क्या है Seed Fund Scheme, जिसकी लास्ट डेट आ रही नजदीक, जानिए Startup शुरू करने के लिए कैसे उठाएं फायदा
किसी भी स्टार्टअप (Startup) को उसके इनोवेटिव आइडिया वाले प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के ट्रायल के लिए कुछ पैसों की जरूरत होती है. इसी के लिए सरकार ने Startup India Seed Fund Scheme की शुरुआत की गई थी.
किसी भी स्टार्टअप (Startup) को उसके इनोवेटिव आइडिया वाले प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के ट्रायल के लिए कुछ पैसों की जरूरत होती है. इसी के लिए सरकार ने Startup India Seed Fund Scheme की शुरुआत की गई थी. अप्रैल, 2021 में 945 करोड़ रुपये की धनराशि के साथ घोषित सीड फंड योजना 2025 में समाप्त हो जाएगी. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जुलाई में पेश होने वाले बजट में इस योजना के तहत अधिक पैसों की मांग की जा सकती है, ताकि स्टार्टअप ईकोसिस्टम को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके.
पीएम मोदी ने की थी शुरुआत
स्टार्टअप्स की मदद के लिए पीएम मोदी ने 16 जनवरी 2021 को Startup India International Summit में इस स्कीम की घोषणा की थी. स्टार्टअप्स की मदद के लिए DPIIT ने करीब 945 करोड़ रुपये कॉर्पस बनाया था. इससे करीब 3600 आंत्रप्रेन्योर्स को 4 सालों में 300 इनक्युबेटर्स के जरिए मदद मुहैया करानी है. इसे लागू करवाने के लिए सरकार ने एक एक्सपर्ट एडवाइजरी कमेटी भी बनाई है.
क्या मकसद है इस स्कीम का?
Startup India Seed Fund Scheme का मकसद स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता देना होता है, ताकि वह अपने प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट तैयार कर सके. साथ ही इससे प्रोटोटाइप बनाने, प्रोडक्ट का ट्रायल करने, मार्केट में एंट्री लेने और प्रोडक्ट या सर्विस को कमर्शियलाइज करने में मदद मिलती है. इसकी मदद से एक स्टार्टअप को उस लेवल तक पहुंचने में मदद मिलती है, जहां पहुंचकर उसे एंजल निवेशकों और वेंचर कैपिटल फर्म से आसानी से फंडिंग मिल सके या किसी भी बैंक से लोन लेने में दिक्कत ना हो.
सरकार से कैसे स्टार्टअप तक पहुंचता है पैसा?
सबसे पहले तो DPIIT की तरफ से सीड फंड की रकम अप्रूव होती है और उसे एक्सपर्ट एडवाइजरी कमेटी के पास भेजा जाता है. वहीं से यह फंड इनक्युबेटर्स के पास जाता है, जो कम से कम 2-3 साल से चल रहे हों. फिर इन इक्युबेटर्स के जरिए पैसे DPIIT रिकॉग्नाइज्ड स्टार्टअप्स को दिया जाता है, जो 2 साल से ज्यादा पुराना ना हों.
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