पेंसिल (Pencil) पकड़कर बच्चा लिखना सीखता है. पेंसिल से बच्चा शब्द रचता है और फिर शब्दों से अपना भविष्य. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेंसिल बनाने के लिए हर साल लाखों पड़े काट दिए जाते हैं. एक तरफ हम पर्यावरण बचाने की बातें करते हैं लेकिन वहीं अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर पेडों को काट देते हैं. 

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लेकिन, बेंगलुरु (Bangalore) के नौजवानों ने पर्यावरण बचाने की मुहिम में एक अनोखी पहल करते हुए रद्दी अखबार से पेंसिल (Paper Pencil) तैयार की हैं. रद्दी से पेंसिल तैयार कर ये नौजवान पेड़ बचाने में अपना बड़ा योगदान दे रहे हैं. उन्होंने 6000 रद्दी अखबारों से 10,000 पेंसिल तैयार की हैं.

बेंगलुरु के अक्षता भद्राणां और राहुल ने रद्दी अखबार से पेंसिल (Recycled Paper Pencil) बनाने का स्टार्टअप शुरू किया है. ये नौजवान इंडोनेशिया में अच्छा समय बिताकर अपने देश वापस आए हैं और यहां आकर उन्होंने Dopolgy नाम से एक ऐसा स्टार्टअप शुरू किया जो न केवल लोगों को रोजगार दे रहा है, बल्कि पर्यावरण को महफूज रखने में भी मदद कर रहा है.  

बेंगलुरु से लगभग 350 किलोमीटर दूर धाड़वाड़ में इन्होंने मशीन लगाकर बच्चों के लिए पेंसिल बनाने का काम शुरू किया है. अक्षता कहती हैं कि रद्दी अखबार से बनी उनकी पेंसिल का बाजार में खूब मांग उठ रही है. उनकी यह पेंसिल पूरी तरह से ईको फ्रेंडली है. इससे पेड़ तो बचते ही हैं साथ ही अखबार की रद्दी से भी छुटकारा मिलता है. 

पेंसिल के अलावा राहुल और अक्षता भद्राणां रद्दी पेपर से अन्य सामान भी तैयार कर रहे हैं. इनमें विवाह-समारोह के समय दिए जाने वाले शगुन के लिफाफे, थैले, ग्रीटिंग और वेडिंग कार्ड शामिल हैं. Dopolgy ने बांस से बने टूथब्रश भी तैयार किए हैं.

राहुल धाड़वार की फैक्ट्री संभालते हैं जबकि अक्षिता घर से ऑनलाइन मिलने वाले ऑर्डर को पूरा करने का काम देखती हैं.

(रिपोर्ट- जयपाल शर्मा)