फिनटेक प्लेटफॉर्म रेजरपे (Razorpay) ने मुंबई के डिजिटल इनवॉइस की सुविधा देने वाले स्टार्टअप (Startup) बिलमी (BillMe) का अधिग्रहण (Acquisition) कर लिया है. इस डील का मकसद उपभोक्ताओं के साथ बेहतर संपर्क के लिए ‘हाइब्रिड मॉडल’ के साथ तमाम बिजनेस को सशक्त बनाना है. हालांकि, अभी तक कंपनी ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि यह डील कितने रुपये में हुई है. 

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रेजरपे एक पेमेंट और बैंकिंग सॉल्यूशन मुहैया कराने वाला स्टार्टअप है. Tiger Global के निवेश वाले इस स्टार्टअप ने पिछले ही साल जुलाई में ऑफलाइन भुगतान के मार्केट में एंट्री मारी थी. इसके लिए कंपनी ने प्वाइंट ऑफ सेल यानी पीओएस डिवाइस बनाने वाली कंपनी  Ezetap का 200 मिलियन डॉलर में अधिग्रहण किया था. अब ये स्टार्टअप तीन तरह के डिवाइस ऑफर करता है- एंड्रॉइड स्मार्ट पीओएस, एंड्रॉइड स्मार्ट मिनी पीओएस और एक मोबाइल डिवाइस है.

पेपर बिल जनरेट करने का झंझट खत्म होगा

BillMe की टेक्नोलॉजी के साथ Razorpay के इंटीग्रेशन से अब रेजरपे के डिवाइस यूजर और ऑफलाइन मर्चेंट डिजिटल इनवॉइस जनरेट कर सकते हैं, जिससे पेपर बिल जनरेट करने का झंझट खत्म हो जाएगा. तमाम बिजनेस डिजिटल इनवॉइसिंग की मदद से महज 10 मिनट में ही लाइव हो सकेंगे. रेजरपे के को-फाउंडर शशांक कुमार कहते हैं कि ग्लोबल डिजिटल रिसीप्त का मार्केट 2027 तक 2.3 अरब डॉलर का हो जाएगा.

6 साल से चल रहा है ये स्टार्टअप

BillMe करीब 6 साल पुराना स्टार्टअप है, जिसकी शुरुआत जय हेमरजनी, कुबेर प्रतिमनी और रूपम जैन ने की थी. इस बिजनेस ने अब तक करीब 4000 बिजनेस के टेक्नोलॉजी मुहैया कराई है. यह स्टार्टअप McDonald’s, Burger King, Decathlon, Baggit, Relaxo Footwear और Cinepolis जैसे तमाम बिजनेस के लिए करीब 15 हजार रिटेल पीओएस मैनेज करता है.

क्या बोले को-फाउंडर्स?

रेजरपे के प्रबंध निदेशक और को-फाउंडर शशांक कुमार ने एक बयान में कहा- 'अब रेजरपे के व्यापारिक संबंधों और बाजार की मजबूत समझ के साथ तेजी से बढ़ने और सभी भुगतान समाधानों तक आसान पहुंच बनाने में ऑफलाइन खुदरा ब्रांड के एक बड़े आधार को सक्षम बनाएंगे।' वहीं दूसरी ओर अधिग्रहीत हुए स्टार्टअप बिलमी के को-फाउंडर कुबेर प्रितमानी ने कहा कि कंपनी रेजरपे के साथ सहयोग को लेकर तत्पर है. इस तरह हर एक उपभोक्ताओं को अधिक प्रभावी अनुभव मिल पाएगा.