Shark Tank India-4: जब इस Founder से खफा हुए जज, वो बोलीं- 'अनुपम को हो रहा फोमो, पीयूष आप एक ही चश्मा बेचो'
शार्क टैंक इंडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां आपको एक से बढ़कर एक स्टार्टअप देखने को मिलते हैं. ऐसा ही एक स्टार्टअप (Startup) शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में भी सेट पर पहुंचा.
शार्क टैंक इंडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां आपको एक से बढ़कर एक स्टार्टअप देखने को मिलते हैं. ऐसा ही एक स्टार्टअप (Startup) शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में भी सेट पर पहुंचा. यह स्टार्टअप केक में इस्तेमाल होने वाले बहुत सारे डेकोरेटिव इनग्रेडिएंट्स बनाता है. यह ऐसे फूल बनाता है, जिसे आप खा सकते हैं, क्योंकि ये फॉन्डेंट से बने होते हैं. बता दें कि फॉन्डेंट से केक की आउटर लेयर को भी कवर किया जाता है.
शार्क टैंक इंडिया के सेट पर पहुंचे इस स्टार्टअप का नाम है Confect, जिसकी शुरुआत दिल्ली की रहने वाली गौरी कौशिक वर्मा ने की थी. इसकी शुरुआत हुई एक डिजास्टर की वजह से. गौरी बताती हैं कि उन्होंने अपनी शादी के मौके पर रिसेप्शन के लिए 36 हजार रुपये का वेडिंग केक मंगवाया था, जो उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी ट्रैजिडी बन गया. दरअसल, उस पर जो इमेज बनाई गई थी, वह बहुत खराब थी.
800 से भी ज्यादा प्रोडक्ट बनाता है ये स्टार्टअप
गौरी ने पाया कि भारत में बेकरी इनग्रेडिएंट्स को इंपोर्ट किया जाता है. यह इनग्रेडिएंट भी ऐसे होते हैं, जो सेफ्टी चेक से नहीं गुजरते हैं. ये सब देखने के बाद 2 साल और 400 कोशिशों के बाद गौरी बन गईं फूड टेक्नोलॉजिस्ट एंड शेफ गौरी. यह वीगन हैं, जो प्योर शुगर केन से बनते हैं. बता दें कि यह स्टार्टअप करीब 800 प्रोडक्ट बनाता है.
स्विमिंग की बदौलत पहुंचीं श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स
गौरी को 10वीं में सिर्फ 66 फीसदी नंबर मिले थे. ऐसे में मां ने कहा कि इस नंबर में अच्छा कॉलेज तो नहीं मिलेगा, तो शादी करानी पड़ेगी. इसके बाद उन्होंने स्विमिंग शुरू की और धीरे-धीरे नेशनल लेवल के स्विमिंग कॉम्पटीशन तक पहुंच गईं. स्पोर्ट्स कोटा के दम पर उन्हें श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में एडमिशन मिल गया, जहां से उन्होंने बीकॉम ऑनर्स की पढ़ाई की.
ऑक्सफोर्ड से की पढ़ाई, लेहमन ब्रदर्स में की जॉब, लेकिन..
इसके बाद वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी गईं. मां ने कहा था कि 12वीं के बाद वापस आ जाना शादी के लिए. लेकिन गौरी ने पढ़ाई पूरी करने के बाद लंदन में ही डेलॉएट में नौकरी कर ली. उसके बाद 2008 में लेहमन ब्रदर्स क्राइसिस हुई, जिसके बाद वह करीब 6 महीने तक बेंच पर रहीं. इसके बाद वह मुंबई आ गईं, जहां 2011-12 के दौरान उन्होंने एक जॉब भी की, जहां उनकी मुलाकात उनके होने वाले पति से हुई. कुछ बड़ा करना था तो मां-बाप का आशीर्वाद लेकर वह लॉस वेगस चली गईं, जहां उन्होंने शादी की, जिसमें आए केक ने सब एक नई कहानी की शुरुआत कर दी.
'मैं दिल्ली आ गई, बोली तेरी तो बस..'
केक के डिजास्टर के बाद गौरी ने तय किया कि उन्हें कप केक और केक बनाने हैं, नौकरी नहीं करनी है. गौरी कहती हैं- 'इसके बाद मैं दिल्ली आ गई, बोली तेरी तो बस..' दिल्ली में उन्होंने एक क्लाउड किचन खोला और धीरे-धीरे बिजनेस शुरू किया. उन्होंने पहली बार 2018 में फॉन्डेंट बनाया. गौरी को इनग्रेडिएंट्स नहीं मिलते थे, बहुत दिक्कत होती थी, तो सोचा कि क्यों ना इसी का बिजनेस किया जाए. 2018 से अब तक गौरी अपने स्टार्टअप के तहत 800 से भी ज्यादा प्रोडक्ट बना चुकी हैं. इनके प्रोडक्ट ओबेरॉय और ताज होटल में भी जाते हैं.
तगड़ा रेवेन्यू कर रही है ये कंपनी
मौजूदा वक्त में इस स्टार्टअप के प्रोडक्ट भारत के अलावा अमेरिका, लंदन, यूके, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों तक अपनी पहुंच बना चुका है. पिछले ही साल कंपनी ने अमेरिका में बिजनेस शुरू किया और 1 साल ही में करीब 8 करोड़ रुपये का बिजनेस हासिल कर लिया. इस स्टार्टअप का रेवेन्यू 2018-19 में करीब 24 लाख रुपये था, जो 2019-20 में बढ़कर 1.2 करोड़ पर पहुंच गया. वहीं अगले सालों में यह 3.4 करोड़, 5.6 करोड़, 4.5 करोड़ और 2023-24 तक ये 8 करोड़ रुपये के रेवेन्यू पर पहुंच गया. नवंबर 2024 तक कंपनी का रेवेन्यू 7.5 करोड़ रुपये हो चुका है और उम्मीद है कि इस साल उनका बिजनेस 15 करोड़ रुपये तक का रेवेन्यू जनरेट करेगा.
भारत का मार्केट प्राइस सेंसिटिव
गौरी का मानना है कि भारत का मार्केट प्राइस सेंसिटिव है, ऐसे में वह बाहर के मार्केट में अपनी पकड़ बनाना चाह रही हैं. वह इस वक्त अमेरिका में 85 साल पुरानी कंपनी से टक्कर ले रही हैं. वह आने वाले वक्त में अमेरिका, यूरोप और यूके में वेयरहाउस खोलना चाहती हैं. अमेरिका में इस प्रोडक्ट ने 18 महीने में ही करीब 70 हजार ग्राहक बना लिए हैं.
नमिता ने दी फंडिंग, बाकी चारों शार्क हुए आउट
गौरी ने अपने स्टार्टअप के लिए 100 करोड़ की वैल्युएशन पर 1 फीसदी इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये की फंडिंग मांगी. गौरी की पिच के बाद पीयूष, विनीता, अनुपम और अमन इससे आउट हो गए. हालांकि, नमिता ने इस स्टार्टअप को फंडिंग दी. नमिता ने 2 फीसदी के बदले 1 करोड़ रुपये दिए और साथ ही 1 करोड़ रुपये वापस मिलने तक 2 फीसदी की रॉयल्टी मांगी. इस डील को गौरी ने हां कर दी.
शार्क्स पर गुस्सा हुईं गौरी
डील हो जाने के बाद जब गौरीं चली गईं, तो अनुपम कहते रहे कि फाउंडर बस पैसे लेना चाहती थी, इसलिए यहां वहां की बात करती रही. वहीं बैकस्टेज कैमरे पर उन्होंने कहा कि अनुपम को फोमो हो रहा है. वह बोलीं- 'पीयूष को बोलना था एक ही चश्मा बेचो सारे देश में, क्यों इतने सारे डिजाइन निकाले हुए हैं. मुझे नहीं लगता बाकी शार्क को केक का 'क' भी नहीं पता. दाव आप घोड़े पर लगाते हो, नहीं लगाना तो मत लगाओ, बोलो ये बिजनेस मुझे समझ नहीं आता, ये बेफालतू की एक्सक्यूज मत दो.'