हाल ही में शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन (Shark Tank India-3) में एक स्टार्टअप (Startup) पी-तल (P-TAL) आया था. पीतल, तांबे और कांसे के बर्तन बनाने वाले इस स्टार्टअप को ऑल 5 शार्क डील मिली थी. अब कंपनी के को-फाउंडर और खुद को 'बर्तन वाला' कहने वाले आदित्य अग्रवाल ने एक लिंक्डइन पोस्ट की है, जिसमें कहा है कि वह सभी को चेक वापस लौटा रहे हैं. अब सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि चेक वापस लौटाया जा रहा है?

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आदित्य कहते हैं कि जब शार्क टैंक इंडिया से 5 शार्क डील के तहत चेक लेकर वह अपने कारीगरों के पास पहुंचे, तो कारीगरों की आंखों में आंसू आ गए. दरअसल, वह आंसू खुशी के थे. अब वह कारीगर तमाम शार्क का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें खास तरह के चेक भेज रहे हैं. इस चेक के जरिए वह शार्क को प्यार, इज्जत और शुभकामनाएं भेज रहे हैं. साथ ही हर शार्क को इस स्टार्टअप का हाथों से बना एक खास प्रोडक्ट भी भेजा जा रहा है.

फाउंडर्स खुद को कहते हैं 'बर्तन वाले'

पी-तल (P-TAL) के फाउंडर्स खुद को 'बर्तन वाले' कहते हैं. P-TAL का मतलब है पंजाब ठठेरा आर्ट लीगेसी. इसकी शुरुआत आदित्य अग्रवाल, कीर्ति गोयल और गौरव गर्ग ने 2019 में की है. इसकी शुरुआत श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली में पढ़ाई के दौरान एक प्रोजेक्ट की तरह हुई थी. स्टार्टअप के फाउंडर्स ने कहा कि क्या खाना है, आज सिर्फ इसकी बात होती है, लेकिन किसमें पकाना है, इसकी बात नहीं होती है. पुराने जमाने में दादी-नानी कहा करती थीं कि पीतल में पकाओ, कांसे में खाओ और तांबे के बर्तन में पानी पीओ. बताया जाता है कि इनमें बने खाने में 93 फीसदी पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं, जबकि सामान्य बर्तनों में यह आंकड़ा महज 13 फीसदी रह जाता है. 

ठठेरों के परिवारों की बढ़ाई कमाई

इस स्टार्टअप ने करीब 55 ऐसे ठठेरा परिवारों की मदद की है, जो पहले 2-3 हजार रुपये हर महीने कमाते थे, लेकिन आज कम से कम 25 हजार रुपये महीना से लेकर 1 लाख रुपये तक भी कमाते हैं. यह परिवार अमृतसर से करीब 30-35 किलोमीटर दूर एक छोटे से शहर जंडियाला गुरुद्वारा में रहते हैं. जब फाउंडर्स ने अपने प्रोडक्ट्स की कीमत बतानी शुरू की तो सबसे पहले तो शार्क को ये काफी महंगे लगे. हालांकि, फाउंडर्स ने कहा कि उनके प्रोडक्ट ग्रेड-ए लेवल के हैं, इसी वजह से महंगे हैं.

प्रॉफिटेबल है स्टार्टअप, करता है मोटी कमाई

2019 में जब इस स्टार्टअप ने बिजनेस की शुरुआत की थी तो 2019-20 में उसकी सालाना सेल महज 21 लाख रुपये थी. वहीं 2020-21 में कंपनी की सेल 85 लाख रुपये हो गई. 2021-22 में कंपनी की सेल 2.76 करोड़ रुपये रही. वहीं 2022-23 में कंपनी ने 3.98 करोड़ रुपये की सेल की. वहीं इस साल यानी 2023-24 में कंपनी को 9 करोड़ रुपये की सेल होने का अनुमान है. इस स्टार्टअप का दिल्ली में एक रिटेल ऑउटलेट भी है, बाकी सारा बिजनेस ऑनलाइन है. भारत में इसका मार्केट 30-35 हजार करोड़ रुपये का है. बता दें कि ये कंपनी अभी प्रॉफिटेबल है.

मिला दोगुना निवेश, हुई ऑल शार्क डील

हाल ही में इस स्टार्टअप ने एक सीड राउंड फंडिंग उठाई है, जिससे पहले यह स्टार्टअप पूरी तरह बूटस्ट्रैप्ड था. इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व टाइटन ने किया था, जिसमें गजल अलघ, अर्जुन वैद्य जैसे डी2सी फाउंडर्स ने भी हिस्सा लिया था. यह फंडिंग राउंड अप्रैल 2023 में 25.25 करोड़ रुपये प्रीमनी और 29.58 करोड़ रुपये पोस्टमनी के वैल्युएशन पर हुआ था, जिसके तहत कंपनी ने 4.33 करोड़ रुपये जुटाए थे. इस स्टार्टअप के फाउंडर्स ने अपने स्टार्टअप के लिए शार्क टैंक में 50 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 50 लाख रुपये के बदले 1 फीसदी इक्विटी देने का ऑफर दिया. निवेश पर काफी मोलभाव के बाद आखिरकार इस स्टार्टअप के फाउंडर्स ने 31.25 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 3.2 फीसदी इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये का निवेश उठाया.