हम जब कभी स्कैम के बारे में सुनते हैं तो कई बार ऐसे-ऐसे तरीके देखने को मिलते हैं, जो हैरान कर देते हैं. कुछ स्कैम ऐसे होते हैं, जिन पर शुरुआत से ही लोगों को भरोसा नहीं हो पाता. इसकी वजह है उनका बिजनेस मॉडल, जो किसी चमत्कार से कम नहीं लगता. ऐसे कुछ चमत्कारी बिजनेस तो चल निकलते हैं और कुछ एक बड़े स्कैम (Startup Scam) की तरह सामने आते हैं. एक ऐसा ही स्कैम किया था एलिजाबेथ होम्स (Elizabeth Holmes) ने, जिसे अंजाम देने के लिए उसने अपने ब्वॉयफ्रेंड की मदद ली थी. एलिजाबेथ की कंपनी थेरानॉस (Theranos) ने एक खास डिवाइस बनाकर सैकड़ों लोगों को अरबों का चूना लगाया था.

क्या था थेरानॉस का बिजनेस मॉडल?

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थेरानॉस का बिजनेस मॉडल सबको हैरान करने वाला था. करीब 20 साल पहले शुरू हुए इस स्टार्टअप थेरानॉस की शुरुआत एक खूबसूरत सी दिखने वाली महिला एलिजाबेथ होम्स ने महज 19 साल की उम्र में 2003 में की थी. इसके तहत एक ब्लड टेस्टिंग (Blood Testing) यानी खून की जांच करने की मशीन बनाई गई थी. 

खून की कुछ बूंदों से होते 200 से ज्यादा टेस्ट!

एलिजाबेथ का दावा था कि उनकी इस मशीन के जरिए खून की सिर्फ कुछ बूंदों का इस्तेमाल कर के ही 200 से भी ज्यादा बीमारियों के टेस्ट किए जा सकते हैं. लोगों को हैरानी इस बात पर हुई कि इन टेस्ट में कैंसर का टेस्ट भी शामिल था. एलिजाबेथ ने इस डिवाइस का नाम एडिसन रखा था. एलिजाबेथ कहती थीं जैसे कई बार फेल होने के बाद थॉमस एडिसन सफल हुए थे, वैसे ही कई बार फेल होने के बाद ये डिवाइस बनी है.

सबको कर लिया इंप्रेस, 9 अरब डॉलर तक जा पहुंची वैल्युएशन

स्टार्टअप्स के मामले में दुनिया का नंबर-1 हब सिलिकॉन वैली भी इस आविष्कार से हैरान था. सिलिकॉन वैली की इस कंपनी के बिजनेस पर किसी को भी भरोसा नहीं हो रहा था. जब डॉक्टरों या साइंटिस्ट को इसे दिखाया गया तो उन्होंने भी इस पर भरोसा नहीं किया. इसके बावजूद आपनी आकर्षक छवि और बात करने के खास अंदाज की बदौलत एलिजाबेज सभी को अपनी बातों पर यकीन दिलाती गईं. देखते ही देखते अगले 11 सालों यानी 2014 तक कंपनी का वैल्युएशन 9 अरब डॉलर हो गया. 

एलिजाबेथ को स्टीव जॉब्स बुलाते थे लोग

स्टीव जॉब्स को तो हर कोई जानता ही है. एलिजाबेथ को उस वक्त लोग स्टीव जॉब्स ही कहकर बुलाया करते थे. एलिजाबेथ के कपड़ों से लेकर बिना लाइसेंस प्लेट वाली काली गाड़ी तक, सब कुछ स्टीव जॉब्स के स्टाइल जैसा था. 

टॉप अरबपतियों ने लगा दिए थे पैसे

एलिजाबेथ किस कदर लोगों को अपनी बातों के जाल में फंसा लेती थी, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि रूपर्ट मुर्डोक, ऑरेकल के फाउंडर लैरी एलिसन, वॉलमार्ट के वॉल्टन परिवार समेत कई दिग्गजों ने थेरानॉस में पैसे लगा दिए थे. यहां तक कि फोर्ब्स की अरबपतियों की लिस्ट में भी एक बार एलिजाबेथ शामिल हो गईं और फॉर्च्यून मैगजीन में भी अपनी जगह बना ली.

औंधे मुंह गिरा धोखे की नींव पर बना रेत का महल

ये बात एलिजाबेथ अच्छे से जानती थीं कि थेरानॉस उस रेत के महल जैसा है, जिसे धोखे की नींव पर बनाया गया है. एक ना एक दिन इसका ढहना तय था और 2015 में वो दिन भी आ गया. स्ट्रीट जर्नल के एक पत्रकार ने इसका पर्दाफाश किया. उन्होंने एलिजाबेथ के इनोवेशन को एक धोखा बताया. 

जांच में खुल गई फर्जी मशीन की पोल

जब छानबीन की गई तो पता चला कि थेरानॉस की मशीन एडिशन सिर्फ कुछ ही टेस्ट करती है और उसकी एक्युरेसी भी बहुत ही कम है. अधिकतर टेस्ट को दूसरी मशीनों से किए जाते थे. जैसे ही लोगों को पता चला कि थेरानॉस एक धोखा है, देखते ही देखते 9 अरब डॉलर की कंपनी का वैल्युएशन जीरो हो गया और मामला कोर्ट तक जा पहुंचा.

ब्वायफ्रेंड के साथ मिलकर किया था ये स्कैम

एलिजाबेथ ने ये स्कैम अकेले नहीं किया, बल्कि अपने ब्वायफ्रेंड रमेश 'सनी' बलवानी (Ramesh 'Sunny' Balwani) के साथ मिलकर किया था. रमेश बलवानी 37 साल की उम्र में 18 साल की एलिजाबेथ से मिले थे, जिसके बाद दोनों में प्यार हो गया और बाद में दोनों ने मिलकर ये स्कैम किया. 

कोर्ट ने सुनाई भारी भरकम सजा

कैलिफोर्निया कोर्ट ने पिछले ही साल मार्च के महीने में रमेश को 13 साल जेल की सजा सुनाई थी. सनी को थेरानॉस के जरिए निवेशकों और पीड़ितों से धोखाधड़ी का दोषी पाया गया है, जो स्कैम के दौरान कंपनी के सीओओ थे. इससे पिछले ही साल फरवरी में एलिजाबेथ को भी कोर्ट ने 11 साल 3 महीने जेल की सजा सुनाई थी.