Funding Winter पर पीयूष गोयल ने दिया बड़ा बयान, तो क्या ये सिर्फ मन का वहम है या वाकई Startups को नहीं मिल रहे पैसे?
पीयूष गोयल ने कहा है कि अर्ली स्टेज स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग विंटर हकीकत से ज्यादा मन का वहम है. उन्होंने कहा कि यह फंडिंग विंटर इन अर्ली स्टार्टअप के दिमाग में ज्यादा है ना कि हकीकत में. उन्होंने कहा कि अच्छे आइडिया को हमेशा ही फंडिंग मिल जाती है, ऐसे बिजनेस में पैसे लगाने वालों की कमी नहीं है.
पिछले करीब डेढ़ साल से सुनने में मिल रहा है कि स्टार्टअप्स (Startups) के लिए फंडिंग विंटर (Funding Winter) चल रहा है. वहीं हाल ही में बेंगलुरु में हुए एक स्टार्टअप इवेंट के दौरान वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने फंडिंग विंटर को लेकर एक अलग ही बात कही है. उन्होंने कहा कि अर्ली स्टेज स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग विंटर हकीकत से ज्यादा मन का वहम है. उन्होंने कहा कि यह फंडिंग विंटर इन अर्ली स्टार्टअप के दिमाग में ज्यादा है ना कि हकीकत में. उन्होंने कहा कि अच्छे आइडिया को हमेशा ही फंडिंग मिल जाती है, ऐसे बिजनेस में पैसे लगाने वालों की कमी नहीं है.
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि हमें हमेशा Churn देखने को मिलेगा, लेकिन कैश फ्लो और प्रॉफिट ही आखिरकार सबसे अहम चीजें रहती हैं. वह बोले कि उनका बिजनेस का अनुभव कहता है कि जब भी आपके पास बहुत सारा पैसा होगा, आपकी गलती करने की आशंका उतनी ही अधिक रहेगी. पीयूष गोयल ने बताया कि स्टार्टअप सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए ही सरकार ने Fund Of Funds, क्रेडिट गारंटी और मेंटरशिप प्रोग्राम शुरू किए हैं.
5 साल में सबसे कम स्टार्टअप फंडिंग
पीयूष गोयल का ये बयान उस वक्त आया है, जब स्टार्टअप ईकोसिस्टम में वाकई पैसों की दिक्कत हो रही है. अमेरिका में पॉलिसी रेट्स पिछले 4 दशकों के टॉप पर जा पहुंचे हैं और ऐसे में स्टार्टअप्स में पैसा लगाने वालों की कमी देखने को मिल रही है. भारत के स्टार्टअप्स में हर साल फंडिंग में भारी गिरावट आ रही है.Tracxn की एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल की पहली छमाही में ही स्टार्टअप फंडिंग में करीब 72 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. वहीं सिर्फ 2023 की तीसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर की बात करें तो इस दौरान पिछले 5 सालों में सबसे कम स्टार्टअप फंडिंग हुई है. इस दौरान महज 1.5 अरब डॉलर की फंडिंग हुई है. अगर पिछले साल की इसी अवधि की बात करें तो उसकी तुलना में साल-दर-साल के आधार पर स्टार्टअप फंडिंग (Startup Funding) में करीब 54 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं पिछली तिमाही की तुलना में फंडिंग में करीब 29 फीसदी की गिरावट आई है.
Tracxn- India Tech Quarterly Funding Report के अनुसार अगर पिछले साल की इसी तिमाही से तुलना करें तो लास्ट-स्टेज राउंड की फंडिंग में 33 फीसदी की गिरावट देखी गई है. वहीं अर्ली-स्टेज फंडिंग में 74 फीसदी की गिरावट आई है. इसके अलावा सीड-स्टेज फंडिंग में 75 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. इस साल की तीसरी तिमाही में सिर्फ 5 फंडिंग राउंड ऐसे हुए हैं, जो 100 मिलियन डॉलर से बड़े रहे हैं. इसमें Perfios, Zepto, Ola Electric, Ather Energy और Zyber 365 जैसी कंपनियां शामिल रही हैं. इनमें सबसे ज्यादा फंडिंग Perfios को सीरीज डी राउंड में 229 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है.
तीसरी तिमाही में बने सिर्फ 2 यूनिकॉर्न
तीसरी तिमाही में सिर्फ 2 यूनिकॉर्न जुड़े हैं. इनमें एक तो Zepto है और दूसरी है Web3 और AI आधारित OS Zyber 365. अगर पिछले साल से तुलना करें तो इस संख्या में करीब 50 फीसदी की गिरावट है. Tracxn की को-फाउंडर नेहा सिंह कहती हैं कि फंडिंग विंटर की चुनौतियों के बावजूद भारत 2023 की तीसरी तिमाही में सबसे ज्यादा फंडिंग पाने वाला पांचवां देश रहा है. वहीं अभी तक के हिसाब से भारत टोटल स्टार्टअप फंडिंग के मामले में चौथे स्थान पर है.
फिनटेक सेक्टर में दिखी तगड़ी ग्रोथ
घरेलू और इंटरनेशनल मार्केट में यूपीआई की स्वीकार्यता बढ़ने के चलते पिछली तिमाही की तुलना में फिनटेक सेक्टर ने करीब 68 फीसदी की ग्रोथ हासिल की है. इसके अलावा इस तिमाही में 33 अधिग्रहण हुए हैं, जो पिछले साल की तिमाही की तुलना में 13 फीसदी कम है.
महीने भर में दोगुनी हो गई फंडिंग
Tracxn के को-फाउंडर अभिषेक गोयल कहते हैं महीने-दर-महीने के आधार पर फंडिंग में बड़ी ग्रोथ देखने को मिली है. अगस्त 2023 में स्टार्टअप को 376 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल हुई थी, जबकि सितंबर में स्टार्टअप फंडिंग का आंकड़ा करीब 91 फीसदी बढ़कर 720 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया.
तीसरी तिमाही में फंडिंग जुटाने के मामले में बेंगलुरू लीडर रहा है. वहीं इसके बाद दूसरा नंबर रहा है मुंबई का और तीसरा नंबर है नोएडा का. 2023 की तीसरी तिमाही के निवेशकों में Accel, Blume और Peak XV Partners टॉप पर रहे हैं. वहीं IPV, 100X.VC और Titan Capital सीड निवेशकों में सबसे आगे हैं, जबकि अर्ली स्टेज निवेशकों में Elevation, Tiger Global Management और Accel शामिल हैं.