शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन (Shark Tank India-3) में सबसे छोटे या यूं कहें कि सबसे  कम उम्र (30 साल) के शार्क हैं ओयो रूम्स (Oyo Room) के फाउंडर और सीईओ रितेश अग्रवाल (Ritesh Agrawal). वह तमाम तरीकों से उभरते उद्यमियों तक अपनी पहुंच बना रहे हैं. रितेश ने इसके पीछे की प्रेरणा का खुलासा किया. रियलिटी शो में रितेश न केवल अपने व्यावसायिक कौशल के लिए, बल्कि अपनी करुणा के लिए भी पहचाने जाते हैं.

हिंदी में बात करना काफी खास

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पूरे सीजन में रितेश एक शार्क की पारंपरिक भूमिका को पार करते हुए उभरते उद्यमियों तक सार्थक तरीकों से पहुंचते हैं. रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ वह अमूल्य अंतर्दृष्टि देते हुए भावनात्मक समर्थन प्रदान करते हैं. रितेश ने कहा, "हर चुनौती का सामना करते हुए, मैंने छिपे हुए अवसरों की खोज की है. टैंक में संस्थापकों के साथ बातचीत के दौरान हिंदी में बात करना काफी खास है."

'रितेश का निवेश' मंच कर रहा कमाल

उन्‍होंने कहा, "केवल निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बजाय मैं व्यक्तिगत रूप से यह कहते हुए अपनी रुचि व्यक्त करता हूं कि मैं आपकी कंपनी में निवेश करना चाहता हूं." बता दें कि 'रितेश का निवेश' एक ऐसा मंच है, जहां इच्छुक उद्यमी समर्थन मांग सकते हैं, और जहां मैं उत्साहपूर्वक उन कंपनियों को बढ़ावा देता हूं, जिन पर मैं वास्तव में विश्वास करता हूं. रितेश ने कहा, "ये वास्तविक कहानियां 'शार्क टैंक इंडिया 3' पर सामने आईं, जहां मैंने उल्लेखनीय संस्थापकों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है."