Ratan Tata invests in Goodfellows: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) ने मंगलवार को वरिष्ठ नागरिकों को सेवा के रूप में सहयोग प्रदान करने वाली स्टार्टअप गुडफेलोज (Goodfellows) में निवेश की घोषणा की है हालांकि, निवेश की राशि का खुलासा नहीं किया गया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, टाटा समूह से रिटायर होने के बाद टाटा लगातार स्टार्टअप कंपनियों का समर्थन करते रहे हैं. वह अबतक 50 से ज्यादा कंपनियों में निवेश कर चुके हैं. इस नई कंपनी की स्थापना शांतनु नायडू ने की है. कॉर्नेल विश्वविद्यालय से शिक्षित 30 वर्षीय नायडू, टाटा के कार्यालय में एक महाप्रबंधक हैं और 2018 से उनके साथ जुड़े हैं

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दुनिया में 1.5 करोड़ बुजुर्ग 

टाटा ने विवाह नहीं किया है. 84 वर्षीय टाटा ने कहा कि आप तब तक यह समझ सकते हैं कि अकेले रहना कैसा होता है, जबतक कि आप खुद अकेले रहते हैं और साथ चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एक अच्छे स्वभाव वाला साथी हासिल करना भी एक चुनौती है. नायडू ने टाटा (Ratan Tata) को एक बॉस, एक संरक्षक और एक मित्र के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में 1.5 करोड़ बुजुर्ग हैं, जो अकेले हैं

पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु में सेवाएं देने की योजना 

स्टार्टअप वरिष्ठ नागरिक ग्राहकों के साथी के रूप में ‘काम’ करने के लिए युवा स्नातकों को काम पर रखता है. आम तौर पर, एक साथी सप्ताह में तीन बार ग्राहक से मिलने जाता है, और चार घंटों तक रहता है. एक महीने की फ्री सेवा के बाद कंपनी एक महीने का 5,000 रुपये का मासिक शुल्क लेती है. कंपनी (Goodfellows) आर्थिक राजधानी में बीटा चरण में पिछले छह महीनों से 20 बुजुर्गों के साथ काम कर रही है और आगे पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु में सेवाएं देने की योजना बना रही है.

टाटा को सहज निवेशक बताया

नायडू (Shantanu Naidu) ने बताया कि उन्होंने मनोवैज्ञानिकों की मदद से एक वरिष्ठ नागरिक के साथी के रूप में काम करने के लिए सही उम्मीदवार का चयन करने को एक मॉडल विकसित किया है. नायडू ने टाटा (Ratan Tata) को सहज निवेशक बताया है, जो किसी कंपनी का समर्थन करने से पहले एक व्यापक समुदाय या समाज के लिए एक व्यावसायिक विचार की प्रासंगिकता को देखता है.