शार्क टैंक इंडिया के सीजन 3 (Shark Tank India-3) में हाल ही में एक ऐसा स्टार्टअप (Startup)आया, जिसके फाउंडर्स ने सभी को इंप्रेस कर दिया. उनके प्रोडक्ट की हर शार्क ने तारीफ भी की और उस पर अपना फीडबैक भी लिया. इन फाउंडर्स की जिस अदा ने सबका दिल जीत लिया है, वह रही इनकी ईमानदारी, फीडबैक को स्वीकार करना और अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए तरह-तरह के जुगाड़ लगाना. इस स्टार्टअप का नाम है FOMO, जिसे महज 21 साल के दो कॉलेज स्टूडेंट्स अविक चौधरी और गौरांग गाडिया ने शुरू किया है.

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गौरांग गाडिया अभी बेंगलुरु की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से बिजनेस लॉ में मास्टर्स कर रहे हैं. वहीं अविक चौधरी बेंगलुरु के स्टोआ (Stoa) से एग्जिक्युटिव एमबीए कर रहे हैं. उन्होंने जब भी कोई ड्रिंक ट्राई की तो चीनी वाली मॉकटेल ही मिली और वह उन्हें पसंद नहीं आई. उन्होंने देखा कि बेवरेज के रूप में लोगों को एमटी कैलोरी दी जा रही है. तो सोचा कुछ ऐसा बनाएं जो डेली लाइफस्टाइल में इस्तेमाल हो और जिसे पीने से किसी के मन में कोई पछतावा ना आए. फिर इस स्टार्टअप ने एक आइसटी बनाई, जिसमें रिफाइंड शुगर नहीं होता ना ही कोई प्रिजर्वेटिव होता है. 

यह स्टार्टअप आने वाले दिनों में मिल्क मिक्स भी लाने की प्लानिंग कर रहा है. जिस भी कैटेगरी में फ्लेवर्ड शुगर डोमिनेट कर रहा है, उस कैटेगरी में यह स्टार्टअप घुसना चाहता है. इसकी शुरुआत दोनों ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान की थी. जब वह आइस टी पीने मार्केट में गए तो वहां उन्हें खराब एक्सपीरियंस हुआ. इसके बाद मिठास के लिए खांड और शहद का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने अपनी आइस टी बनाई और मार्केट में उतार दी. 

कितनी है इस आइसटी की कीमत?

इस स्टार्टअप की 300 एमएल आइसटी की कीमत 99 रुपये है, जिसमें कोक की तुलना में आधा शुगर है. कंपनी ने इसके कुछ प्रीमिक्स भी लॉन्च किए हैं, जिनकी कीमत 35 रुपये है और उनसे भी 300 एमएल आइसटी बनती है. नमिता थापर ने कहा कि अगर कोका-कोला भी ऐसा ही कुछ लाती है तो क्या होगा. इस पर गौरांग कहते हैं कि वह हाथियों के जंगल में चीता बनना चाहते हैं. बड़ी कंपनियां मार्केट में बहुत धीरे-धीरे आ पाती हैं, लेकिन हम तेजी से स्केल कर सकते हैं.

क्या है कंपनी सेल्स?

शार्क टैंक में आने तक कंपनी की सेल 3-3.5 लाख रुपये मंथली थी. इस स्टार्टअप में अभी तक दोनों फाउंडर्स कुल मिलाकर 32 लाख रुपये लगा चुके हैं. शुरुआत में दोनों ने 8-8 लाख रुपये डाले थे और बाद में जब दोबारा पैसों की जरूरत पड़ी तो एक फैमिली फ्रेंड से 16 लाख रुपये लिए. कंपनी का 70 फीसदी बिजनेस अभी दिल्ली-एनसीआर में है. 

अमन गुप्ता ने फोमो की पैकेजिंग की तारीफ की तो उन्होंने बताया कि यह सब उन्होंने खुद किया है. एआई के इस जमाने में उन्होंने कैन्वा का इस्तेमाल किया और यूट्यूब से वीडियो देखकर सीखा. इतना ही नहीं, एआई से जनरेट किए गए कैरेक्टर भी उन्होंने अपने प्रोडक्ट्स पर लगाए हैं. 

2.5-3 करोड़ रुपये का हो जाएगा एआरआर

शार्क टैंक में इस स्टार्टअप ने 8.75 करोड़ रुपये की वैल्युएशन पर 35 लाख रुपये के बदले 4 फीसदी इक्विटी देने की पेशकश की. इस फंडिंग में से 10 लाख रुपये यह स्टार्टअप डिस्ट्रीब्यूशन और सेल्स पर खर्च करेगा. 20 लाख रुपये वर्किंग कैपिटल में लगाएगा और 5 लाख रुपये रिसर्च में डाले जाएंगे. फाउंडर्स का कहना है कि 35 लाख रुपये लगाकर वह 2.5 से 3 करोड़ रुपये का एआरआर हासिल कर लेंगे.

शार्क के बीच लगी रेस

यह स्टार्टअप सभी शार्क को इतना पसंद आया कि हर कोई उसमें पैसे लगाना चाहता था. यहां तक कि पांचों शार्क ने ऑफर दे दिया. वह इक्विटी भी कम करने पर राजी हो गए. इन्वस्टमेंट के लिए जैसे एक रेस सी शुरू हो गई. आखिरकार उन्होंने अमन गुप्ता और अनुपम मित्तल की डील ली, जिन्होंने 35 लाख रुपये के बदले 5.83 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 6 फीसदी इक्विटी ली.