भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बिना इजातज प्रीपेड भुगतान उत्पाद जारी करने वाली कंपनी टॉकचार्ज (Talkcharge) टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड पर बड़ा एक्शन लिया है. कंपनी से बैंक ने कहा है कि वह ग्राहकों के वॉलेट में पड़े पैसे उन्हें वापस लौटाए. साथ ही लोगों को सजग करते हुए यह भी कहा है कि किसी भी ऐसी अनाधिकृत इकाई को पैसे देते वक्त सावधानी बरतें. 

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गुरुग्राम की कंपनी टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के तहत जरूरी मंजूरी लिए बगैर ही अपनी वेबसाइट और 'टॉकचार्ज' ऐप के जरिए पीपीआई जारी कर रही थी. इसके बारे में रिजर्व बैंक को पता चलते ही केंद्रीय बैंक ने 2 अप्रैल को जारी आदेश में कंपनी को प्रीपेड भुगतान उत्पाद या वॉलेट जारी करने और संचालन रोकने के साथ ही 15 दिनों के भीतर वॉलेट में रखी राशि वापस करने को कहा था. लेकिन कंपनी के अनुरोध पर राशि वापसी की समय सीमा को बढ़ाकर 17 मई, 2024 कर दिया गया है.

कैशबैक के पैसे वापस मांग रही थी कंपनी

भारतीय रिजर्व बैंक ने 25 अप्रैल को जारी किए गए अपने नोटिस में लिखा कि उसे यह भी पता चला है कि टॉकचार्ज की तरफ से ग्राहकों को कैशबैक के पैसे वापस लौटाने को कहा जा रहा है. टॉकचार्ज लोगों से कह रही थी कि अगर कैशबैक वापस नहीं किया जाएगा तो इसके बारे में भारतीय रिजर्व बैंक को सूचित किया जाएगा. 

इस तरह टॉकचार्ज अपने ग्राहकों के मन में यह धारणा बना रही थी कि कैशबैक राशि वापस चुकाने की मांग भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश पर की जा रही है. भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को कंपनी से मिले कैशबैक पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उसने टॉकचार्ज टेक्नोलॉजीज को सिर्फ वॉलेट में पड़ी प्रीपेड राशि लौटाने का निर्देश दिया है. यानी जो कैशबैक ग्राहकों को मिल चुका है, कंपनी वह पैसे उनसे वापस नहीं मांग सकती है.

क्या करती है ये कंपनी?

टॉकचार्ज एक वॉलेट सर्विस देने वाली कंपनी है, जिसमें पैसे रखने पर ग्राहकों के कैशबैक के ऑफर दिए जा रहे थे. यह ऑफर इतने शानदार थे कि बहुत सारे लोगों ने इस ऐप में पैसे लगा दिए. बात अगर ऑफर की करें तो आपको 5000 रुपये वॉलेट में डालकर 10 हजार रुपये तक का कैशबैक देने का ऑफर दिया जा रहा था. शुरुआत में तो कुछ लोगों के अच्छा फायदा हुआ, लेकिन ज्यादा कैशबैक के चक्कर में लोग लंबे वक्त तक इसमें पैसे रखने लगे.

असली दिक्कत तब शुरू हुई, जब लोग अपने ही पैसों का इस्तेमाल करने में दिक्कत महसूस करने लगे. लोग उन पैसों का इस्तेमाल कर के ना तो रिचार्ज कर पा रहे थे. ऐसे में टॉकचार्ज ने एक बड़ा गेम खेलते हुए प्राइओरिटी पास निकाला. लोगों को बताया गया कि यह पास खरीदने के बाद ही लोग अपना पैसों को बिना किसी रोक-टोक के इस्तेमाल कर सकेंगे. दरअसल, कंपनी ने एक वक्त के बाद 1000 रुपये से ज्यादा पैसे एक ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी थी. लोगों ने ये देखकर प्राइओरिटी पास भी खरीद लिया, लेकिन ना तो वह पैसा निकाल पा रहे थे ना ही उसका इस्तेमाल कर के कोई रिचार्ज कर पा रहे थे.  एक यूजर ने बताया कि उसने 7999 रुपये प्राइओरिटी पास के सब्सक्रिप्शन के तौर पर चुकाए हैं.

Scam का लग रहा आरोप

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस ऐप के खिलाफ यूं ही एक्शन नहीं लिया है. सोशल मीडिया से लेकर गूगल प्ले स्टोर तक पर इस ऐप के खिलाफ शिकायतें की जा रही हैं. लोग आरोप लगा रहे हैं कि कंपनी इस ऐप के जरिए एक बड़ा स्कैम कर रही है. गूगल प्ले स्टोर पर इस ऐप की रेटिंग महज 1.5 है. बता दें कि यह रेटिंग करीब 15,447 लोगों की रेटिंग के आधार पर निकाली गई है. यह दिखाता है कि इस ऐप से लगभग सभी लोगों को दिक्कतें हो रही हैं. 

रिचार्ज और बिल पेमेंट पर 20% की कन्वेंस फीस

लोगों को दिक्कत ये भी है कि शुरुआत में कंपनी रिचार्ज और बिल पेमेंट पर कोई चार्ज नहीं ले रही थी, लेकिन अब उस पर कन्वेंस फीस लेने लगी है, जो 20 फीसदी है. यानी अगर आपने 500 रुपये का रिचार्ज किया तो उस पर आपको 100 रुपये तो कन्वेंस फीस चुकानी होगी. अब ग्राहक इसे धोखेबाजी कह रहे हैं. एक यूजर ने गूगल प्ले स्टोर पर अपने रिव्यू में लिखा है कि जब उन्होंने कस्टमर केयर से बात की तो उन्होंने कहा कि भविष्य में यह चार्ज 30 फीसदी तक भी बढ़ सकता है.

प्राइओरिटी पास के नाम पर भी धोखाधड़ी

कंपनी के प्राइओरिटी पास की कीमत भी एक नहीं, बल्कि अलग-अलग थी. प्ले स्टोर के रिव्यू देखकर पता चलता है कि कुछ लोगों ने 1499 रुपये चुकाए तो कुछ ने 1999 रुपये और कुछ ने उससे भी ज्यादा. वहीं एक शख्स ने तो दावा किया है कि उसने प्राइओरिटी पास के नाम पर 34,999 रुपये चुकाए. उसके अनुसार वॉलेट में करीब 2,45,165 रुपये थे, जिसे वह कंपनी से वापस मांग रहा था.

यही सारी वजहें हैं, जिन्हें देखकर लोगों ने इस ऐप के खिलाफ शिकायतों का अंबार लगा दिया. प्ले स्टोर पर तो लोग शिकायत कर ही रहे हैं, साथ ही हर मुमकिन प्लेटफॉर्म पर लोग शिकायत कर रहे हैं. यही वजह है कि शिकायत भारतीय रिजर्व बैंक तक जा पहुंची. नतीजा ये हुआ कि अब बैंक ने टॉकचार्ज के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है.