प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो नवंबर को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिये अधिक ब्याज सब्सिडी समेत कई अन्य उपायों की घोषणा कर सकते हैं. एक अधिकारी बताया कि इससे एमएसएमई क्षेत्र को गति मिलेगी और अधिक रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी.

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अधिकारी ने कहा कि अधिक ब्याज सब्सिडी से कर्ज सस्ता होगा और एमएसएमई के लिये कर्ज वितरण बढ़ सकता है. प्रधानमंत्री द्वारा घोषित किये जाने वाले उपायों में यह शामिल हो सकता है. वित्त मंत्रालय इन प्रस्तावों पर काम कर रहा है.

एमएसएमई क्षेत्र में 6.3 करोड़ से अधिक इकाइयां हैं और 11.1 करोड़ लोगों को इनमें रोजगार मिला हुआ है. जीडीपी में इस क्षेत्र का योगदान 30 प्रतिशत है और विनिर्माण में इसकी हिस्सेदारी करीब 45 प्रतिशत है. देश के कुल निर्यात में इस क्षेत्र की भागीदारी 40 प्रतिशत तक हे. 

 

एमएसएमई इकाइयों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या समय पर उपयुक्त रिण सुविधा हासिल करना है. क्योंकि इनमें ज्यादातर इकाइयां रिण आकलन के मामले में फिट नहीं बैठ पातीं हैं.

(भाषा इनपुट के साथ)