बॉलीवुड अभिनेत्रियों को बुलाता था. जब अनुभव मित्तल गिरफ्तार हुआ तो उससे पहले एक वीडियो मैसेज के जरिए उसने लोगों से कहा- 'मैं आपको साथ हूं, आप भी मेरे साथ रहना, यह सब बस कुछ दिन की बात है, फिर सब ठीक हो जाएगा.'
12 खातों में 3726 करोड़ का लेन देन, बैंक अधिकारी शामिल!
पुलिस ने जब अनुभव पर शिकंजा कसा तो 12 बैंक खाते में करीब 3726 करोड़ रुपये का लेनदेन सामने आया. जब पुलिस ने दफ्तर में छापा मारा तो 9 लाख लोगों के पहचान पत्र पुलिस को मिले. वहीं पुलिस को डेटाबेस से करीब 6.30 लाख लोगों के मोबाइल नंबर भी बरामद हुए. यूपी पुलिस ने अलग-अलग खातों से 524 करोड़ रुपये जब्त किए थे. इतना ही नहीं, 150 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी भी जब्त की गई. पुलिस का दावा था कि उनकी जांच से जुड़ी खबरें आरोपियों को मिलने लगी थीं और पैसे तेजी से दूसरे खातों में ट्रांसफर किए जा रहे थे. ऐसे में इस मामले में बैंकों के कुछ अधिकारियों के शामिल होने का भी शक जताया गया. अभी तक इस स्कैम का केस चल रहा है.
कॉलेज हॉस्टल में रहने के दौरान आया सोशल ट्रेड का आइडिया
अनुभव मित्तल ने सोशल ट्रेड की शुरुआत अगस्त 2015 में की थी. उसने बीटेक की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही कंपनी बना ली थी. अपने पिता सुनील मित्तल को भी उसने कंपनी में डायरेक्टर बनाया था, जिनकी पिलखुआ में मित्तल इलेक्ट्रॉनिक्स नाम की दुकान है. 2011 में ग्रेटर नोएडा के एक कॉलेज से पढ़ाई पूरी की और उसी दौरान इस कंपनी की नींव पड़ने लगी थी. कॉलेज हॉस्टल से ही अनुभव मित्तल ने इस कंपनी को लेकर काम करना शुरू कर दिया था.
चलाई जा रही थी पोंजी स्कीम
पोंजी स्कीम के तहत लोगों को मल्टीलेवल मार्केटिंग यानी पिरामिड स्कीम के तहत जोड़ा जाता है. वहीं नए लोगों से आने वाले पैसे को पुराने लोगों को रिटर्न के नाम पर दिया जाता है. असल में इसमें कोई बिजनेस मॉडल नहीं होता है, बल्कि सिर्फ लोगों के ही पैसों को इधर से उधर घुमाया जाता है. इस तरह के फ्रॉड का नाम पोंजी स्कीम उस शख्स के नाम पर पड़ा, जिसने पहली बार इसे अंजाम दिया था. इस शख्स का नाम था चार्ल्स पोंजी (Charles Ponzi), जिसने करीब 100 साल पहले इसी तरह से स्कैम किया था. मार्च 1882 में इटली में जन्मे चार्ल्स को पोंजी स्कीम का 'बाप' (Father of Ponzi Scheme) भी कहा जाता है.