आज के वक्त में लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर पहले से काफी ज्यादा सजग हो गए हैं. जब से कोरोना महामारी ने दस्तक दी है, तब से लोग अपनी इम्युनिटी को लेकर भी काफी सोचने लगे हैं. इसी बीच ऐसे भी बहुत सारे लोग हैं जो एलोपैथिक दवाओं के बजाय होम्योपैथिक या आयुर्वेदिक दवाओं की ओर शिफ्ट हो रहे हैं. हमें अक्सर ये सुनने को मिलता है कि होम्योपैथिक या आयुर्वेदिक या यूनानी दवाएं एलोपैथिक दवाओं के मामले में अच्छी भी होती हैं और सस्ती भी, लेकिन सवाल ये है कि इन्हें खरीदें कहां से? इनके डॉक्टर कहां मिलेंगे? इसी दिक्कत को समझा दिल्ली में रहने वाले अनुभव बंसल और डॉ. मोहित अग्रवाल ने और अप्रैल 2016 में शुरू किया Healthmug स्टार्टअप. मौजूदा वक्त में कंपनी का टर्नओवर करीब 30 करोड़ रुपये का है. हेल्थमग का बिजनेस अभी पूरे देश में है और करीब 16 हजार पिनकोड तक वह अपने प्रोडक्ट्स को डिलीवर करते हैं. 

क्या करता है ये स्टार्टअप?

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यह एक आयुष पर आधारित स्टार्टअप है. इसके को-फाउंडर मोहित अग्रवाल को आयुष का करीब 25 सालों का अनुभव है. हेल्थमग के तहत बी2सी और बी2बी बिजनेस किया जाता है. इसके साथ ही लोगों को मुफ्त कंसल्टेशन की सुविधा भी दी जाती है. हालांकि, जो डॉक्टर कंसल्टेशन देते हैं, उन्हें हेल्थमग की तरफ से पैसे दिए जाते हैं. मोहित और अनुभव ने पाया कि एलोपैथी में काफी ग्रोथ हो रही थी लेकिन आयुष में कोई ग्रोथ देखने को नहीं मिल रही थी. ऐसे में तेजी से लोगों तक पहुंचने के लिए दोनों ने ई-कॉमर्स को टारगेट किया, ताकि बिजनेस तेजी से स्केल हो सके.

क्या होती है यूजर की जर्नी?

हेल्थमग की वेबसाइट से एक यूजर होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक या यूनानी दवाएं ऑर्डर कर सकता है. सबसे पहले वेबसाइट पर जाना होगा और वहां पर दवाइयां कार्ट में डालकर भुगतान करना होगा. हेल्थमग का एल्गोरिद्म चेक करेगा कि आपके सबसे पास कौन सा सेलर है और कैसे आपको दवा जल्दी से जल्दी और सिर्फ एक ही पैकेट में मिल सके. अगर यह नहीं समझ आ रहा हैं कि कौन सी दवा लेनी है तो यूजर हेल्थमग की वेबसाइट से ही डॉक्टर का मुफ्त कंसल्टेशन भी बुक कर सकता है और उसी आधार पर दवा ले सकता है.

डॉक्टर कंसल्टेशन बुकिंग कैसे काम करती है?

सबसे पहले यूजर से वेबसाइट पर ये चुनना होगा कि उसे किस कैटेगरी की दवा लेनी है, होम्यपैथिक, आयुर्वेदिक या यूनानी. अगर आप ये नहीं जानते कि किस कैटेगरी की दवा लेनी चाहिए तो इसके लिए हेल्थमग की वेबसाइट पर बहुत सारे आर्टिकल भी हैं, जो आपको इनके बारे में एजुकेट कर सकते हैं. जैसे ही आप डॉक्टर कंसल्टेशन बुक करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको एक बॉट (Swasthi) से बात करनी होगी, जो ये समझेगा कि आपकी बात किस डॉक्टर से कराई जाए. उसके बाद आपकी समस्या को ध्यान में रखते हुए स्टार्टअप के 3000 से भी अधिक डॉक्टर्स में से कुछ चुनिंदा के पास आपकी कंसल्टेशन रिक्वेस्ट जाती है. यह बिल्कुल ओला-उबर की तरह काम करता है. उसके बाद कोई डॉक्टर आपसे चैट, वॉइस कॉल या फिर वीडियो कॉल के जरिए बात करेगा. बता दें कि हेल्थमग से जुड़े सभी डॉक्टर्स एजुकेटेड होते हैं, जिनके पास डिग्री होती है, तो आप पूरा भरोसा कर सकते हैं.

क्या है कंपनी का बिजनेस मॉडल?

कंपनी की कमाई का मुख्य जरिया है दवा बेचकर मार्जिन से कमाई करना. इसके अलावा कंपनी को तमाम ब्रांड्स से भी विज्ञापन मिलते हैं, जिनसे कुछ अतिरिक्त कमाई होती है. कंपनी ना सिर्फ ग्राहकों को दवाइयां बेचती है, बल्कि डॉक्टर्स को भी बल्क में दवाएं देती है और वहां से भी मुनाफा कमाती है. आने वाले 3-4 महीनों में कंपनी एक प्रीमियम मॉडल लाना चाहते हैं, जिसके तहत आप अपने मन मुताबिक डॉक्टर से और अपने पसंद के टाइम पर बात कर सकेंगे.

चुनौतियां भी कम नहीं

अभी हेल्थमग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कैटेगरी क्रिएट करना. एलोपैथी में सब कुछ पहले से बना हुआ है, उसमें लोगों को एजुकेट करने की जरूरत नहीं है, लेकिन होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं के मार्केट में लोगों को एजुकेट करना एक बड़ी चुनौती है. वहीं अभी कंपनी को फाइनेंस की जरूरत भी महसूस हो रही है, तो वह फंडिंग जुटाने पर भी विचार कर रहे हैं. फंडिंग की जरूरत इसलिए है, क्योंकि अभी कंपनी एडवर्टाइजिंग पर बहुत ज्यादा खर्च नहीं कर रही है, जबकि तेजी से बिजनेस को स्केल करने के लिए ऐसा करना बहुत जरूरी है.

फंडिंग और फ्यूचर प्लान

अभी तक इस कंपनी ने कोई फंडिंग नहीं जुटाई है और अब तक बूटस्ट्रैप्ड है. कंपनी का बिजनेस फिलहाल अच्छा चल रहा है और कंपनी मुनाफा भी कमा रही है. वहीं आने वाले दिनों में कंपनी वीडियोज पर फोकस करना चाहती है, ताकि लोगों को एजुकेट किया जा सके. साथ ही डॉक्टर्स के साथ मिलकर लेक्चर्स भी लेना चाहते हैं. यह स्टार्टअप चाहता है कि आयुष का एक पूरा ईकोसिस्टम बनाया जाए. मौजूदा वक्त में करीब 50 फीसदी आयुष डॉक्टर बीच में ही अपनी नौकरी छोड़ कर कुछ और काम करने लगते हैं. अगर ईकोसिस्टम बनेगा तो इन डॉक्टर्स को रोजगार की दिक्कत नहीं होगी. साथ ही हेल्थमग मल्टीलैंग्वेज कंसल्टेशन लाना चाहता है, ताकि लोग अपनी भाषा में डॉक्टर से बात कर पाएं. साथ ही आने वाले टाइम में डॉक्टरों की कमाई बढ़ाने वाले रेवेन्यू मॉडल पर भी काम किया जाएगा.