PhonePe के Indus Appstore से को-फाउंडर का इस्तीफा, लिंक्डइन पर लिखी बड़ी सी पोस्ट
फोन-पे के मालिकाना हक वाले Indus Appstore के को-फाउंडर और सीईओ राकेश देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है. इसे पहले Indus OS नाम से जाना जाता था. अपने इस्तीफे की बात खुद राकेश देशमुख ने लिंक्डइन पर कही है और वहां एक बड़ी सी पोस्ट भी लिखी है.
फोन-पे के मालिकाना हक वाले Indus Appstore के को-फाउंडर और सीईओ राकेश देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है. इसे पहले Indus OS नाम से जाना जाता था. अपने इस्तीफे की बात खुद राकेश देशमुख ने लिंक्डइन पर कही है और वहां एक बड़ी सी पोस्ट भी लिखी है. साथ ही उन्होंने अपने लिंक्डइन के बायो में अपनी पोजीशन पूर्व सीईओ कर दी है.
इस कंपनी की शुरुआत राकेश देशमुख ने आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र आकाश डोगरे (Akash Dongre) और Sudhir Bangarambandi के साथ साल 2013 में की थी. यह प्लेटफॉर्म अपने ऐप मार्केटप्लेस के लिए जाना जाता था, जिसका नाम ऐपबाजार था. यह यूजर्स को तमाम भारतीय भाषाओं में ऐप्स को इस्तेमाल करने की सुविधा देता है.
यह डेवलपमेंट उस वक्त में सामने आया है, जब कंपनी अपना एंड्रॉइड मार्केटप्लेस लॉन्च करने की तैयारी कर रही थी. अपने इस ऐप मार्केटप्लेस के जरिए कंपनी गूगल के प्ले स्टोर को भारतीय बाजार में टक्कर देना चाहती थी.
क्या होगा Indus Appstore का भविष्य?
देशमुख के जाने के बावजूद बाकी दोनों को-फाउंडर अपने पद पर बने रहेंगे. आकाश कंपनी में चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर हैं, जबकि सुधीर कंपनी के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर के पद पर नियुक्त हैं. फोनपे के प्रवक्ता ने कहा- हम राकेश को उनके भविष्य के लिए बहुत शुभकामनाएं देते हैं. आकाश, सुधीर और पूरी इंडस टीम इंडस ऐपस्टोर को लेकर अपने कमिटेंट और विजन पर कायम हैं. वह बोले कि राकेश ने इस कंपनी को पिछले करीब एक दशक में काफी अच्छे से आगे बढ़ाया है. मई 2022 में फोनपे ने इस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया था.
मेड इन इंडिया ऐप स्टोर
Indus Appstore एक मेड इन इंडिया ऐप स्टोर है, जिस पर डेवलपर्स से उनके ऐप लिस्ट करने के लिए कहा गया है. मौजूदा वक्त में यह ऐप डेवलपर्स को अंग्रेजी के अलावा 12 भारतीय भाषाओं में अपने ऐप को लिस्ट करने की इजाजत दे रहा है. इससे गूगल-ऐप्पल के एकाधिकार को खत्म किया जा सकेगा और ऐप्स डाउनलोड करने के लिए ग्राहकों को एक और विकल्प मिल जाएगा.
डेवलपर्स को किया जा रहा आमंत्रित
मौजूदा वक्त में कंपनी की तरफ से तमाम डेवलपर्स को इस प्लेटफॉर्म पर ऐप लिस्ट करने के लिए इनवाइट किया जा रहा है. पहले साल इस ऐप स्टोर पर तमाम ऐप्स की लिस्टिंग बिल्कुल फ्री होगी. वहीं दूसरे साल से चार्ज लगेगा, लेकिन मामूली. हालांकि, कंपनी ने अभी तक यह नहीं बताया है कि यह फीस कितनी होगी. डेवलपर्स से इन-ऐप पर्चेस पर भी कोई फीस या कमीशन चार्ज नहीं लिया जाएगा. बता दें कि अभी गूगल और एप्पल इन-ऐप पर्चेज और पेड ऐप सेल्स पर 15-30 फीसदी तक का कमीशन लेती हैं.
पहले ही दे किया था ऐप स्टोर लॉन्च करने का इशारा
पिछले साल जुलाई में फोनपे ने एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इंडस ओएस (Insus OS) का अधिग्रहण किया था, जो एक स्वदेशी एंड्रॉएड कंटेंट और ऐप डिस्कवरी प्लेटफॉर्म है. अप्रैल 2023 में कंपनी के को-फाउंडर समीर निगम ने एक इंटरव्यू के दौरान भी इस बात का जिक्र किया था कि कंपनी एक ऐप स्टोर बनाने की प्लानिंग कर रही है, जिसका रिजल्ट अब हमारे सामने है.
जल्द ही ग्राहकों के लिए आएगा ऐप
इंडस ऐपस्टोर 24 घंटे सपोर्ट देने का भी दावा कर रहा है. बताया जा रहा है कि यह ऐप स्टोर जल्द ही एक कंज्यूमर-फेसिंग ऐप लॉन्च करेगा. इसमें फीचर्ड ऐप, टॉप ऐप, टॉप गेम, और न्यूज ऐप जैसे सेक्शन हो सकते हैं. साथ ही गेम्स, एक्सप्लोर पेज और उनकी अकाउंट गतिविधि को मैनेज करने के लिए टैब भी होंगे. आपको जो भाषा पसंद हो, आप उसमें इस ऐप को देख सकेंगे. वहीं सर्च बार की मदद से यूजर्स को अपनी पसंदीदा भाषा चुनने और ऐप या गेम को सर्च करने में मदद करेगा.