फिनटेक इंडस्ट्री के जाने-माने नाम फोनपे ने (PhonePe) अपने प्लेटफॉर्म पर मर्चेंट लेंडिंग सर्विस (Merchant Lending Service) की शुरुआत कर दी है. मौजूदा वक्त में इस फिनटेक कंपनी के पास करीब 35 मिलियन यानी लगभग 3.5 करोड़ मर्चेंट का एक बड़ा नेटवर्क है. कंपनी अपने मर्चेंट्स को अपनी टेक्नोलॉजी और अपने बड़े डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क के जरिए बैंकों और एनबीएफसी (NBFC) पार्टनर्स के जरिए लोन मुहैया करवाएगी. लोन देने का काम और बाद में उसे रिकवर करने की जिम्मेदारी बैंकों और एनबीएफसी की ही होगी.

पहले एनबीएफसी का लाइसेंस लेना चाहती थी कंपनी

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दिलचस्प है कि कुछ वक्त पहले ऐसी खबर आ रही थी कि वॉलमार्ट समर्थित ये फिनटेक कंपनी एनबीएफसी का लाइसेंस हासिल करना चाहती है. वहीं अब कंपनी ने ऐप पर ही लेंडिंग सर्विस देने का फैसला किया है. इस घोषणा के बाद अब ये कंपनी पेटीएम और भारतपे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हो गई है. पेटीएम और भारतपे की तरफ से कुछ समय पहले ही लेंडिंग सर्विस लॉन्च की जा चुकी. अच्छी बात तो ये है कि लेंडिंग सर्विस से ये कंपनियां खूब कमाई भी कर रही हैं. यही वजह है कि फोनपे ने भी अपने बिजनेस में इसे शामिल किया है.

ZestMoney का करना चाहती थी अधिग्रहण

यह डेवलपमेंट फिनटेक कंपनी फोनपे और बाई-नाऊ-पे-लेटर प्लेटफॉर्म ZestMoney के बीच होने वाली डील के फेल होने के कुछ महीनों बाद आया है. इससे पहले फोनपे का प्लान ZestMoney का अधिग्रहण कर के कंज्यूमर लेंडिंग के बिजनेस में घुसने का था, लेकिन डील नहीं हो पाने के चलते अब फोन पे ने ये रास्ता अपनाया है. 

20 हजार लोन दे भी चुकी है कंपनी

फोनपे के प्रवक्ता के अनुसार पायलट प्रोजेक्ट के दौरान मई 2023 से लेकर अब तक फोन पे ने करीब 20 हजार लोन दे भी दिए हैं. उन्होंने कहा- अभी हम 3 पार्टनर्स के साथ जुड़े हुए हैं और 3-4 अन्य पार्टनर्स के साथ हमारी बात चल रही है. हम फोनपे को एक कम्प्रिहेंसिव मार्केटप्लेस बनाने की कोशिश कर रहे हैं. अभी तक दिए गया गया लोन 15 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये के बीच रहा है. ये अलग-अलग मर्चेंट के हिसाब से अलग-अलग है.

46.5 करोड़ हैं कंपनी के रजिस्टर्ड यूजर

साल 2015 में शुरू हुई फिनटेक कंपनी फोनपे का दावा है कि उसके पास करीब 46.5 करोड़ रजिस्टर्ड यूजर हैं और कंपनी के पास 3.5 करोड़ ऑफलाइन मर्चेंट्स का एक बड़ा नेटवर्क है. अगर यूपीआई पेमेंट्स की वैल्यू के हिसाब से देखें तो बाजार की 50 फीसदी हिस्सेदारी फोनपे के पास है. मार्च 2023 में कंपनी की सालाना पेमेंट की कुल वैल्यू ने 1 ट्रिनियन डॉलर यानी 1 लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा छू लिया था. साल 2017 में ये फिनटेक कंपनी वित्तीय सेवाओं के बिजनेस में घुसी थी, जिसके तहत कुछ म्यूचुअल फंड्स और इंश्योरेंस प्रोडक्ट कंपनी बेचती है.