बॉयो CNG प्लांट लगाकर शुरू करें अपना कारोबार, होगी मोटी कमाई
एग्री क्षेत्र से जुड़ी सहकारी संस्था नाफेड (NAFED) ने कृषि अपशिष्ट से बॉयो सीएनजी (BIO CNG) बनाने के लिए देशभर में 100 प्लांट लगाएगी.
एग्री क्षेत्र से जुड़ी सहकारी संस्था नाफेड (NAFED) ने कृषि अपशिष्ट से बॉयो सीएनजी (BIO CNG) बनाने के लिए देशभर में 100 प्लांट लगाएगी. वह पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में 5,000 करोड़ रुपये के निवेश से ऐसा करने जा रही है. बॉयो सीएनजी प्लांट लगाकर आप भी कारोबार शुरू कर सकते हैं. बॉयो सीएनजी को गाय-भैंस व अन्य पशुओं के गोबर-मल के अलावा सड़ी-गली सब्जियों और फलों से भी बनाया जाता है. बॉयो सीएनजी प्लांट गोबर गैस की तरह ही चलता है. लेकिन इसमें अलग से मशीनें लगाई जाती हैं.
इस तरह बनती है बॉयो CNG
बॉयो CNG के प्लांट महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों में चल रहे हैं. प्लांट में VPSA (Vacuum Pressure Swing Adsorption) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है. इसके जरिए गोबर को प्यूरीफाई कर मीथेन बनाई जाती है. इसके बाद मीथेन को कम्प्रेस करके सिलेंडर में भरा जाता है. प्लांट को लगाने में थोड़ी लागत जरूर आती है लेकिन यह कमाई का बेहतर जरिया बन सकता है. मोदी सरकार भी प्रदूषण स्तर घटाने के लिए बॉयो CNG को बढ़ावा दे रही है.
कितनी होगी कमाई
बॉयो CNG की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. जो लोग इस कारोबार से जुड़े हैं वह बॉयो CNG की सप्लाई सिलेंडर में भरकर करते हैं. यह अपने घरों में सप्लाई होने वाले LPG सिलेंडर जैसा ही है. यही नहीं बॉयो CNG बनाने के बाद जो गोबर बचता है, वह बेहतरीन खाद का काम करता है. उस खाद को किसानों को बेचकर कमाई और बढ़ाई जा सकती है. सरकारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आप भी बॉयो CNG का व्यावसायिक इस्तेमाल कर सकते हैं.
क्या है नाफेड की योजना
नाफेड के प्रबंध निदेशक संजीव के चड्ढा के मुताबिक संयंत्रों से जैव-सीएनजी खरीदने के लिए इंडियन ऑयल (Indian Oil) के साथ करार किया गया है. वह 48 रुपये प्रति किलोग्राम के दर से जैव-सीएनजी खरीदेगी. इसके लिए पहले 3 केंद्रों की स्थापना यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में होगी. यहां गन्ने का सर्वाधिक उत्पादन होता है और वहां चीनी मिलों से निकलने वाला कचरा भारी मात्रा में उपलब्ध है.