Zomato Business Model: सिर्फ Platform Fee से कमाए ₹83 करोड़, एक-दो नहीं इन 10 तरीकों से कंपनी कमाती है पैसे
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Tue, Aug 06, 2024 11:28 AM IST
Zomato Business Model: ऑनलाइन फूड डिलीवरी का बिजनेस करने वाली कंपनी जोमैटो ने सिर्फ प्लेटफॉर्म फीस से ही वित्त वर्ष 2023-24 में 83 करोड़ रुपये कमाए हैं. अभी जोमैटो की प्लेटफॉर्म फीस 6 रुपये है. जोमैटो ने पिछले साल अगस्त में ही 2 रुपये का प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लगाना शुरू किया था. इसके बाद इसे बढ़ाकर 3 रुपये कर दिया था. नए साल पर इसे बढ़ाकर 4 रुपये कर दिया. इसी साल अप्रैल में कंपनी ने इसे 4 रुपये से बढ़ाकर 5 रुपये किया था, जो जुलाई में फिर से बढ़ाकर 6 रुपये कर दी गई. बताया जा रहा है कि कंपनी के मुनाफे में आने की भी ये एक बड़ी वजह है. आइए जानते हैं जोमैटो किन-किन तरीकों से पैसे कमा रहा है.
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Zomato Business Model: सिर्फ Platform Fee से कमाए ₹83 करोड़, एक-दो नहीं इन 10 तरीकों से कंपनी कमाती है पैसे
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1- रेस्टोरेंट लिस्ट कराना
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2- विज्ञापन से होती है तगड़ी कमाई
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3- डिलीवरी फीस भी कमाई का तरीका
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4- रेस्टोरेंट से कमीशन
कई बार आपने देखा होगा कि किसी रेस्टोरेंट का खाना जोमैटो पर महंगा दिखता है. ऐसा इसलिए क्योंकि तमाम रेस्टोरेंट को जोमैटो के ऐप का इस्तेमाल करते हुए अपना प्रोडक्ट बेचने पर एक कमीशन चुकाना होता है. ऐसे में जोमैटो से खाना मंगवाने पर यह चार्ज भी रेस्टोरेंट ग्राहकों से ही वसूलते हैं. यह चार्ज भी 2-3 पैकेज में दिया जाता है, जो आपकी ऑर्डर वैल्यू का 23% से लेकर 27% तक होता है.
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5- लॉयल्टी प्रोग्राम से भी कमाता है जोमैटो
जोमैटो ने अपने लॉयल्टी प्रोग्राम से अधिक से अधिक ग्राहकों को खुद से जोड़ने की कोशिश की है. तमाम कंपनियों की तरह जोमैटो भी एक लॉयल्टी प्रोग्राम चलाता है, जिससे वह अधिक से अधिक ग्राहकों को खुद से जोड़ता है. इसके तहत कंपनी जोमैटो गोल्ड का सब्सक्रिप्शन देती है, जिसकी कीमत अलग-अलग अवधि के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है. यह भी कंपनी की कमाई का एक जरिया है. हालांकि, कंपनियां इसे कमाई से ज्यादा ग्राहकों की संख्या बढ़ाने के टूल की तरह देखती हैं और इसके चलते बाकी तरीकों से होने वाली कमाई खुद ही बढ़ जाती है.
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6- इवेंट्स टिकट सेल भी कमाई का जरिया
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7- प्लेटफॉर्म फीस
अगर आप जोमैटो से कुछ ऑर्डर करते हैं तो वहां पर आपको एक प्लेटफॉर्म फीस भी दिखाई देती होगी. अभी यह फीस 5 रुपये है. जोमैटो ने पिछले साल अगस्त में 2 रुपये का प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लगाना शुरू किया था. इसके बाद इसे बढ़ाकर 3 रुपये कर दिया था। नए साल की पूर्व संध्या परइसे बढ़ाकर 4 रुपये कर दिया। इस तरह देखा जाए तो करीब 6-7 महीनों में प्लेटफॉर्म शुल्क में ढाई गुना तक की बढ़ोतरी हो गई है. कंपनी हर साल करीब 1 अरब यानी 100 करोड़ सालाना ऑर्डर के आंकड़े पर पहुंच चुकी है. इस तरह देखें तो सालाना 100 करोड़ ऑर्डर से कंपनी करीब 500 करोड़ रुपये कमा सकती है.
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8- क्विक कॉमर्स- ब्लिंकइट
क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म ब्लिंकट भी जोमैटो का ही हिस्सा है. इससे सामान मंगवाने में आप जो डिलीवरी फीस,प्लेटफॉर्म फीस या कोई और चार्ज देते हैं, वह भी जोमैटो के ही खाते में जुड़ता है. वहीं ब्लिंकइट पर तमाम वेंडर्स की लिस्टिंग का जो चार्ज लिया जाता है, वह भी जोमैटे को ही मिलता है. Goldman Sachs के अनुसार 2 सालों में ब्लिंकइट की वैल्यू जोमैटो के मूल बिजनेस यानी ऑनलाइन फूड डिलीवरी से भी अधिक हो गई है. ब्लिंकइट का वैल्युएशन करीब 13 अरब डॉलर का हो चुका है, जो मार्च 2023 में महज 2 बिलियन डॉलर का था. बता दें कि जोमैटो का कुल वैल्युएशन करीब 20 अरब डॉलर है, जिसमें से 13 अरब डॉलर तो सिर्फ ब्लिंकइट का वैल्युएशन है.
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9- हाइपरप्योर से कमाई
जोमैटो का एक और बिजनेस मॉडल है, जिसका नाम है हाइपरप्योर. यह बिजनेस खासतौर पर अपने वेंडर्स को थोक में सामान सप्लाई करता है. यानी आप अगर जोमैटो के वेंडर हैं और आपको आटा, चावल, दाल, सब्जी, फल या कोई पैकेजिंग का सामान चाहिए, तो वह सब आपको हाइपरप्योर से बहुत ही अच्छे दाम पर मिल सकता है. इस तरह कंपनी हाइपरप्योर से भी जो कमाई करती है, वह जोमैटो के ही खाते में जुड़ता है.
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