प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सिंगापुर फिनटेक फेस्टिवल में कहा कि भारत नए स्‍टार्ट अप और फिनटेक कंपनियों के सर्वोत्‍तम डेस्टिनेशन है. वे भारत आकर अपना कारोबार शुरू कर सकती हैं. पीएम ने कहा कि हमारे सामने इनोवेशन के कई ऐसे प्रेरक उदाहरण हैं जिनसे लोगों की जिंदगी बदल गई है. लेकिन अभी इस क्षेत्र में बहुत कुछ किया जाना बाकी है. हमारा फोकस असहाय लोगों के विकास के जरिए देश का विकास करना होना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि वित्‍तीय टेक्‍नोलॉजी पर विश्‍व के सबसे बड़े आयोजन वाला यह उत्‍सव तेजी से बढ़ रहे इस क्षेत्र में न केवल भारत की शक्ति को प्रदर्शित करने का उचित मंच है बल्कि इनोवेशन और विकास को बढ़ाने के लिए वैश्विक साझेदारी करने का भी मंच है.

पीएम मंगलवार रात सिंगापुर की दो दिवसीय यात्रा पर गए हैं. इस दौरान वह पूर्वी एशिया सम्मेलन, आसियान-भारत अनौपचारिक बैठक, क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी बैठक में भाग लेंगे और अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ पर ध्यान बरकरार है. मोदी 13वें पूर्वी एशिया सम्मेलन, आसियान-भारत ब्रेकफास्ट सम्मेलन और आरसीईपी सम्मेलन में भाग लेने के लिए सिंगापुर गए हैं. इसके इतर प्रधानमंत्री द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे और सिंगापुर फिनटेक फेस्टिवल में महत्वपूर्ण भाषण भी देंगे.'

सिंगापुर यात्रा से रवाना होने से पहले मोदी ने कहा था कि आसियान-भारत तथा पूर्वी एशिया सम्मेलनों में उनकी भागीदारी आसियान के सदस्‍य देशों और व्‍यापक भारत-प्रशांत क्षेत्र के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के भारत के निरंतर संकल्‍प का प्रतीक है.

प्रधानमंत्री ने सिंगापुर रवाना होने से पहले मंगलवार को एक बयान में कहा था कि इन बैठकों में मेरी भागीदारी आसियान के सदस्‍य देशों और व्‍यापक भारत-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के हमारे निरंतर संकल्‍प का प्रतीक है. मैं आसियान और पूर्वी एशिया के शिखर नेताओं के साथ बातचीत को लेकर आशान्वित हूं. 

उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान उन्हें संयुक्‍त भारत-सिंगापुर हैकेथॉन के प्रतिभागियों और विजेताओं के साथ बातचीत करने का अवसर प्राप्‍त होगा. उन्होंने कहा, 'मेरा दृढ़ विश्‍वास है कि यदि हम सही और प्रोत्‍साहन देने वाली प्रणाली मुहैया कराते हैं तो हमारे युवाओं की योग्‍यता मानवता की चुनौतियों का समाधान करने में वैश्विक नेता बनने की है.'