Spencer's Retail उतरी क्विक कॉमर्स मार्केट में, 20-30 मिनट के अंदर डिलीवर करेगी सामान
स्पेंसर्स रिटेल (Spencer's Retail) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल से परिचालन शुरू करते हुए क्विक कॉमर्स (Quick Commerce) सेगमेंट में उतरने की घोषणा की. खुदरा शृंखला का लक्ष्य तेज डिलिवरी की मांग को पूरा करने के लिए अपने मौजूदा स्टोर का उपयोग करके 20-30 मिनट के भीतर सामान पहुंचाने का है.
स्पेंसर्स रिटेल (Spencer's Retail) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल से परिचालन शुरू करते हुए क्विक कॉमर्स (Quick Commerce) सेगमेंट में उतरने की घोषणा की. खुदरा शृंखला का लक्ष्य तेज डिलिवरी की मांग को पूरा करने के लिए अपने मौजूदा स्टोर का उपयोग करके 20-30 मिनट के भीतर सामान पहुंचाने का है.
स्पेंसर्स रिटेल के चेयरमैन शाश्वत गोयनका ने कहा, “हमारे मौजूदा 89 स्टोर बंगाल और उत्तर प्रदेश दोनों में त्वरित वाणिज्य खंड में सेवाएं देंगे. संचालन पश्चिम बंगाल से शुरू होगा. हम इस पहल के लिए कोई पूंजीगत व्यय नहीं करते हैं क्योंकि हम मौजूदा स्टोर का लाभ उठा रहे हैं. लॉजिस्टिक्स को एक समर्पित तीसरा पक्ष आपूर्ति प्रणाली संभालेगा.”
उन्होंने कहा कि बंगाल के बाद स्पेंसर उत्तर प्रदेश में अपनी त्वरित वाणिज्य सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है. हालांकि, खुदरा विक्रेता ने दक्षिण और एनसीआर क्षेत्रों से सभी स्टोर बंद कर दिए हैं और केवल पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में अपने परिचालन पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
घाटा कम होकर 47.3 करोड़ रुपये पर
स्पेंसर रिटेल लिमिटेड ने बृहस्पतिवार को बताया कि दिसंबर तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध घाटा सिमटकर 47.34 करोड़ रुपये रह गया है. आरपी संजीव गोयनका की कंपनी स्पेंसर रिटेल ने एक साल पहले अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में 51.20 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था.
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि समीक्षाधीन तिमाही के दौरान उसकी परिचालन आय 20.9 प्रतिशत घटकर 516.97 करोड़ रुपये रह गई. एक साल पहले की समान अवधि में यह 654.01 करोड़ रुपये थी. स्पेंसर रिटेल ने अपने निवेशक प्रस्तुतीकरण में कहा, ‘‘उपभोक्ता खर्च के मामले में कंपनी के लिए त्योहारी तिमाही नरम रही.’’
स्पेंसर रिटेल का कुल खर्च दिसंबर तिमाही में 20.2 प्रतिशत घटकर 567.44 करोड़ रुपये रह गया, जबकि एक साल पहले यह 711.54 करोड़ रुपये था. स्पेंसर रिटेल की कुल आय, जिसमें अन्य आय भी शामिल है, दिसंबर तिमाही में मामूली रूप से 21.23 प्रतिशत घटकर 520.03 करोड़ रुपये रह गई.